प्रत्येक नया साल नई उम्मीदें ले कर आता हैं और हम सब अपने पिछले अनुभवों से सीखकर एक बेहतर इंसान बनने का संकल्प लेते हैं। हमारे जीवन को आनंदमय बनाने के लिए, यात्रा सबसे अच्छा उपाय है।हर वर्ष की शुरुआत ठण्ड और कंपकपी के साथ होती है और मार्च का महीना सबसे अच्छा माना जाता है किसी भी यात्रा पर जाने के लिए।क्योंकि इसी महीने शुरू होती है वसंत ऋतु।वसंत जिसे ऋतुओं का राजा कहा जाता है।क्योंकि इस दौरान प्रकृति की सौंदर्यता अपने पूरे शबाब पर होती है। पेड़ों पर नए पत्तों के आगमन के साथ पूरा मौसम सुहावना हो जाता है। खेतों में सरसों के पीले-पीले फूल और आम के पेड़ों पर लदे बौरों की खुशबू से मौसम का पूरा मिजाज बदल जाता है। इस बीच सब कुछ नया-नया सा लगता है। फूलो के बाग सुन्दर- सुन्दर फूलो से सज जाते है।कुदरत के इस नज़ारे को देख कर मन उमंगो से भर जाता है।तो अगर आप भी इस खूबसूरत मौसम का आनंद जी भरकर उठाना चाहते हैं तो हम आपको कुछ जगहों के बारे में बता रहे है जहाँ आप वसंत का पूरा मजा उठा सकते है।
1.हिमाचल का कसोल
हिमाचल प्रदेश में स्थित कसोल को अगर घूमना है तो इसके लिए वसंत ऋतु एकदम सही मौसम।क्योंकि सर्दियों में यहाँ बहुत ठण्ड होती है।वसन्त आते ही यहाँ का मौसम सुहाना हो जाता है और हल्की धुप के साथ यहाँ घूमने का मजा दुगना हो जाता है।यह जगह प्राकृतिक दृश्यों के साथ-साथ एडवेंचर के लिए भी जानी जाती है। यहां आप ट्रेकिंग, कैंपिग और बोनफायर का आनंद उठा सकते हैं। वसंत ऋतु के दौरान यहां का प्लान एक आदर्श विकल्प हो सकता है।लोक कथाओं के अनुसार कसोल का नाम कसूल नामक पहाड़ियों में पाए जाने वाले एक फूल से पड़ा है। वसंत के मौसम में ढलानों पर इन फूलों की कालीन बिछ जाता है।जिसका नजर देखते ही बनता है।
2.युमथांग घाटी
युमथांग घाटी सिक्किम के उत्तर में समुन्द्र तल से 3585 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।जिसे फूलो की घाटी के नाम से भी जाना जाता है।अपनी प्राकृतिक सुंदरता से समृद्ध, इस जगह में फूलों की कई किस्में पाई जाती हैं, इसलिए इसे वैली ऑफ फ्लावर्स भी कहा जाता है।यहां स्थित शिंगमा रोडोडेंड्रोन अभयारण्य में बुरहान फूल की 24 किस्में पाई जाती हैं। यह अभयारण्य अप्रैल से मई के अंत तक फूलों से भरे पड़े रहते हैं। युमथांग के दाईं ओर स्थित गर्म पानी का झरना एक और पर्यटक आकर्षण है।यह स्थान अपने हरे-भरे घास के मैदानों, शांत देवदार के पेड़ों और चांदी के चमकते देवदार के जंगलों, खूबसूरत झरनों और नदियों के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।वसंत ऋतु में यहाँ का प्रकृति सौंदर्य अपने चरम सीमा पर होता है। इसके साथ ही आप यहाँ कई प्रकार के ऐड्वेंचर का भी मजा ले सकते है।
3.कोडाइकनाल
दक्षिण भारत का ये शहर वसंत में घूमने के लिए एक बेहतर ऑप्शन है।इस मौसम के दौरान यहाँ विभिन प्रकार के फूल और अन्य पौधो की सुंदरता देखते ही बनती है।चारो तरफ फैली हरियाली विदेशी सैलानियों को खूब आकर्षित करता है।यह समय ऑफ सीजन होने के नाते आप यहाँ होने वाले भीड़ से भी बच सकते है।इसके अलावा आप यहाँ ट्रेकिंग का भी आनंद ले सकते है।
4.ट्यूलिप गार्डन, श्रीनगर
