धर्म और रहस्य का कुछ ऐसा गहरा रिश्ता है कि जहाँ धर्म की बात चलती है तो रहस्य का ज़िक्र अपने आप ही शुरू हो जाता है। और भारत में तो धर्म भी कितने सारे हैं। फिर हर धर्म में कई भगवान और धर्मगुरू हैं, हमारे हिंदु धर्म में ही करीब 3 करोड़ से ज्यादा देवी-देवता हैं। तो ज़रा सोचिए कितना बड़ा है धर्म की गोद में छिपा रहस्यों का ये भंडार।
हिंदू धर्म के सबसे लाडले कन्हैया की ही बात करें तो बचपन की नादान अटखेलियों से लेकर यौवन की रासलीला तक ऐसी कईं कहानियाँ हैं जो भक्तों और पर्यटकों को हर साल भारत खींच लाती हैं। जब कृष्ण की ही इतनी रहस्मयी कहानियाँ हम बचपन से सुनते आ रहे हैं, तो भला उनकी नगरी वृंदावन में छिपे राज़ न हों, ऐसा तो मुमकिन नहीं है। वृंदावन में आज भी श्री कृष्ण और उनकी गोपियों के बीच रासलीला जीवित हो उठती है! ये बात सुनके आप हैरान जरूर हो गए होंगे तो ज़रा कुर्सी की पेटी बाँध लीजिए क्योंकि मैं आपको यहाँ छुपे कुछ ऐसे ही रहस्यों के बारे में बताने वाली हूँ ।
1. वृंदावन के रंग महल में हर रोज़ आते हैं श्री कृष्ण
वृंदावन के मशहूर निधिवन में बना है रंग महल, वो जगह जिसे राधा के श्रंगार का कमरा भी माना जाता है। यहां पर आपको श्रीकृष्ण की प्रतिमा, एक चंदन की लकड़ी से बनी एक चारपाई और रोज़ाना इस्तेमाल होने वाला सामान नज़र आएगा। हर शाम आरती के बाद यहां के पंडित इस कमरे में चांदी के गिलास में पानी, दातून, और बिस्तरे को ऐसे तैयार करते हैं जैसे कोई रहने आ रहा हो। और मानों या ना मानों यहां हर रात एक महमान आता भी है और वो हैं स्वयं श्री कृष्ण। अब आप इसे सबूत कहें, चमत्कार या रहस्य, लेकिन हर सुबह रंग महल खुलने पर पानी का गिलास आधा खाली, इस्तेमाल की हुई दातून और बिस्तरा कुछ यूँ बिखरा होता है जैसे यहां कोई रात गुज़ार कर गया हो। पंडितों से लेकर श्रद्धालुओं तक, सभी का यही मानना है कि श्री कृष्ण यहाँ हर रात रासलीला के बाद आराम करने आते हैं। रह गए ना दंग?
2. निधिवन की रासलीला
भगवान कृष्ण की सभी कहानियोंऔर रहस्यों में से सबसे मशहूर औऱ दिलचस्प कहानी है निधिवन की रासलीला की। द्वापरयुग से चली आ रही राधा-कृष्ण की रासलीला आज भी हर रात निधिवन में जीवित हो उठती है। लोगों का मानना है कि यहाँ हर रात आरती के बाद श्री कृष्ण, राधा और उनकी गोपियाँ रास रचाते हैं।
आस-पास रहने वाले कई लोगों का कहना है कि उन्हें कई बार घुंघरूओं की आवाज़ सुनाई देती है, लेकिन कोई इस रास-लीला को अपनी आँखों से देखने की हिम्मत नहीं रखता, और देख ले तो फिर दुनिया में कुछ और देखने-समझने के लायक नहीं रहता। कहा जाता है इस अफसाने की असलियत जानने के लिए कुछ लोगों ने अनुमति के खिलाफ जाकर जब यहां छिपकर रासलीला देखनी चाही तो अगले दिन कोई अपनी आँखों की रोशनी खो चुका था तो कोई दिमागी संतुलन। इसलिए अब निधिवन के दरवाज़े शाम 7 बजे बंद कर दिया जाते हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, निधिवन के आस-पास रहने वाले को लोगों ने तो अपनी खिड़कियों को ही ईंटे लगवाकर हमेशा के लिए बंद कर दिया है ताकि गलती से भी रासलीला की झलक ना देख सकें। कितना रोमांचक है ये रहस्य!
3. निधिवन के पेड़ों का बदलता रूप
निधिवन के पेड़ों को देखते ही आपको पता लग जाएगा की ये आम पेड़ों से अलग हैं। जहां आमतौर पर पेड़ ऊपर की तरफ बढ़ते हैं वहीं निधिवन में मौजूद पेड़ों की ऊँचाई बेहद कम हैं और इनकी शाखाएं इसकी जड़ों की ओर बढ़ती है। यहाँ पेड़ भी आपस में गुथे हुए हैं जो इस जगह को देखने में भी रहस्यमयी बनाती है।
सिर्फ इतना ही नहीं, यहाँ मौजूद तुलसी के पेड़ अकेले नहीं, बल्कि जोड़े में पाए जाते हैं। माना जाता है कि तुलसी के यही पत्ते रात में गोपियों का रूप ले लेती हैं और सुबह होने पर फिर तुलसी में बदल जाते हैं। लेकिन अगर कोई इन पत्तों को तोड़ कर ले जाने की कोशिश करता है तो या वो नाकाम हो जाता है या फिर उसका भी वही हाल होता जो रासलीला देखने वालों का।
तो ये थे वो कुछ राज को वृंदावन की गलियों में बसे हैं। अब आप इन्हें सच मानें या फसाना ये तो आपके ऊपर है, लेकिन ये रहस्य हीं हैं जो इन गाथाओं और जगहों को खास और दिलचस्प बनाती हैं।
कैसे पहुंचे वृंदावन?
वृंदावन हवाई, रेल और रोड मार्ग से जुड़ा हुआ है तो यहाँ पहुँचने के लिए आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी।
हवाई यात्रा- वृंदावन के लिए सबसे करीबी एयरपोर्ट आगरा में बना खेरिया एयरपोर्ट है जो कृष्ण नगरी से सिर्फ 72 कि.मी की दूरी पर है जिसे आप 1.5 घंटे में तय कर सकते हैं।
रेल यात्रा- वृंदावन के लिए कोई सीधी ट्रेन तो नहीं है लेकिन आप मथुरा स्टेशन तक रेल के जरिए पहुंच सकते हैं। यहां से वृंदावन की दूरी सिर्फ 13 कि.मी. है और आप यहां आधे घंटे में पहुंच जाएंगे।
रोड यात्रा- आप बस या टैक्सी के जरिए वृंदावन पहुँच सकते हैं। अगर दिल्ली से आ रहे हैं तो आपको 182 कि.मी. का सफर तय करना होगा जिसके लिए राज्य परिवहन और प्राइवेट दोनों तरह की बसें आपको रोज़ाना मिल जाएंगी और आप ये सफर 3.5 घंटे में पूरा कर लेंगे।