जब भी बात होती है दुनिया के सबसे प्राचीन और सबसे बड़े किसी उद्यान के बारे में तो जिक्र होता है कि वो उद्यान भारत में नहीं बल्कि किसी विदेशी शहर में मौजूद होगा। लेकिन, ऐसा नहीं है। दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप माजुली द्वीप और दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान भारत में ही मौजूद है और विश्व विख्यात भी है। जी हाँ, आपको जानकर ये हैरानी नहीं होनी चाहिए कि किसी अन्य देश में नहीं बल्कि, भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्य मणिपुर में मौजूद है दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान। इस राष्ट्रीय उद्यान में घूमने के लिए हर साल देश से लेकर विदेशों तक के सैलानी लाखों की संख्या में आते हैं। खूबसूरत और इस अद्भुत उद्यान पर घूमने का सपना लगभग हर कोई देखता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको इस उद्यान के बारे में विस्तार रूप से बताएंगे। तो आइए जानते हैं।
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़े
कहाँ है ये पार्क और क्या है इसमें खास
अब आप ये जरूर जानना चाहेंगे कि ऐसा नेशनल पार्क आखिर है कहाँ? ये नेशनल पार्क मणिपुर में स्थित है, जो कि दुनिया का इकलौता पानी की सतह पर तैरता हुआ नेशनल पार्क है। इस पार्क को 'केयबुल लामजो' के नाम से जाना जाता है। यूं तो नॉर्थ इंडिया का पूरा एरिया अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात है लेकिन केयबुल लामजो की खूबसूरती लाजवाब है। केयबुल लामजो नेशनल पार्क लोकटक झील पर मौजूद है। ये मणिपुर के बिशनुपुर जिले में स्थित है, जो कि राजधानी इम्फाल से तकरीबन 50 से 55 किलोमीटर की दूरी पर है।
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
ये राष्ट्रीय उद्यान लोकतक झील का एक प्रमुख हिस्सा है। तक़रीबन साल 1953 के आसपास इस पार्क को संगाई हिरण की रक्षा के के रूप में जाना जाता था। लगभग 40 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान एक अनोखे किस्म का अनूठा उद्यान है। इसका एक विशाल हिस्सा झील में तैरता रहता है। इसीलिये इसे फ्लोटिंग पार्क यानी कि तैरता हुआ उद्यान भी कहा जाता है। वर्ष 1966 में इसे राष्ट्रीय अभयारण्य के रूप में घोषित किया और कुछ वर्षों बाद इसका नाम केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया। हालांकि, राष्ट्रीय अभयारण्य घोषित करने से पहले लोग जानवरों का शिकार करते थे लेकिन, बाद में इस पर पावंदी लगा दी गई।
अद्भुत द्वीपों वाली अनोखी झील
इस झील की खूबसूरती आपको अपनी और खींच लेगी। इसमें बने प्राकृतिक द्वीप भी अद्भुत है। इन्हें ‘फुमदी’ कहा जाता है। इन द्वीपों में सबसे बड़ा द्वीप 40 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है। इन फुमदियों पर यहां के लोकल मछुआरे रहते हैं। ये झील मणिपुर को रेवेन्यू भी देती है जिससे इसकी आर्थिक स्थिति मजबूत है। इस झील से राज्य की हाइड्रोपॉवर जनरेशन के लिए पानी दिया जाता है।
झील के बीचों बीच खूबसूरत नेशनल पार्क
ये खूबसूरत नेशनल पार्क झील के बीच में ही स्थित है। इस नेशनल पार्क की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे विश्व से विलुप्त होते संगाई हिरनों का आखिरी नेचुरल घर मना जाता है। संगाई मणिपुर का राज्य पशु भी है। इतना ही नहीं इस जंगल में कई सारे जानवर हैं जैसे कछुए, कोबरा और वाइपर, कुछ विलुप्त होती बिल्लियां मार्बल्ड कैट और एशियन गोल्डन कैट आदि। इसके अलावा भी कई पक्षियों की प्रजातियां इस नेशनल पार्क में मौजूद है।
प्रकृति की गोद में बसा है ये पार्क
अगर आप प्रकृति प्रेमी है और कुछ समय प्रकृति, जानवर और पक्षियों के बीच बिताना चाहते हैं तो लोकटक झील की गोद में फैले इस सुंदर नजारे को देखने के लिए मणिपुर जरूर जाएं। आपको ये सभी नजारे देखकर बहुत ज्यादा खुशी होगी और आत्मिक शांति भी मिलेगी।
केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क की यात्रा के लिए टिप्स
अगर आप केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क की यात्रा पर जाने वाले है, तो किसी भी दुर्घटना और परेशानी से बचने के लिए इन टिप्स को अपनी यात्रा के दौरान अवश्य फोलो करें।
1. वन अधिकारियों द्वारा पार्क की देखरेख 24 घंटे की जाती है इसीलिए आप किसी भी असामान्य गतिविधि को करने का प्रयास न करें।
2. नेशनल पार्क की खोज करते समय अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी लें।
3. पार्क की यात्रा के लिए उचित कपड़े पहनें कैमरा, दूरबीन, टोपी, रेनकोट, सनस्क्रीन जैसी अपनी जरूर की वस्तुएं साथ ले कर चलें। ताकि आपको वहाँ किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो।
केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क की टाइमिंग
यह अनोखा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के घूमने के लिए सुबह 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुला रहता है इस दौरान आप कभी केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान घूमने आ सकते है।
केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क की एंट्री फीस
1.भारतीय पर्यटकों के लिए : 30 रूपये।
2.विदेशी पर्यटकों के लिए : 200 रूपये।
केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क घूमने जाने का सबसे अच्छा समय
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और अप्रैल के बीच है क्योंकि झील के जल स्तर पार्क का पता लगाने के लिए सबसे सही होता हैं। जबकि यदि हम दिन में घूमने के लिए सबसे अच्छे समय की बात करें तो में सुबह 6:00 बजे से 10:00 बजे और दोपहर 3:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक घूमना सबसे अच्छा है क्योंकि संगाई हिरण ज्यादातर इन दिनों में झुंडों में चरने के लिए निकलते हैं।
केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क कैसे पहुँचें
केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दूं। आप फ्लाइट, ट्रेन या सड़क में से किसी से भी ट्रेवल करके केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क इम्फाल पहुँच सकते है।
फ्लाइट से कैसे पहुँचें
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान का निकटतम एयरपोर्ट इम्फाल एयरपोर्ट में है, जो पार्क से लगभग 43 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एयरपोर्ट दिल्ली, आगरा सहित भारत के कई प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा है। फ्लाइट से ट्रेवल करके इम्फाल एयरपोर्ट पहुँचने के बाद, केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क जाने के लिए आप एक टैक्सी बुक कर सकते है।
ट्रेन से कैसे पहुँचें
केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दीमापुर रेलवे स्टेशन पार्क का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। इसीलिए बेहतर होगा फ्लाइट या ट्रेन से यात्रा कर आप केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क पहुँच सकते हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार यात्रा का कोई भी ऑप्शन सेलेक्ट कर सकते हैं।
सड़क मार्ग से कैसे पहुँचें
बस या सड़क मार्ग से केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क इम्फाल की यात्रा करना भी एक बेस्ट ऑप्शन है, जो टूरिस्ट्स को काफी पसंद भी आता है। क्योंकि इंफाल उत्तर पूर्व के शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। नियमित रूप से चलने वाली निजी बसें, साथ ही इम्फाल को दीमापुर, सिलचर, कोहिमा, आइजोल, ईटानगर, नागालैंड, अगरतला और शिलांग से जोड़ती हैं। इस मार्ग पर निजी टैक्सी भी उपलब्ध हैं।
क्या आपने इस अनोखे राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा की हैं। अपने अनुभव को हमारे साथ शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।