गंगनानी, उत्तराखण्ड की ध्यान और सुकून वाली पाठशाला

Tripoto

शहरी ज़िन्दगी की चमक धमक के बीच मन की शान्ति कहाँ खो जाती है, पता ही नहीं चलता। आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि चलो अब कहीं ऐसी जगह घूमने चला जाए, जहाँ पर सुकून से सो तो सकें। सबके साथ ऐसा होता है, इसलिए लोग फिर नज़दीक में घूमने की जगहों की तलाश करने निकल पड़ते हैं।

अगर आप एक बार भी उत्तराखण्ड नहीं गए हैं तो इस बार गंगनानी का प्लान बना लीजिए। शान्ति की पाठशाला है ये, अपने मन को सुकून देने के लिए शायद सबसे बढ़िया जगह। गर्मी की छुट्टियों में रहने के लिए इस जगह के बारे में और जानकारी पाने के लिए बस पढ़ते चलें।

कहाँ पर है गंगनानी

उत्तराखण्ड की वादियों में बसी हुआ छोटा सा कोना, जहाँ से माँ गंगा साक्षात् उद्गम पाती हैं। दिल्ली से 400 किमी0 दूर स्थित गंगनानी गंगोत्री क़स्बे का ही एक हिस्सा है। यहाँ पर यात्री माँ गंगा के उद्गम स्थल को देखने हर साल आते हैं। यहाँ के गर्म सोतों में नहाने का जो आनन्द है, वो आपको कहीं और नहीं आता है। उसमें एक बड़ा कारण इसका गंगा के उद्गम के नज़दीक होना भी है। कई बार गर्मियों के मौक़े पर भी यात्रियों की लम्बी भीड़ जुटती है। तो कभी यात्री अपने पापकर्मों के प्रायश्चित्त के लिए यहाँ आते हैं।

घूमने के लिए दूसरी जगहें

1. उत्तरकाशी

उत्तराखण्ड आने वाले यात्रियों की घूमने की लिस्ट में एक नाम उत्तरकाशी का भी होता है। अपनी प्राकृतिक छटा के लिए मशहूर उत्तरकाशी धार्मिक और घुमक्कड़, दोनों ही लिहाज़ से याद करने लायक है।

2. भटवारी

भटवारी उत्तराखण्ड के ट्रेकिंग करने वाले घुमक्कड़ों के एक नए अड्डे के रूप में शुमार हो रहा है। गंगनानी का प्लान बनाते समय भटवारी का नाम भी ध्यान में रखें।

3. हर्षिल

भागीरथी नदी की गोद में बसा हुआ एक छोटा सा इलाक़ा समुद्रतल से 2,600 मीटर ऊपर है। एक शान्त क़स्बा, जिसे प्रकृति के दीवाने अपने दिल में रखते हैं। प्रकृति प्रेमियों को, घुमक्कड़ों को और ट्रेकिंग करने वालों को इस जगह ज़रूर आना चाहिए।

4. गंगोत्री

Photo of गंगनानी, उत्तराखण्ड की ध्यान और सुकून वाली पाठशाला 5/6 by Manglam Bhaarat
श्रेयः मधु नैयर

चारधामों में एक गंगोत्री तो माँ गंगा का उद्गम स्थल है। गंगोत्री आने वाले लोग गंगनानी को घूमने निकलते हैं। तो ये कहना ग़लत होगा कि गंगनानी घूमने वालों को गंगोत्री घूमना चाहिए। समुद्रतल से 3,042 मीटर ऊपर गंगोत्री उत्तराखण्ड के सबसे पवित्र और धार्मिक जगहों में एक है। जीवन में एक बार तो यहाँ पर आने का प्लान ज़रूर बनाएँ।

ट्रेकिंग करने वालों के लिए

कुछ दूसरी जगहें भी हैं, जो धीरे-धीरे गंगनानी के साथ प्रसिद्ध हो रही हैं। इनमें डोडी ताल, दयार बुग्याल और केदार ताल प्रमुख हैं।

कैसे पहुँचें

हवाई मार्गः गंगोत्री का हवाई अड्डा सबसे नज़दीकी है, लेकिन यहाँ की फ़्लाइट मिलना मुश्किल है। इसलिए आप देहरादून हवाई अड्डे पर जाने का प्लान बना सकते हैं। यहाँ से लगभग 200 किमी0 दूर गंगनानी के लिए आपको बसें मिल जाएँगी। आप टैक्सी भी ले सकते हैं।

रेल मार्गः हर्रावाला स्टेशन सबसे नज़दीकी है। आप देहरादून की ट्रेन पकड़ सकते हैं। यहाँ से आपको गंगनानी के लिए बसें मिल जाएँगी।

सड़क मार्गः हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून से बसें गंगनानी के लिए रोज़ चलती हैं। इन बड़ी जगहों पर आप दिल्ली या लखनऊ से बस पकड़ सकते हैं।

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