फ़र्राटेदार हिंदी, गुजराती और कोंकणी बोलने वाले अफ्रीकियों से मुलाकात

Tripoto

सहयाद्री पर्वतों के घने जंगलों में छुपकर बसे एक अंजाने गाँव में पहुँचते हैं तो एक खोई हुई विरासत की एक ख़ास कहानी से रूबरू होने का मौका मिलता है | गद्गेरा गाँव यूँ तो कर्नाटक के अन्य कृषि प्रधान गाँवों जैसा ही लगता है; साड़ी में लिपटी औरतें, हंसिया, फावड़ा व अन्य कृषि के औज़ार लिए आदमी, कच्चे घरों के बाहर मस्ती में खेलते बच्चे | लेकिन पास जाने पर करीने से बाँधे हुए अफ़्रीकन बनावट वाले बाल और छोटी सी उभरी हुई नाक देखकर पता चलता है कि ये लोग बाकी के दक्षिण भारतीय लोगों से कितने अलग हैं |

श्रेय : नागार्जुन कंड़ुकुरू

Photo of येल्लापूर, Karnataka, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

एफ़्रो-इंडियन्स का इतिहास

एफ़्रो-इंडियन्स, जिन्हें भारतीय उपमहाद्वीप में सिद्दी या हब्शी भी कहा जाता है, के  इतिहास पर गौर किया जाए तो पता चलेगा कि ये लोग पूर्व अफ्रीका के बन्तु लोगों के वंशज हैं जिन्हें अरबी लोग गुलाम के रूप में भारत में लाए थे | बाद में इन्हें पुर्तगालियों द्वारा लाया गया जिनके चंगुल से ये लोग छूट कर आस-पास के जंगलों में छुपकर बस गए | आज के समय में ये लोग कर्नाटक, गुजरात और हैदराबाद के ग्रामीण इलाक़ों में रह रहे हैं |

आज के सिद्दी लोगों के जीवन पर नज़र डालें

आज के सिद्दी फ़र्राटेदार हिन्दी, कोंकनी, और गुजराती बोलते हैं और बड़े स्वाभाविक रूप से भारतीय संस्कृति के अनुसार ढल गए हैं | हालाँकि भारत के ज़्यादातर सिद्दी सूफ़ी मुस्लिम और हिंदू हैं, मगर कर्नाटक में रहने वाले अइडडी मुख्य रूप से ईसाई हैं जिनके नाम पूर्णतः ईसाई संस्कृति के अनुरूप हैं | ये किसी भी अन्य भारतीय जितने ही भारतीय हैं मगर इनकी मूल संस्कृति की जड़ें इनके पारंपरिक नृत्य और संगीत में झलकती हैं |

श्रेय : आकांक्षा

Photo of फ़र्राटेदार हिंदी, गुजराती और कोंकणी बोलने वाले अफ्रीकियों से मुलाकात by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

आज के समय में इनका संघर्ष

मुख्य रूप से किसान और मज़दूर के रूप में काम करने वाले सिद्दी ग़रीबी के चंगुल में फँसे हुए हैं | इनके गाँव के बाहर के लोगों का रूखा व्यवहार इनकी अलग-थलग दुर्दशा को और बदतर बना देता है | लोग इनसे अक्सर इनके मूल निवास के बारे में पूछते हैं और अलग होने के चलते इन्हें लोगों की तीखी नज़रें भी झेलनी पड़ती हैं |

श्रेय : पुश्कर्व

Photo of फ़र्राटेदार हिंदी, गुजराती और कोंकणी बोलने वाले अफ्रीकियों से मुलाकात by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

श्रेय : पुश्कर्व

Photo of फ़र्राटेदार हिंदी, गुजराती और कोंकणी बोलने वाले अफ्रीकियों से मुलाकात by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

ऑस्कर फाउंडेशन जो की युवाओं द्वारा संचालित एक एक नॉन-प्रॉफिट संस्था है, ने स्किलशेयर इंटरनैशनल के साथ मिलकर फ़ुटबॉल के माध्यम से सिद्दी बच्चों में जीवन मूल्यों और कौशल के विकास को बढ़ावा देने की पहल की है |

सिद्दी समुदाय के जीवन के संघर्षों को करीब से समझने के लिए बीबीसी शॉर्ट देखें |

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