हिमाचल प्रदेश की वादियां जितनी सुंदर हैं, उतनी खतरनाक भी कही जाती हैं। आज हम आपको बता रहे हैं यहां के एक ऐसे दुर्गम स्थान के बारे में जिसके बारे में कहा जाता है की इस स्थान पर भूत रहता है। यहां से निकलने वाले लोग इस भूत के स्थान पर मिनरल वाटर और सिगरेट रखकर ही आगे जाते हैं।
हिमाचल के मनाली लेह मार्ग पर है गाटा लूप्स। करीब 17,000 फिट की ऊंचाई पर वीरान पहाड़ और खामोशी एक अजीब सा अहसास कराती है। यहीं पर है भूत का एक छोटा सा घर यह स्थान (घर) कैसे बना इसकी एक अलग कहानी है। एक तो इस डरावनी जगह पर कोई जाता ही नहीं है, जो लोग इस जगह से गुजरते हैं वह यहां भूत के इस रहस्यमयी स्थान के सामने मिनरल वाटर और सिगरेट रखकर ही आगे जाते हैं।
यह है भारत का सबसे खतरनाक रास्ता
मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर खतरनाक 21 घुमावदार चक्करों वाले हेयर पिन बेंड को गेटा लूप्स कहा जाता है। इसे भारत का सबसे खतरनाक रास्ता भी माना जाता है। सर्दियों में तो यह रास्ता भारी बर्फबारी के कारण बंद ही रहता है। मनाली से केलांग होते हुए हिमाचल प्रदेश की सीमा में पहुंचते ही सराचू के पठारी मैदान दिखते हैं। इसके बाद एक नदी आती है, फिर एक खतरनाक पहाड़ी आती है।
इस स्थान से जुड़ी कहानी
इस इलाके में ऐसा कहा जाता है कि करीब डेढ़ दशक पहले इस स्थान पर एक ट्रक खराब हो गया था। सर्दी की शुरूआती दौर था हल्की बर्फबारी हो रही थी। ट्रक ड्राइवर, क्लीनर को ट्रक में ही छोड़ मदद के लिए गांव पैदल चला गया। इस स्थान से उस गांव की दूरी करीब चालीस किलोमीटर के आसपास थी। इस दौरान मौसम और खराब हो गया तथा भारी बर्फबारी के कारण रास्ता बंद हो गया। एक सप्ताह बाद बर्फीला तूफान थमा। ड्राइवर जब मदद लेकर लौटा, तब तक क्लीनर की भूख-प्यास और मौसम की वजह से मौत हो गई। उसकी लाश ट्रक के अंदर मिली थी।
अजीब एवं डरावनी घटनाएं होने लगीं
अपने सहायक की मौत से दुखी ड्राइवर ने उसे उसी स्थान पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जिस स्थान पर ट्रक खड़ा किया गया था उसी स्थान पर क्लीनर को दफन कर दिया गया। इस घटना के कुछ ही दिन बाद इस स्थान पर यहां से निकलने वाले लोगों के साथ अजीव एवं डरावनी घटनाएं होने लगीं। इस जगह पर एक लड़का लोगों को अकसर दिखने लगा, जो उनसे कुछ खाने और पीने को पानी मांगता। जो लोग उसे यह नहीं देते थे वह किसी न किसी हादसे का शिकार होने लगे। ऐसा कहा जाता है कि बाहर से आने वाले लोगों को इतनी ऊंचाई पर सांस लेने में दिक्कत के कारण मौत भी हो जाया करती थी। कई लोगों ने उस लड़के को पानी भी दिया, पर पानी की बोतल उसके हाथ से नीचे गिर जाती थी और वह बड़ी ही लाचार स्थित में वैसे ही आंखों में आंसू लिए लोगों से पानी और खाना मांगता रहता था।
किसके कहने पर बनाना पड़ा स्थान?
उस दौरान इस दुर्गम स्थान पर इतने हादसे होने लगे की लोग यहां जाने से मना करने लगे। पूरे हिमाचल में इस जगह के बारे में चर्चा शुरू हो गई। इस भूत को शांत करने के लिए पंडित बुलाए गए जिन्होंने कर्मकाण्ड के बाद यहां उसका एक स्थान बनवा दिया। यहां से गुजरने वाले ड्राइवर इस स्थान पर मिनरल वाटर और कोल्ड ड्रिंक की भरी बोतलें चढ़ाने लगे। कई लोग शराब और सिगरेट भी इस स्थान में चढ़ावे के तौर पर भेंट देने लगे। गांव के लोगों का कहना है कि भूत का स्थान बनने के बाद लोगों को उस युवक का भूत दिखना बंद हो गया।
नोट- आपको यह जानकारी मान्यताओं और बुजुर्गों के कहे अनुसार उपलब्ध कराई गई है। इसके जरिए किसी को भी भ्रमित करना या अंधविश्वास फैलाना हमारा मकसद नहीं है। केवल इतना ही कहा जा सकता है कि सभी लोग उक्त भूत के संपर्क में नहीं आते हैं; अन्य लोग बस जा सकते हैं और इसे अपने लिए अनुभव कर सकते हैं। खूबसूरत बस्तियों और स्थानों को देखने के लिए जरूर घूमने जाएं - यह एक अलग दुनिया है जो आपका स्वागत करने के लिए इंतजार कर रही है।
हमने इस जगह पर पानी की कई बोतलें भी देखीं। पहली बात दिमाग में आई, कि लोगों ने इतनी प्लास्टिक की बोतलें क्यों छोड़ दीं? सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता को बर्बाद करने के लिए? इसलिए मैं अपने सभी पाठकों से भी अनुरोध करती हूं कि यदि वे आने वाले वर्षों या समय में इस जगह की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो कृपया प्रकृति को खराब न करें। कूड़ेदान के बजाय कहीं भी प्लास्टिक न फैलाएं। अगर आप इस कहानी में विश्वास रखते है तो केवल पानी चढ़ा सकते है, एक जिम्मेदार घुमक्कड़ होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपने पर्यटन स्थानों और पहाड़ों की खूबसूरती को बनाये रखे।
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