जब किसी खूबसूरत जगह पर घुमक्कड़ी करने का ख्याल आता है तो सबसे पहले हिमाचल प्रदेश का नाम ही जेहन में आता है। सैलानी हिमाचल की वादियों में साल भर जाते रहते हैं। ज्यादातर लोग हिमाचल की फेमस या जानी मानी जगह पर जाते हैं। ऐसी जगह पर भीड़ और शोर खूब होता है। कभी-कभी ये भीड़ घूमने का मजा किरकिरा कर देती है। हिमाचल प्रदेश की कुछ ऐसी जगहें हैं जिनके बारे में कम लोगों को पता है। जहाँ पहाड़, जंगल और आसमां की खूबसूरती बिना शोर शराबे के देख सकते हैं। ऐसी ही खूबसूरत और दिलकश नजारों से भरी जगह है, गत्ताधार वैली।
गत्ताधार घाटी
गत्ताधार वैली हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है। सिरमौर का बॉर्डर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड से घिरा हुआ है। गत्ताधार असल में एक छोटा और खूबसूरत गाँव है। इस गाँव की खूबसूरती देखकर आपको जन्नत में आने का एहसास होगा। आप यहाँ एक जगह पर बैठकर घंटों पहाड़ों को निहार सकते हैं। अगर आपको सुकून और शांति में कुछ दिन गुजारने हैं तो इससे अच्छी और कोई जगह नहीं है. गत्ताधार घाटी असल मायने में हिमाचल प्रदेश की ऑफबीट जगह है।
कब जाएँ?
वैसे तो आप हिमाचल प्रदेश की इस घाटी को एक्सप्लोर करने के लिए कभी भी आ सकते हैं लेकिन मानसून के दौरान यहाँ आने से बचें। जुलाई से सितंबर के बीच बारिश की वजह से रास्ता बेहद खराब हो जाता है और भूस्खलन भी होता है। गत्ताधार वैली को घूमने के लिए सबसे बेस्ट टाइम अक्टूबर से नवंबर तक का है। उस दौरान आपको पहाड़ों के शानदार दृश्य देखने को मिलेंगे। सर्दियों में यहाँ आप बर्फबारी का आनंद ले सकते हैं।
क्या करें?
गत्ताधार वैली हिमाचल प्रदेश की सबसे अनछुई जगहों में से एक है। शायद ही आपको यहाँ पर कोई घूमने वाला मिले। यहाँ पर करने के लिए कुछ न भी हो तब भी आपको ये जगह सुंदर लगेगी।
ट्रेक करें
गत्ताधार वैली में छोटा-सा ट्रेक भी है। अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो इस ट्रेक को कर सकते हैं। लोकल लोगों के साथ आप इस ट्रेक पर जा सकते हैं। स्थानीय लोग आपको इस जगह के बारे में अच्छे से बताएँगे। इस ट्रेक को पूरा करने में लगभग 3-4 घंटे का समय लगता है। ट्रेक के टॉप पर पहुँचकर आप इस घाटी के सबसे खूबसूरत नजारे को देख सकते हैं।
पहाड़ों पर कैंपिंग
पहाड़ों पर कैंपिंग करना एक खास अनुभव होता है। आप हिमाचल की गत्ताधार वैली में भी कैंपिंग कर सकते हैं। चारों तरफ खूबसूरत चोटी देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। यहाँ से आप खूबसूरत सूर्योदय के नजारे को भी देख सकते हैं। खूबसूरत सुबह के शानदार व्यू को देखने के लिए आपको सुबह-सुबह जल्दी उठना पड़ेगा।
रेणुका लेक
गत्ताधार के सफर मे रास्ते में कई खूबसूरत जगह मिलती हैं। उनमें से ही एक है, रेणुका लेक। रेणुका लेक हिमाचल प्रदेश की मशहूर जगहों में से एक है। पहाड़ों के बीच स्थित इस झील को देखने का अपना अलग ही मजा है। इसके अलावा यहाँ पर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी भी है जिसे आप अपनी बकेट लिस्ट में रख सकते हैं।
पहाड़ों के नजारे
हर कोई ऐसी जगह पर जाना जाता है जहाँ चारों तरफ हरे-भरे पहाड़ हों और दूर तलक बर्फ से ढंकी चोटी। इन पहाड़ों के ऊपर से बादल तैरें तो आप उन के देख रहे हों। आपकी इस कल्पना को पूरा करने का काम करती है, गत्ताधार घाटी। इस वैली को एक्सप्लोर करते हुए आपको ऐसे ही नजारे देखने को मिलेंगे।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट से: अगर आप फ्लाइट से गत्ताधार जाने का सोच रहे तो सबसे निकटतम चंडीगढ़ एयरपोर्ट है। चंडीगढ़ से नाहन 82 किमी. की दूरी पर है। नाहन से आप गत्ताधार पहुँच सकते हैं।
ट्रेन से: अगर आप ट्रेन से गत्ताधार जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम अंबाला और देहरादून रेलवे स्टेशन है। यहाँ से आप वाया रोड नाहन और फिर गत्ताधार पहुँच सकते हैं।
बस से: आप बस से भी गत्ताधार पहुँच सकते हैं। आप पहले बस से नाहन पहुँचिए और उसके बाद नाहन से गत्ताधार के लिए बस लीजिए। नाहन से गत्ताधार पहुँचने में लगभग 5 घंटे का समय लगेगा।
रोड ट्रिप: अगर आपके पास गाड़ी है तो खुद चलाकर गत्ताधार पहुँच सकते हैं। दिल्ला से गत्ताधार पहुँचने में 11-12 घंटे का समय लगता है।
कहाँ ठहरें?
गत्ताधार एक छोटा-सा गाँव है इसलिए आपको यहाँ लग्जरी होटल नहीं मिलेंगे। गत्ताधार में स्थानीय लोगों के साथ होमस्टे में ठहर सकते हैं। गत्ताधार में आपको 500-1000 में एक बढ़िया होमस्टे मिल जाएगा। आप यहाँ पर स्थानीय फूड का स्वाद ले सकते हैं जो आपको बड़े-बड़े होटल में भी नहीं मिलेगा। गत्ताधार में आपको होमस्टे में रहने में मजा आएगा।
गत्ताधार वैली की सबसे खास बात यही है कि इस जगह पर कम ही लोग गये हैं। इस जगह को सही मायने में ऑफबीट कहा जाना चाहिए। अगर आप किसी अनछुई जगह पर जाना चाहते हैं तो फौरन गत्ताधार घाटी का प्लान बना लीजिए।
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