ग्वालदम, प्रकृति प्रेमियों और शांति और सुकून चाहने वालों के लिए एक परफेक्ट ऑफ़बीट प्लेस

Tripoto
23rd Nov 2023
Photo of ग्वालदम, प्रकृति प्रेमियों और शांति और सुकून चाहने वालों के लिए एक परफेक्ट ऑफ़बीट प्लेस by Yadav Vishal
Day 1

हम में से बहुत से लोग घर पर बैठे भारत के प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेसेस पर सैलानियों को घूमते हुए देख रहे हैं, ऐसे में उन लोग का भी मन कहीं न कहीं घूमने का जरूर कर रहा होगा। अगर ट्रैवलिंग करना आपका सबसे पसंदीदा शौक में आता है लेकिन घूमने का शौक भी उन जगहों का है, जहां र्सिर्फ और सिर्फ आप हो, ज्यादा भीड़ भाड़ आपको परेशान न करने पाए, तो चलिए आज हम आपको भारत के एक ऐसे ऑफबीट जगह के बारे में बताते हैं, जहां आपको शांति और सुकून दोनों ही मिलेगा और यह जगह प्राकृतिक प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं हैं।

ग्वालदम

उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र की सीमा पर स्थित ग्वालदम एक बहुत ही ख़ूबसूरत गांव हैं। यह स्थान जंगलों और छोटी झीलों से भरा हुआ है जो एक शांतिपूर्ण विश्राम के लिए पर्यटकों को एक उच्च वातावरण प्रदान करता है। ग्वालदम से आपको नंदा देवी, त्रिशूल और नंदा घुघुति जैसी चोटियों के कुछ विस्तृत और मनमोहक दृश्य साफ़ साफ़ दिखाई देते हैं। यहां के नाजारों में चार चांद लगाती है, चमचमातीरी पिंड नदी, जो हरे-भरे जंगल के बीच से निकली चांदी की रूढ़ि की तरह दिखती है। इसके अलावा यह जगह फोटोग्राफी के लिए भी बेस्ट हैं। ग्वालदम, उत्तराखंड का एक ऑफबीट प्लेस है। जो शांति और प्राचीन प्रकृति के बीच की छुट्टियों की तलाश करने वालों के लिए एक आदर्श अवकाश स्थल है।

Photo of ग्वालदम, प्रकृति प्रेमियों और शांति और सुकून चाहने वालों के लिए एक परफेक्ट ऑफ़बीट प्लेस by Yadav Vishal

ग्वालदम में घूमने के सर्वोत्तम स्थल

बौद्ध खंबा मंदिर

यह मंदिर ग्वालदम हिल स्टेशन से सिर्फ 1.5 किमी दूरी पर स्थित है। यह एक बौद्ध मंदिर है। इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान के विभिन्न अवतारों की मूर्तियां हैं। मंदिर पर पत्थर और दीवारों पर जटिल निर्मित डिजाइन हैं, जो बहुत ही ख़ूबसूरत दिखता हैं।

बंधनगढ़ी मंदिर

यह प्राचीन मंदिर 8वीं से 12वीं शताब्दी के बीच कत्यूरी राजवंश के दौरान बनाया गया था। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको 4 किमी का ट्रैक करना होगा। यह मंदिर देवी काली और भगवान शिव को समर्पित हैं। मंदिर  समुद्र तल से 2260 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जहां से आपको नंदा देवी और त्रिशूल का मनोरम दृश्य देखने को मिल जायेगा।

मच्छी ताल

मच्छी ताल, इस जगह का एक फेमस पिकनिक स्थल है। देबल की सड़क पर ग्वालदम से 9 किमी दूर, एक शांत खाड़ी के किनारे स्थित हैं। मच्छी ताल 1928 में अस्तित्व में आया, जब अंग्रेजों ने सोचा कि वे निजी उपभोग के लिए यहां मछली पालेंगे। यहां आप अपने फैमिली और फ्रेंड्स के साथ आ के मछली पकड़ने का मज़ा उठा सकते हैं।

ग्वालनाग

ग्वालनाग, ग्वालदम के पास एक बहुत ही ख़ूबसूरत स्थान है। ग्वालदम से लगभग 3 किलोमीटर दूर यह खूबसूरत जगह धलुआ घास के मैदान पर स्थित है। यहां से आपको बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों देखने को मिलती हैं। सर्दियों के मौसम में, घास के मैदान की ढलानें एक आदर्श स्कीइंग अनुभव प्रदान करती हैं। इसके अलावा, गरुड़ घाटी यहां से लगभग 2 किमी दूर स्थित है और एक कटोरे जैसी दिखती है।
 

Photo of ग्वालदम, प्रकृति प्रेमियों और शांति और सुकून चाहने वालों के लिए एक परफेक्ट ऑफ़बीट प्लेस by Yadav Vishal

ग्वालदम जाने का सबसे अच्छा समय

वैसे तो यहां यात्रा की योजना पूरे साल के लिए आदर्श है। लेकिन पर्यटक आकर्षण और सुखद मौसम के लिए, यहां फरवरी से जून और सितंबर से नवंबर तक जानें की योजना बना सकते हैं। इस वक्त यहां का लोकेशन बेहद ही ख़ूबसूरत होता हैं।

ग्वालदम कैसे पहुंचें?

हवाईजहाज से: ग्वालदम का वैगन हवाई अड्डा पंत नगर से 250 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से आप टैक्सी कर के आसानी से पहुंच सकते हैं।
रेल द्वारा: यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो 160 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से आप टैक्सी कर के आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क द्वारा: ग्वालदम में चारों तरफ से सड़कों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। यह कौसानी से 36 किमी, बैजनाथ से 22 किमी, बागेश्वर से 45 किमी और अभयारण्य से केवल 149 किमी दूर है। आप अपने वाहन से या बस से आसानी से यहां तक पहुंच सकते हैं।

Photo of ग्वालदम, प्रकृति प्रेमियों और शांति और सुकून चाहने वालों के लिए एक परफेक्ट ऑफ़बीट प्लेस by Yadav Vishal

अगर आप भी भाग दौड़ भरी जिंदगी से बोर हो गए हैं और एक ऐसी जगह तलाश कर रहे हैं जहां आपको शांति और सुकून दोनो ही मिले तो ग्वालदम आपके लिए एक परफेक्ट प्लेस हैं।

पढ़ने के लिए धन्यवाद। अपने सुंदर विचारों और रचनात्मक प्रतिक्रिया को साझा करें अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो।

क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।

Further Reads