जब घूमने-फिरने या सैर-सपाटे की बात आती है तो ऐतिहासिक शहर मेरठ का ज़िक्र कभी नहीं आता। पर सच्चाई ये है कि इस शहर में घूमने और छुट्टी बिताने के लिए ऐसी कई जगहें हैं जहाँ जा कर आपको ये लगेगा कि घर के इतने पास इतना कुछ है और हम यूँ ही दूर-दराज़ जाने की सोचते रहते हैं । मेरठ में ऐसी कई जगहें हैं जहाँ आप अपना वीकेंड मज़े में व्यतीत कर सकते हैं:
औघड़नाथ मंदिर
अति प्राचीन शिव मंदिर औघड़नाथ के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं। इस मंदिर में शिव लिंग की स्थापना नहीं की गई थी पर यहाँ पर एक स्वयंभू शिव लिंग है जिसके कारण इसका महत्त्व और बढ़ जाता है। 1857 के प्रथम स्वतंत्र संग्राम की शुरुआत इसी मंदिर से हुई थी और इसके संग्राम का केंद्र होने के कारण काली पल्टन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
जॉन्स चर्च
यह मेरठ की सांस्कृतिक विविधता की ही मिसाल है कि जहाँ यहाँ का मंदिर प्रसिद्ध है वहीं एक गिरजाघर भी। 1821 में बना यह उत्तर भारत का सबसे पुराना चर्च है। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में मारे गए अंग्रेज़ी सैनिक यहाँ पर दफ़नाए गए हैं। पुराने विक्टोरियन शिल्प-शैली में बना यह चर्च बहुत ही ख़ूबसूरत है ।
गाँधी बाग
यह कम्पनी गार्डन के नाम से ज़्यादा लोकप्रिय है। आज़ादी से भी पूर्व बने इस गार्डन में ख़ूबसूरत फौव्वारे लगे हुए हैं। कैंटोनमेंट बोर्ड कि देख-रेख में इसे काफ़ी बढ़िया तरीके से संरक्षित किया गया है।
परीक्षितगढ़
पांडव-काल में अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित द्वारा बसाई गई नगरी के नाम से मशहूर यह जगह ऐतिहासिक रूप से काफ़ी महत्त्वपूर्ण है। खुदाई में यहाँ से प्राचीन काल के चाँदी व ताम्बे के सिक्के मिले हैं जो इस मिथक कि पुष्टि करते हैं। यहाँ आस-पास गुफाएँ हैं जिन्हें हस्तिनापुर का मार्ग बताया जाता है।
दर्शनीय स्थलों से परे हटें तो यहाँ एन्जॉय करने के लिए और भी चीज़ें हैं जिनमें से ख़ास हैं यहाँ के स्वाद:
जैन शिकंजी: यूँ तो मोदी नगर की शिकंजी वर्ल्ड-फेमस है, पर इसके अनेकों भंडार आपको दिल्ली से मेरठ की रोड पर मिल जाएँगे।तो रस्ते में इसका स्वाद लेना ना भूलें।
हरिया जी की लस्सी: मलाई और बर्फी से सजी हरिया जी की लस्सी शौकीनों के भी सपने पूरे कर देती है। 50 साल से चल रही इस दुकान की तारीफ़ लोग करते नहीं थकते।
रोहताश की कचौड़ी और जलेबी: स्वादिष्ट कचौड़ी और आलू की सब्ज़ी और गर्मागर्म जलेबी साथ-साथ। क्यों आ गया न मुँह में पानी? इसे चखना है तो रोहताश की दुकान पर जाना तो बनता ही है जो कि मेरठ के साकेत इलाक़े में है।
आर.के के कबाब: सामिष भोजन के शौकीनों के लिए आर के के मटन कबाब बढ़िया ऑप्शन है। यहाँ पर टिक्के, कोरमा आदि भी मिलते हैं पर लोकप्रिय तो यह हरी चटनी और प्याज के साथ मिलने वाले कबाब के लिए ही है।