फिल्में हमेशा ही प्रेरणादाई होती है।इनका हमारे जीवन में गहरा असर देखा जा सकता है और खास कर घूमने फिरने की जगहों के विषय में।आप सब को साउथ के सुपर स्टार प्रभास की फिल्म बाहुबली तो याद ही होगी।यह फिल्म बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को बहुत पसंद आई थी।जितनी तारीफ इस फिल्म में सभी कलाकारों की एक्टिंग की की गई थी उतनी ही तारीफ फिल्म में दिखाए गए खूबसूरत लोकेशन की भी की गई थी।इस फिल्म के एक दृश्य में ऊंचाई से गिरता एक खूबसूरत झरना दिखाया गया था।अगर आप भी ऐसा ही एक वॉटरफॉल देखने के इच्छुक हैं तो फिर चले आइए छत्तीसगढ़ के हंदवाड़ा वॉटरफॉल को देखने आपको बाहुबली फिल्म का वो दृश्य जीवंत देखने को मिलेगा।तो आइए जानते इस खूबसूरत झरने के विषय में।
हांदावाड़ा वॉटरफॉल
छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में स्थित ओरछा ब्लॉक के हांदावाड़ा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत लगभग 5 km. की दूरी पर धारा डोंगरी पहाडी से एक प्रपात के स्वरूप मे लगभग 500 फिट के उंचाई से जल की धारा गिरती है। जिसे हांदावाड़ा जलप्रपात के नाम से जाना जाता है।इस खूबसूरत जलप्रपात को देखना मानो की सपनो की दुनिया को देखने जैसा है।यह वॉटरफॉल को छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा वॉटरफॉल है। घने जंगलों के बीच स्थित इस जलप्रपात तक पहुंचने के लिए आपको 5 किमी का पैदल ट्रेक करना पड़ेगा।लेकिन यकीन मानिए जब आप इस वॉटरफॉल को देखेंगे तो आपकी सारी थकान एकदम से गायब हो जायेगी।
प्राकृतिक संपदा का है भंडार
घने जंगलों के बीच स्थित इस यह खूबसूरत झरना असल में प्राकृतिक संपदा का भंडार है। यहां चारो ओर आपको हरियाली ही हरियाली देखने को मिलेगा।साथ ही यह घना जंगल न जाने कितने की जीव जंतुओं का घर भी है।साथ ही साथ आपको यहां बहुत से नदी और गुफाएं भी देखने को मिलेंगी जो काफी प्राचीन है।अगर आप भी एक प्रकृति प्रेमी है और प्रकृति के बीच अपना समय व्यतीत करना चाहते है तो यह एक बेहतर ऑप्शन है आपके लिए।
आखिर क्यों है पर्यटकों की नजरों से अभी भी दूर
पर्यटक विभाग की माने तो यह खूबसूरत जलप्रपात केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के विशाल जलप्रपातो में से एक है।लेकिन अभी भी इस खूबसूरत जगह को देखने उतने पर्यटक नहीं आ पा रहे है जिसका कारण है नक्सली। जी हां यह वॉटरफॉल एक नक्सली क्षेत्र में स्थित है ।इस कारण यह उतने पर्यटकों का आना नही हो पाता ।लेकिन सरकार के प्रयासों से अब इन क्षेत्रों में भी कार्य प्रगति से किया जा रहा है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है।जिससे इस खूबसूरत स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में और भी अधिक विकसित किया जा सके।
बाहुबली फिल्म के एक सीन के लिए इस जलप्रपात को चुना गया था
