क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम और हिमाचल में किन गाँवों में शुरू होगी ये स्कीम?

Tripoto
11th Jun 2023
Photo of क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम और हिमाचल में किन गाँवों में शुरू होगी ये स्कीम? by Yadav Vishal
Day 1

टूरिज्म को लेकर आए दिन मोदी सरकार देश के सभी क्षेत्रों के विकास के लिए जोर-शोर से प्रयास कर रही हैं।चाहे वो शहर हो या गांव विकास हर जगह दिखाई दे रहा हैं। इसका एक नमूना हमें अभी हाल ही में हिमाचल प्रदेश में देखने को भी मिला हैं। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के पांच गांव को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत विकसित करने के लिए चुना गया हैं। आपको बता दें कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह अपनी यात्रा के दौरान घोषणा की हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के पांच गांव चितकुल, लियो, नाको, पूह और चांगो को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में इन पांच गावों के

अनूठी सांस्कृति को पहचान मिलेगी, जो आगे चल के दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगी।

क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम?

यह एक केंद्रीय वित्तपोषित कार्यक्रम है। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को शुरू किया है। जिसमें उत्तर में सीमावर्ती गांवों को विकसित करने और ऐसे सीमावर्ती गांवों के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने 4,800 करोड़ रुपये का खर्च निश्चित किया है। इसके अलावा इन गांवों में सड़कों के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2,500 करोड़ रुपये अलग से आवंटित किए गए हैं।

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इस प्रोग्राम के तहत हिमाचल प्रदेश के पांच गांव चुने गए हैं

यह पहल एक केंद्र प्रायोजित योजना हैं, जिसका उद्देश्य उत्तरी सीमा क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देना है और इन गांवों को शहरों के समान आधुनिक सुविधाएं प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत चितकुल, लियो, नाको, पूह और चांगो गांव अब तक के विकास प्रयासों का केंद्र बिंदु होंगे। साथ ही साथ केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि इसके अतिरिक्त, क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए चितकुल में एक सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र स्थापित करने की योजना भी चल रही है।

1. चितकुल गांव

इस योजना तहत चितकुल गांव को चुना गया हैं। जिसे भारत का अंतिम गाँव भी कहते हैं। चितकुल भारत की एक छिपी हुई जगहों में से एक है। चितकुल अपने कई खूबसूरत और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। इस गांव के पहाड़, विशाल चट्टानें, नदी, जंगल और घास के मैदान इस गांव की खूबसूरती में चार -चांद लगा देते हैं। यह घूमने, ट्रेकिंग के लिए, रात भर शिविर और मछली पकड़ने के लिए एक आदर्श जगह है। इसके साथ ही आप यहां सांगला मेदो और बेरिंग नाग मंदिर भी घूमे सकते हों। यह यहां का मुख्य आकर्षण बिंदु हैं।

मुख्यमंत्री जी ने चितकुल के विकास के लिए एक और प्रतिबद्धता जताते हुए चितकुल को मंडी से जोड़ने वाली बस सेवा शुरू करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि समुदाय की मांगों को पूरा करने के लिए कदम उठाए जाएंगे, जिसमें पार्किंग की सुविधा, एक सामुदायिक हॉल, बस स्टैंड और चितकुल में एक मिनी स्टेडियम का निर्माण शामिल है।

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2. लियो गांव

इस योजना के अंतर्गत दूसरा नाम हिमाचल प्रदेश के लियो का आता हैं। जो कि भारत और तिब्बत , चीन के बीच की सीमा पर स्थित हैं। यह गांव एक ऑफबीट टूरिस्ट स्पॉट में से एक हैं जहां जा के आन्दमय शान्ति का आभास होता हैं। यहां आप बर्ड वॉचिंग, ट्रैकिंग कर सकते हैं। यह एक परफेक्ट वीकेंड स्पॉट हैं।

3. नाको गांव

इस योजना के अंतर्गत तीसरा नाम हिमाचल प्रदेश के नाको का आता हैं। जो हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जिले के ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में भारत-चीन सीमा के पास स्थित है। नाको मोनेस्ट्री इस जगह की सबसे फेमस जगहों में से एक है। इसके साथ साथ आप नाको झील,पद्मसंभव मंदिर, और खुबसुरत वादिया इस गांव में देखने को मिलेगी। यहां कुछ जगहें तो ऐसी हैं कि आपका मन बाग-बाग हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश के आसमान को छूते पहाड़ और यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती यहाँ आने वाले लोगों को सुकून और शांति प्रदान करती है।

4. पूह गांव

इस योजना के अंतर्गत चौथा नाम हिमाचल प्रदेश के पूह का आता हैं। यह तिब्बत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित है। एक प्रचलित मान्यता है कि पूह के निवासियों मूल रूप से तिब्बत के लोग थे। आपको यहां उनकी कई सस्कृति देखने को भी मिल जायेगी। पूह गांव समुद्र तल से लगभग 1००० फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह गांव शान्ति और सुकून वाली जगहों में से एक हैं।

5. चांगो गांव

इस योजना के अंतर्गत पांचवा नाम हिमाचल प्रदेश के चांगो का आता हैं। चांगो हिमाचल प्रदेश राज्य के किन्नौर जिले की पूह तहसील का एक गाँव है। गाँव एक समतल मैदानी क्षेत्र है जो चारों ओर से ऊँचे पहाड़ों से घिरा हुआ है और बर्फ से ढका हुआ है। चांगो हंगरंग घाटी का सबसे बड़ा गांव है और आधुनिक युग की सभी सुविधाओं के साथ किन्नौर का सबसे खूबसूरत गांव भी है। यह अपनी अत्यधिक उपजाऊ पहाड़ी मिट्टी से उच्च गुणवत्ता वाले सेब के उत्पादन के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

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