पिछले 3 -4 दिनों से यह न्यूज़ हर जगह चर्चित हैं कि गूगल अब भारत के 10 शहरो में Street View Service शुरू करने वाला हैं।इसके बारे में कुछ जानकारी मैंने भी जुटाने की कोशिश की तो काफी सारी अच्छी जानकारीया निकल आयी। गूगल स्ट्रीट व्यू सर्विस का इस्तेमाल हम गूगल मैप में करते हैं ,जिसके द्वारा किसी शहर की गलियों की एक तरह से रियल टाइम इमेज हम देख सकते हैं या यूँ कहो कि इस से हम शहर की गलियों की 360 डिग्री वर्चुअल सैर कर सकते हैं।इस से फायदा यह होगा कि किसी भी अनजान लोकेशन पर फिजिकली पहुंचने से पहले हम उस जगह के बारे में हर चीज जान पाएंगे जैसे कि सड़क संकरी हैं चौड़ी ,वो इलाका भीड़भाड़ वाला हैं या नहीं ,वहा आसपास मकान ,दूकान हैं या नहीं ,आगे पुलिया चढ़नी हैं या नहीं इत्यादि। साथ ही साथ वहा के तापमान और स्पीड लिमिट की जानकारी भी इसी सर्विस से मिल जायेगी।
आप सभी के पास ऐसे किस्से होंगे जिसमे आप गूगल मैप की वजह से ऐसी जगह पहुंच गए जहाँ जाना ही नहीं था ,या कभी बंद रोड ,या सेम नाम की गलत जगह आप पहुंच गए। एक बार 2018 में अहमदाबाद किसी ऑफिसियल कारण से गया था। मीटिंग वगैरह निपटा कर मैं फ्री हो गया था।भीलवाड़ा के लिए वॉल्वो वहा शाहीबाग नाम की जगह से मिलती हैं। मैने गूगल मैप पर लोकेशन डाली और मीटिंग वाली जगह से शाहीबाग करीब 5 किमी दूर बताया गया। मैं उस समय कुछ ही दिनों पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा करके आया था और उस दौरान 33 दिनों में करीब 200 किमी से ज्यादा पैदल ट्रेक मैंने किया था तो अहमदाबाद में मैंने सोचा अब यह 5 किमी भी पैदल ही जाना चाहिए। अँधेरे का समय था ,मैं घूमता फिरता,खाता पीता पता नहीं कहा ,एक वीरान मैदान में पहुंच गया ,उसी के पास एक बग़ीचे का नाम भी शाहीबाग ही था।उधर बस का टाइम होने वाला था,मुझे पहले लग भी रहा था कि मैँ गलत जा रहा हूँ क्योकि जो शाहीबाग मुझे चाहिए था वो तो फुल भीड़भाड़ वाली जगह में स्थित था ,लेकिन मैप के भरोसे मैं फिर भी आगे बढ़ता गया। बस निकलने को ज्यादा टाइम नहीं था ,आस पास कोई ऐसा था भी नहीं जो लिफ्ट देदे। बड़ी मुश्किल से एक कोई बाइक की हेडलाइट मुझे दिखाई दी ,मैंने अर्जेंसी बताकर रिक्वेस्ट की ,तब वो मुझे सही वाले शाहीबाग पर अपनी बाइक से छोड़ आये और मैं समय पर अपनी बस मे चढ़ सका।
#traveltalesbyrishabh
कुछ महीनो पहले मेरे कुछ फेसबुक घुम्मकड़ मित्र जो कि राजस्थान से बाहर के थे ,मेरे बताये प्लान के हिसाब से वो नाथद्वारा घूम रहे थे।उन्हें अब सांवलिया सेठ मंदिर जो कि चित्तोड़ में हैं ,वहा जाना था मंदिर में ही मैं उनका इंतजार भी कर रहा था ,पर मैप की मदद से वो दोस्त ,भीलवाड़ा के कारोई में स्थित सांवलिया सेठ मंदिर पहुंच गए। एक बार शॉर्टकट के चक्कर में एक जगह पतली संकरी गलियों वाले रास्तों में मेरी गाडी फंस गयी। ऐसे कई किस्से और भी मेरे साथ हुए हैं। लेकिन गूगल स्ट्रीट व्यू से यह चीजे काफी लेवल तक कम हो जाएगी। हमे गंतव्य स्थल की अब ज्यादा जानकारी पहले ही मिल जायेगी।
गूगल ने इस प्रोजेक्ट के लिए दो लोकल कम्पनीज़ से टाई अप किया हैं। उन कंपनियों की गाड़िया इन 10 शहरों की गली गली की 360 डिग्री फोटोग्राफी करेगी और उन्हें फिर गूगल स्ट्रीट व्यू में यूज लिया जाएगा। स्ट्रीट व्यू से हम इन खींचे हुए फोटोज को ही देख पाएंगे ,किसी पल की करंट सिचुएशन नहीं। 10 शहरो में बेंगलोर ,दिल्ली ,अमृतसर ,अहमदनगर ,मुंबई ,हैदराबाद ,पुणे ,नासिक ,वड़ोदरा और चेन्नई शामिल हैं। हालांकि बेंगलोर के काफी हिस्से में यह सुविधा चालु हैं।साल के अंत तक 50 शहर में इस सर्विस का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
बेंगलोर के मैप से इसको यूज करने का एक छोटा सा वीडियो यहाँ डाला हुआ हैं मैंने। मैप के राइट मे सबसे नीचे जो एक ऑरेंज रंग का किसी आदमी का लोगो आता हैं ,वो इसी गूगल स्ट्रीट व्यू के लिए हैं।
जो एक मंदिर का फोटो यहां दिख रहा हैं वह जगह हैं हिमाचल में स्थित श्राईकोटि माता का मंदिर ,जिसके बारे में जानकारी अगली पोस्ट में।
आशा हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा। आप भी कभी गूगल मैप की वजह से कही मजेदार तरीके से फंसे या भटके हैं तो वो घटना भी यहाँ कमेंट में बता सकते हैं।