इस वॉटरफॉल की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है की फिल्म इंडस्ट्री भी इसकी ओर आकर्षित हो गई।जी हां आपको जान कर हैरानी होगी कि फिल्म बाहुबली के एक सीन के लिए पहले इस खूबसूरत वॉटरफॉल का चुनाव किया गया था।लेकिन बाद में लेकिन कुछ नक्सली खतरे को देखते हुए डायरेक्टरों को अपने प्लान को बदलना पड़ा और इसके जगह आर्टिफिशियल सीन का इस्तेमाल शूटिंग हेतु किया गया। अगर इस जगह में सच में बाहुबली के शूटिंग हुई होती तो शायद आज यह पूरे भारत भर में काफी प्रसिद्ध रहता और लोगो को इस अमूल्य जगह के बारे में पता चल पता। लोग इसे बाहुबली झरने के नाम से भी जानते है।
बेहद दुर्गम है यहां रास्ता
आपको जानकर हैरानी होगी की इतने खूबसूरत वॉटरफॉल तक पहुंचना इतना आसान नहीं है बल्कि कई सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।यह वॉटरफॉल एक नक्सली क्षेत्र में स्थित है जिसके कारण यहां पहुंचने वालो पर हर समय जान का खतरा बना रहता है।यहां पर इंद्रावती नाम की एक नदी बहती है, जो 6 महीने तक पानी से लबालब भरी रहती है, जिस कारण डोंगी की मदद से नदी पार करनी पड़ती है।इसके बाद यहां पहुंचने के लिए ट्रेक करना पड़ता है जोकि काफी कठिन है क्योंकि यहां के रास्ते ठीक प्रकार से नही बने हुए हैं रास्ते कीचड़ से भरे और फिसलन भरे हैं।साथ ही यहां इस जगह आदिवासियों द्वारा बांस की खपच्चियों को तार से बांधकर पैदल चलने वाला झूला पुल बनाया है। इसके आगे करीब 15 किलोमीटर तक पैदल सफर करना होता है। रास्ते में कई छोटे-छोटे गांव आते हैं। यात्रा का पहला पड़ाव हांदावाड़ा गांव है,यहां से वॉटरफॉल की दूरी लगभग 5 किलोमीटर की है।इसी कारण यहां ज्यादातर पर्यटक नहीं पहुंच पाते।
हांदावाड़ा जलप्रपात आने का सही समय
वैसे तो किसी भी वॉटरफॉल की असली खूबसूरती मानसून में ही दिखती है जब बारिश के पानी से वॉटरफॉल भरा हो और पूरे वेग से ऊपर से नीचे गिरता हो।लेकिन हंदवाड़ा वॉटरफॉल का रास्ता काफी दुर्गम है जो बारिश के दिनों में और भी अधिक कठिन हो जाता है ऐसे में हम आपको यहां आने की सलाह नही देंगे।बल्कि आप यहां बारिश के ठीक बाद अक्टूबर से दिसंबर के बीच आए इस समय आप वॉटरफॉल की खूबसूरती भी देख पाएंगे और आपको किसी कठिनाई का सामना भी नही करना पड़ेगा।
कैसे पहुंचें
हवाई मार्ग द्वारा : अगर आप हवाई मार्ग से यहां आना चाहते है। तो आपको इसके आस पास सबसे नजदीकी हवाई अड्डा रायपुर स्थित स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डा मिलेगा जहा पहुंचने के बाद आप सड़क या रेल मार्ग द्वारा यहां आसानी से पहुंच सकते है।
रेल मार्ग द्वारा : यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नारायणपुर जिले में स्थित है। जहां पहुंचने के बाद आप सड़क मार्ग द्वारा बस या ऑटो के के सहारे यहां पहुंच सकते है। रायपुर रेलवे स्टेशन से करीब 356 km. की दूरी पर है नारायणपुर रेलवे स्टेशन।
सड़क मार्ग द्वारा : नारायणपुर जिले से करीब 75 km. की दूरी पर ओरछा ब्लॉक मुख्यालय स्थित है। तथा ओरछा से करीब 30 km. का सफर सड़क मार्ग द्वारा के द्वारा भटबेडा गांव तक तय पहुंचा जा सकता है। अतः आप सड़क मार्ग द्वारा नारायपुर पहुंच कर आसानी से यहां पहुंच सकते है।
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल हमे कमेंट में जरुर बताए।
क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें। जल्द ही शुरू होगी हेलीकॉप्टर सुविधा