क्या आपने कभी भारत के ग्रांड कैन्यन के बारे में सुना है? यदि आपने इसके बारे में नहीं सुना है, तो इस अद्भुत जगह को पढ़ने और तलाशने का समय आ गया है। खैर, राजस्थान आश्चर्य से भरा है, है ना? राजस्थान में हमेशा कुछ न कुछ ऐसा होता है जो आपको रोमांचित कर देता है। कोटा के बारे में तो आपने सुना होगा? पर मुझे यकीन है कि हममें से ज्यादातर लोगों ने इस जगह के बारे में नहीं सुना होगा। कोटा राजस्थान का एक छोटा सा शहर है और यहाँ राजस्थान के कुछ बेहतरीन पर्यटक आकर्षण हैं।
गराड़िया महादेव मंदिर को अक्सर भारत के ग्रैंड कैन्यन के रूप में जाना जाता है और अपने सुंदर दृश्यों के लिए इसे पसंद किया जाता है। दिलचस्प? इसके अलावा और भी बहुत कुछ है जो आपको इस शानदार जगह के बारे में जानना चाहिए। खैर, पढ़ना जारी रखें... मुझे यकीन है कि आप राजस्थान के सबसे अच्छे मंदिरों में से एक गड़िया महादेव मंदिर से निराश नहीं होंगे। समुंद्र तल से करीबन 500 फीट की उचाई पर एक तंग घाटी में प्रचंड चम्बल नदी के किनारे पर बना भगवान शिव का ‘गरड़िया महादेव मंदिर ‘ ना केवल एक धार्मिंक जगह है बल्कि प्राक्रतिक सौन्दर्य का एक जीता जागता उदाहरण भी है।
कोटा का गरड़िया महादेव मंदिर
समुद्र तल से 500 फीट ऊपर एक चट्टान पर स्थित, यह राजस्थान के तीर्थ स्थलों में से एक है।यह मंदिर दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने में कामयाब रहा हैं। गरडिया महादेव एक ऐसा स्थान हैं जो एक पिकनिक स्थल के रूप में भी जाना जाता है, जहाँ लोग अक्सर पिकनिक मानाने के लिए आते हैं। क्योंकि चंबल नदी के तट पर स्थित होने के कारण नदी के पानी के जल की वजह से यहां शांति का एहसास तो होता ही है साथ में नदियों से उत्पन कई मनमोहक द्रश्य देखने को यहा मिल जाते हैं। शांत हवा आपके कानों में भक्ति की भावना जगाने के लिए आपके कानों में शिव स्तोत्र का जाप कर रही होगी। यह स्थान स्वयं भगवान द्वारा बनाई गई पेंटिंग की तरह चित्र-परिपूर्ण प्रतीत होता है।मेरा विश्वास करो, इस जगह की सुंदरता का वर्णन करने के लिए आपके पास शब्द कम पड़ जाएंगे।
गरडिया महादेव घूमने जाने का सबसे अच्छा समय
गरड़िया महादेव मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मानसून के दौरान है। मानसून के दौरान आपको चंबल नदी पानी से भरी हुई मिलेगी। साथ ही, मौसम सुहावना होता है और आप मानसून के दौरान इस जगह का सबसे अच्छा नजारा देख सकते हैं। इसके अलावा, आप कुछ बेहतरीन क्लिक हासिल करने के लिए सुबह-सुबह इस जगह की यात्रा करना चुन सकते हैं।
मै आपको सलाह देना चाहूँगा के आप यंहा शाम को सूर्यास्त के समय से कुछ देर पहले गरड़िया महादेव मंदिर आयें और पैदल ही प्रवेश द्वार से मंदिर तक जाएँ , सूखे वर्क्षो से भरे इस जंगले में थोडा बहुत एक अलग तरह का अनुभव भी मिलता है जो शहर के प्रदूषित और भीड़ भाड भरे माहौल से काफी हटके है । पिकिनिक के लिए आयें तो भोजन पानी की व्यवस्था करके आयें यंहा कोई दूकान, रेस्तरा नहीं है न ही पानी की उचित व्यवस्था । एक और बात अपनी यात्रा का आनंद ऊपर मौजूद मंदिर के पास से ही ले घाटी की तलहटी में जाके नदी में नहाने या घूमने की कल्पना भी न करे ये एक झोखिम भरा कदम साबित हो सकता है जंगली जानवर और मगरमच्छ आपका स्वागत कर सकते है ।
गरडिया महादेव मंदिर का प्रवेश शुल्क
भारतीय नागरिक - 50 रूपए
गैर-भारतीय नागरिक - 500 रूपए
छात्र - 20 रूपए
गरडिया महादेव मंदिर खुलने और बंद होने का समय
गरडिया महादेव मंदिर श्रद्धालुओं के घूमने के लिए प्रतिदिन सुबह 6.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक खुला रहता है, और आपकी जानकरी के लिए अवगत करा दे गरडिया महादेव मंदिर पूर्ण और आनंदमयी यात्रा के लिए 1-2 घंटे का समय निकालकर यात्रा सुनिश्चित करें।
गरड़िया महादेव मंदिर कैसे पहुंचे?
मंदिर कोटा-चित्तोड़ हाईवे पर कोटा से बीस किलोमीटर दूर , चित्तोड़गढ़ से 152 किलोमीटर खडीपुर गाँव के पास ढाई किलोमीटर दूर स्थित है। आने जाने के लिए कोटा दिल्ली, जयपुर और चित्तोड़ से रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है कोटा से खड़ीपुर तक सरकारी बस भी मिल जाती है, या आप कोटा से ऑटो या टैक्सी लेकर भी आ सकते है ।राजमार्ग से मंदिर तक जाने वाली सड़क देखके दोपहिया वाहन से आना सबसे उत्तम लगता है ।मंदिर क्षेत्र में परवेश हेतु वाहन का शुल्क भी अलग से लगता है।
कार / जिप्सी / मिनीबस – 250 रु.
बस – 400 रुपए
दोपहिया वाहन- 30 रुपए
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