केवल ताजमहल ही नहीं,ये महल भी है मुगल प्रेम की एक अनूठी निशानी

Tripoto
16th Aug 2023
Photo of केवल ताजमहल ही नहीं,ये महल भी है मुगल प्रेम की एक अनूठी निशानी by Priya Yadav


              वैसे तो भारत में आपको एक से बढ़कर एक महल देखने को मिलेंगे जो विरासत के रूप में आज भी हमारे बीच खड़ा है।ये महल राजपूत,मुगल,अंग्रेज या फिर भारतीय राजाओं के द्वारा बनवाए गए ऐतिहासिक धरोहर है जो उनकी सभ्यता संस्कृति और रहन सहन को दर्शाती है।अगर हम बात करे प्यार की खूबसूरत निशानी के रूप में बने किसी इमारत की तो सबसे पहला नाम ताजमहल का आता है। शाहजहां द्वारा बनवाया गया ताजमहल एक खूबसूरत महल है जहां उनकी सबसे प्यारी बेगम को दफनाया गया था।ऐसी इमारत पूरी दुनिया कही नही देखने को मिलेगी।ताजमहल को प्यार की निशानी के रूप में पूरी दुनिया जानती है लेकिन भारत में एक और मुगल प्रेम कहानी की निशानी है जिसे लोग देखने दूर दूर से आते है।तो आइए आज आपको एक और मुगल प्रेम कहानी की निशानी के रूप में खड़े इस महल के बारे में बताते हैं।

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गुजरी महल

गुजरी महल हरियाणा के हिसार जिले में स्थित मुगल सुल्तान फिरोजशाह तुगलक की प्यार की एक खूबसूरत निशानी है।इस महल का निर्माण लगभग 675 साल पूर्व किया गया था।इस महल का निर्माण फिरोजशाह तुगलक ने अपनी गुजर रानी के लिए किया था।यह महल फिरोजशाह और गुजर रानी की प्रेम की गवाह है।फिरोजशाह तुगलक हिसार की एक दूध बेचने वाली गुजर लड़की से शिकार खेलने के दौरान मिले और उन्हें उनसे प्यार हो गया।इस महल का निर्माण उन्होंने उसी गुजर लड़की के लिए करवाया था।वो वहां उससे छिप कर मिलने जाया करते थे।

Photo of गुजरी महल by Priya Yadav


गुजरी महल के निर्माण का कारण

जब सुल्तान को उस गुजर लड़की से प्यार हुआ था उस समय वे एक शहजादा थे।हिसार उस समय एक जंगल का क्षेत्र था सुल्तान वहा शिकार खेलने जाते थे,और उसी बहने रानी से मिला करते थे।जब वो दिल्ली के सिंहासन पर बैठा तो उसने उस गुजर लड़की को शादी का प्रस्ताव भेजा।जिसे सुनते ही उस गुजर लड़की ने तुरंत हां कर दी।लेकिन शादी के वो हिसार छोड़ कर नहीं जाना चाहती थी।इसलिए बादशाह ने अपनी गुजर रानी के लिए हिसार में ही एक महल का निर्माण करवाया जिसे रानी के ही नाम गुजर महल दिया गया।

खास है महल का दीवान-ए-आम

इस महल का दीवाने-ए-आम बहुत ख़ास है जो को न्याय का प्रतीक था।इस दीवाने-ए-आम को 40 खंभों के ऊपर बहुत ही खास ढंग से बनाया गया था। जहां पर शहंशाह का सिंहासन था।इसी पर बैठकर राजा न्याय करता था।इस सिंहासन के नीचे एक कुआ बना हुआ था।जो इस बात का प्रतीक था की अगर राजा अन्याय करेगा तो उसका तख्त टूट जायेगा और राजा इस कुएं में गिर जाएगा।सुल्तान का मानना था की न्याय करते समय सुल्तान से बड़ी कोई ताकत नहीं होती है।

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गुजरी महल की विशेषताएं

गुजरी महल एक विशाल आयताकार आकार की इमारत है। जिसे भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा एक केन्द्रीय संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है।इस महल की नक्काशी बहुत ही उम्दा तरीके से की गई है।इस महल को बनाने में पूरे 2 वर्ष का समय लगा था।महल में आने जाने के लिए चार दरवाजे है और इसे बनाने के लिए काले पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। यहां की दीवारें काफी चौरी बनाई गई है जोकि सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखकर की गई है।महल में पानी की कमी न हो इसलिए एक पक्का तालाब भी बनाया गया है।इसका इतिहास जितना सुंदर है उतना ही ये महल भी।

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