श्रद्धालुओं, घुमक्कड़ों के लिए यह एकदम ख़ुशखबरी जैसी बात है। लॉकडाउन के बाद वापस शुरू हुई ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना का काम लगभग ख़त्म होने वाला है। लगभग 100 मीटर प्रतिदिन के हिसाब से सुरंग बनाने का जो लक्ष्य रखा गया था, वो सही समय पर पूरा हो गया है। अब आपको जल्द ही उत्तराखंड के पहाड़ों पर छुकछुक करती हुई रेलगाड़ी नज़र आने वाली है।
आपको बता दें कि कोरोना लॉकडाउन के बाद ऋषिकेश कर्णप्रयाग परियोजना का काम भी रुक गया था। लेकिन अभी फिर से इस काम में तेज़ी आई है। प्रतिदिन 100 मीटर सुरंग खोदने के जिस प्लान से आगे का काम शुरू हुआ, वह लगभग पूरा होने को है।
क्या है ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना
यह योजना प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इससे यात्रियों के चारधाम की यात्रा का रेलवे सफ़र बहुत आसान हो जाएगा। इसमें कुल 126 किमी0 लम्बी रेल परियोजना होगी, जिसमें 9 पैकेज के अन्तर्गत कुल 80 द्वार होंगे। इसमें कुल 16 पुल, 17 सुरंगें, 12 रेलवे स्टेशन होंगे। इनमें से 10 स्टेशन पुलों के ऊपर और सुरंग के अन्दर होंगे। इस परियोजना में कुल 20 किमी0 लंबी टनल भी प्रस्तावित है। इस पूरी रेल परियोजना की लम्बाई 125 किमी0 की होगी, जो 2024 तक बनकर तैयार होगी।
इन जगहों पर जाना हो जाएगा आसान
धार्मिक और रोमांच, दोनों ही प्रकार के यात्रियों को इस परियोजना का लाभ मिलने वाला है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना से बद्रीनाथ, केदारनाथ, जोशीमठ और चोपटा जैसी जगहें आप आसानी से घूम सकेंगे। पूरी परियोजना में नए रेलवे स्टेशन बनकर तैयार होंगे, जैसे वीरभद्र, योग नगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, मलेथा, श्रीनगर, धारीदेवी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर, गौचर, कर्णप्रयाग। इस परियोजना के बाद उत्तराखंड स्थित चारधाम की यात्रा भी आसान हो जाएगी।
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