हिन्दुस्तान का हर ट्रैवलर आदमी अपने जीवन में एक बार तो गोआ घूमने का प्लान बनाता ही है और फिर कैंसिल भी करता है। लेकिन पक्का ट्रैवलर वही है जो हारी बाज़ी को जीत ले जाए और गोआ की ट्रिप मार आए। लेकिन गोआ अगर घूमने का प्लान बना ही रहे हो तो सारी इच्छाएँ एक बार में ही पूरी कर लो, आगे ये प्लान बने न बने।
इस विला का नाम रखा गया है अवनिलय। अवनिलय दो शब्दों से मिलकर बना है। अवनि, जिसका अर्थ है धरती और आलय अर्थात् घर। अवनिलय 24 एकड़ में फैला हुआ विशालकाय विला है जिसमें जो ख़ुद में तीन भाग में बँटा हुआ है। हर भाग अपने आप में बड़े बरामदों से घिरा हुआ है। आप चाहें तो चाय की चुस्कियाँ लेते लेते इन बरामदों का चक्कर लगा सकते हैं या फिर शाम को वाइन के गिलास के साथ यहाँ टहलने निकल सकते हैं।
पूरे विला में कुल 80 मोर हैं, जो यहाँ पर उछलते कूदते खेलते मिल जाएँगे।
कैसा है विला
गोआ के रास्तों पर जब आप घूम रहे होते हैं, तो अल्डोना से होते हुए दाबोलिम के पास एक सड़क इस विला की ओर जाती है। अल्डोना तो ख़ूबसूरत है ही, लेकिन यह भी कम शानदार नहीं। चावल के खेतों में काम करते हुए कुछ किसान, नारियल के बड़े बड़े पेड़, कॉटन की शर्ट पहने कुछ आदमी और उनका साथ देती कुछ औरतें, शान्त सा वातावरण और उसमें पंछियों की चहचहाहट। मानो आप किसी गाँव में आ गए हो जिसके चारों ओर स्वर्ग ही स्वर्ग है।
अगर आपका दिल इस विला के बारे में पढ़कर और जानने का कर रहा है तो चिन्ता मत कीजिए, बहुत कुछ है इसके बारे में बताने के लिए।
अवनिलय में कुल तीन प्रकार के कमरे मिलेंगे। पंचवटी, जिसके कुल पाँच कमरे हैं और 12 लोग ठहर सकते हैं, द थर्ड प्लेस, जिसमें कुल चार कमरे हैं जिनमें 9 लोग ठहर सकते हैं और पदिमुनु, जिसके तीन कमरों में कुल 7 लोगों के रुकने की व्यवस्था है।
पारिस्थिकी डिज़ाइन को ध्यान में रखकर बनाए इन विला को बेल्जियम के इंटीरियर डिज़ाइनर लोउलोउ वेन डैमी ने ख़ुद डिज़ाइन किया है। अपने वास्तु के लिए विख्यात इस विला के हर कमरे की अपनी कहानी है, हर क़िस्सा इतना यादगार है कि हर क़िस्म के कलाकार चाहे वो लेखक हो या पेन्टर, सबको पसन्द आता है।
पंचवटी
पंचवटी में कुल पाँच कमरे आते हैं। इंडो-पुर्तगाली स्टाइल के इस विला को एक शान्त खानाबदोश लाइफ़स्टाइल के तौर पर डिज़ाइन किया गया है। महोगनी की लकड़ियों से बना इसका फ़र्नीचर, 19वीं सदी का बना हुआ, मलमल और कलमदारी में सजा हुआ इसका बिस्तर वाक़ई नज़र को रोक लेते हैं। इसके साथ ही एक बड़ा सा बरामदा जो मैंग्रोव के पेड़ों से घिरा हुआ है और सामने आता है एक पूल, जिसमें तैरने के लिए निकल जाइए तो बहुत अच्छा।
द थर्ड पैलेस
पंचवटी के बाद और पंचवटी से हर मामले में अलग है द थर्ड पैलेस। एक बंजारे वाली नज़र से जुदा द थर्ड पैलेस एक निराली दुनिया की सैर कराता है। इसका नाम रे ओल्डनबर्ग ने सुझाया था, जो कि ख़ुद एक अमेरिका में समाजवाद के प्रोफ़ेसर हैं। इसकी तर्ज भी आरामदेह जगह, जहाँ पर आप अपना ऑफ़िस का काम भी कर सकें और घर वाला आनन्द भी उठा सकें। चार कमरों वाला ये विला दो तलों में बना है। इसके साथ चौड़ा स्वीमिंग पूल, जुकाज़ी और बड़ा सा टैरेस है। एक गाँव का नज़ारा आपको सामने दिखता है, जिसकी शान्ति इस विला में भी देखने मिलती है।