ट्यूलिप गार्डन डल झील के किनारे पर जबरवान पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित है। 30 एकड़ में फैला ये गार्डन एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है।इस गार्डन में 60 लाख से भी अधिक किस्म के ट्यूलिप के पौधे देखे जा सकते है।साथ ही यहां पर डैफोडिल, हाइकिंथस (जलकुम्भी) और रेननकुलस जैसे पौधों की भी कई प्रजातियां देखी जा सकती हैं।हर साल वसंत के मौसम की शुरुआत के साथ यहां ट्यूलिप महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसमें फूलों की कई प्रजातियों का प्रदर्षन किया जाता है। इसका आरंभ 2017 में हुआ था। यह महोत्सव 1 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच एक पखवाड़े तक चलता है।
5.दार्जिलिंग
पश्चिम बंगाल का दार्जीलिंग अपने चाय के बागानों के लिए दुनिया भर में विख्यात है।यहाँ के ऊँचे-ऊँचे पहाड़ो के ढलानों पर हरे-भरे चाय के बागान ऐसे लगते है जैसे कुदरत ने पहाड़ो को हरे रंग से रंग के कोई चित्र बना दिया हो।यहां का सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी राजसी कंचनजंगा या खंगचेंद्जोंगा है।यहाँ पर सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए पर्यटक पास की चोटियों पर जाते हैं। शहर देखने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक 140 साल पुरानी दार्जिलिंग हिमालयन रेल की सवारी करना है। यह हिल स्टेषन और उसके आसपास के सबसे विस्मयकारी परिदृष्यों से होकर गुज़रती है।
6.मुन्नार, केरल
चाय ,कॉफ़ी और मसालों के असीम बागानों से घिरे हुआ और चारो तरफ हरियाली के साथ केरल का मुन्नार प्रकृति का स्वर्ग है।आप मुन्नार में कही भी जाए चाय,कॉफ़ी और इलाइची की मिश्रित खुसबू आपका पीछा नही छोड़ेगी।हर जगह आपको प्रकृति की सुंदरता देखने को मिलेगी।अपनी प्रकृति सुन्दरता के कारण ही मुन्नार को दक्षिण का कश्मीर कहा जाता है।मुद्रपुझा, नल्लाथंबी और कुंडला नदियों के संगम पर स्थित, मुन्नार का शाब्दिक अर्थ तीन नदियां है।वनस्पतियों और पशुओं की बहुतायत से परिपूर्ण अपने राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के साथ मुन्नार एक प्राणिपोषक प्राकृतिक आभूषण है। मेघों से भरा आसमान, लगातार सुहावना मौसम, मनोरम व्यंजन और पहड़ियो एवं हरियाली के साथ यह दैनिक जीवन की अव्यवस्थाओं और इसके सभी तनावों से राहत प्रदान करता है।वसंत ऋतु में यह की सैर जन्नत की सैर से कम नही है।
7.थेक्कडी, केरल
थेक्कडी केरल का एक छोटा सा शहर है।जो अपने सुंदर और हरे-भरे मैदान के लिए प्रसिद्द है।यहाँ का पेरियार नेशनल पार्क इस टाइम घूमने का सबसे अच्छा समय है।क्योंकि इस मौसम में सभी जानवर अपने अपने घरों से बाहर निकल करइस मौसम का मजा लेते है।तो यह समय बहुत अच्छा है जब आप उन जानवरो को देख सकते है। यहाँ पर आप जंगल सफारी कर सकते है।
8.जीरो वैली
अरुणाचल प्रदेश में स्थित ज़ीरो वैली अपनी प्रकृति सुन्दरता के लिए जानी जाती है। यहाँ के हरे-भरे हरियाली से भरे पहाड़ियों, मनमोहक दृश्य, देवदार के पेड़, घने जंगलों और विविध वनस्पतियों और जीवों से भरा जीरो वैली एक प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नही है।यहाँ के हरे-भरे प्रकृति सम्पदा विश्व विरासत है।वसंत के मौसम में यहाँ का प्रकृति सौंदर्य अपने सबाब पर होता है।
इस वसंत आप भी इन खूबसूरत स्थानों की सैर कर जहाँ की हरियाली यक़ीनन आपका मन मोह लेगी और आपके छुट्टियों का मजा कई गुना बढा देगी।
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