पडिमुनु
तमिल में 13 को पडिमुनु बोलते हैं। ज़िन्दगी का वो दौर, जब आप अपने जीवन के सबसे ख़ूबसूरत लम्हे देखना चाहते हैं, पडिमुनु ठीक उस समय की ही याद दिलाता है। तीन कमरों वाले इस विला में एक बेहद शालीन और बड़ा स्वीमिंग पूल है। विक्टोरियन, पुर्तगाली और केरल की कला का समागम है, जिससे यहाँ का पूरा इंटीरियर डिज़ाइन किया गया है।
इसके अलावा डाइनिंग के लिए अलग से बरामदे में जगह दी गई है, जिसके आस-पास आपको कई कटहल के पेड़ मिल जाएँगे।
ज़ायका
लोकल खाना और देसी खानसामे, अवनिलय में आपको गोआ की सबसे लज़ीज़ डिशें मिलती हैं, जिनको चखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। अपने पारम्परिक खाने को अपने बागों में पैदा की हुई सब्ज़ियों से बनाया जाता है। हर विला का अपना एक शेफ़ होता है और चूँकि खाने का कोई मेन्यू नहीं है, तो आप जो चाहें वो बनवाने की फ़रमाइश रख सकते हैं।
अगर आप यहाँ पर आते हैं तो प्रॉन करी, रेड राइस, सेब का सूप और चिल्ड क्रीमी कैरट ज़रूर आज़माएँ।
विला का पता
377बी, कोलेमुड्डी, कोरजुम, अल्डोना, गोआ।
कैसे पहुँचें
पणजी से अवनिलय की कुल दूरी महज़ 30 मिनट की है। यहाँ का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा दाबोलिम का है, जो क़रीब एक घंटा दूर है। थिविम का रेलवे स्टेशन 20 मिनट दूर है और हर तरफ़ से आपको टैक्सी या बस मिल जाएँगी।
क़ीमत
दो लोगों के रहने के लिए एक दिन का एक कमरे का खर्चा 12,000 रु. है।
नज़दीक में घूमने के लिए
कोरजुम का क़िला
16वीं सदी का बना यह क़िला गोआ की कुछ गिनी चुनी इतनी पुरानी इमारतों में एक है। फ़ादर मोरेनो डि सूज़ा के अनुसार कोरजुम दो शब्दों से मिलकर बना है। खोरिक मतलब गहरा और जुनवेम मतलब द्वीप। 19वीं सदी में मराठा, भोंसले और राजपूतों से पुर्तगाली इस क़िले की मदद से ही बच पाए थे।
सेंट थॉमस चर्च
16वीं सदी का सेंट थॉमस चर्च प्रसिद्ध होने के साथ-साथ काफ़ी पास में भी है। मापुसा नदी के नज़दीक बने इस चर्च के आसपास कई सारी पेंटिंग और कला की दूसरी चीज़ें भी मिल जाती हैं जो बाद में इस सफ़र को याद करने के लिए अहम हो जाती हैं।
मंदिर
साईं भक्ति मंदिर और रावलनाथ मंदिर प्रमुख मंदिर हैं। इनके साथ नाचिनोला में गणेश जी के मंदिर और कोरजुम में श्री सतारी मंदिर भी दर्शन करने जा सकते हैं।
अन्य पूजागृह
अल्डोना गाँव में पूजा की दूसरी जगहें भी हैं जहाँ आपको ज़रूर जाना चाहिए। जैसे करोना में सेंट रीटा ऑफ़ केसिया, कोरजुम में मदर ऑफ़ गॉड, कुटेला में अर लेडी ऑफ़ पिटी, पनरिम में होली क्रॉस हैं जहाँ आप जा सकते हैं।
कुछ ख़ास
अवनिलय के आस पास कई सारे बीच हैं, जहाँ आप निकल सकते हैं। जैसे मैंड्रिम, मोरजिम, बागा, कैंडोलिम और कलंगुटे। एक ठेठ घुमक्कड़ को इन जगहों के बारे में तो ज़रूर पता होना चाहिए। पणजी में स्कूबा डाइव करने का प्लान बनाएँ।
शॉपिंग
मापुसा में हर शुक्रवार की शाम को मेला लगता है जहाँ पर लोग ख़ूब खरीदारी करने आते हैं। अरपोरा हिल पर शनिवार को मेला लगता है वहीं बुधवार को अंजुना बीच पर कश्मीरी, गुजराती और तिब्बती दुकानें खुलती हैं।