गोरखपुर, जिसका इतिहास कई मायने में शहर को अलग लाइन में लाकर खड़ा कर देता है। धार्मिक ग्रंथ छापने वाली गीता प्रेस ने जहाँ लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा, वहीं नाथ संप्रदाय का गोरक्षनाथ मंदिर अपनी बरसों से चमक बिखेरे हुए हैं। यही पास के चौरीचौरा में अंग्रेजों को छकाने और नाकों चने चबवाने वाले आजादी के परवाने हस्ते-हस्ते सूली चढ़ गए। इतना ही नहीं दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म होने का तमगा भी गोरखपुर के खाते में ही है। पूर्वाचल के लाखों मरीजों को राहत देने वाला मेडिकल कॉलेज भी यहीं मौजूद है। अब एम्स और फर्टिलाइजर जैसे संस्थान इसकी सूरत में चार चांद लगाने के लिए दस्तक दे रहे हैं। इन सब उपलब्धियों के बीच कुछ और चीजे मिल जाएं, तो शहर विकास के पंखों से उड़ान भरने लगेगा। दरअसल पौराणिक कथाओं के साथ मिलकर जुटे हुए जड़ों के साथ, गोरखपुर एक ऐसा शहर है जो उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं की तलहटी में बसा है। यह शहर तीर्थयात्रा का केंद्र है, विशेषकर बौद्धों और नाथ संप्रदाय के श्रद्धालुओं के लिए, क्योंकि यह पवित्र शहर है, जिसमें भगवान बुद्ध ने अपना राजपाट छोड़ कर जीवन के अर्थ को खोजने के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी। गोरखपुर, कुशीनगर, कपिलवस्तु और लुम्बिनी जैसे अन्य बौद्ध तीर्थ स्थलों के लिए यह प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। जी हाँ दोस्तो! आज मैं आपको योगी जी की नगरी और साथ ही अपने जन्म स्थल, गोरखपुर ! के बेहतरीन जगहों के बारें में बताऊंगी। पूर्वांचल की शान कहे जाने वाले गोरखपुर में भी आप सभी के लिए बहुत ही सुन्दर स्थल है जिनके बारे में शायद ही आप ने सुना होगा। तो आइए जानते हैं।
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श्री गोरखनाथ मंदिर
महान तपस्वी और हठयोगी बाबा गोरखनाथ को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर गोरखपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 4.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि बाबा गोरखनाथ भ्रमण करते हुए यहाँ आए थे और इस स्थान पर उन्होंने दिव्य समाधि लगाया था। यह हिन्दू धर्म, दर्शन, अध्यात्म और साधना के अंतर्गत विभिन्न संप्रदायों और मत, मतांतरों में नाथ संप्रदाय का प्रमुख स्थान है। श्री गोरक्षनाथ मंदिर नाथ संप्रदाय के मााने वालों के अलावा हिन्दू राजनीति का भी प्रमुख केन्द्र है। मन्दिर के भीतरी कक्ष में मुख्य वेदी पर शिवावतार अमरकाय गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज की श्वेत संगमरमर की द्विव्य मूर्ति ध्यानावस्थित रूप में प्रतिष्ठित है। इस मूर्ति का दर्शन मनमोहक व चित्ताकर्षक है। यह सिद्धमयी दिव्य मूर्ति है। श्री गुरु गोरक्षनाथ की चरण पादुकाएं भी यहाँ प्रतिष्ठित हैं, जिनकी प्रतिदिन विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। प्रतिदिन मंदिर में भारत के सुदूर प्रांतों से आये पर्यटकों, यात्रियों और स्थानीय व पास पड़ोस के असंख्य लोगों की भीड़ दर्शन के लिए आती है। मंगलवार को यहां दर्शनार्थियों की संख्या खासी रहती है। जब भी आप यहाँ आए इस भव्य मंदिर के दर्शन ज़रूर करें।
विष्णु मंदिर
भगवान विष्णु को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर गोरखपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है। ये शाहपुर मोहल्ले में अरसुन चौक के पास स्थित है। इस मंदिर में 12 वीं सदी की, पाल वंश कालीन, काले पत्थर की बनी भगवान विष्णु की चतुर्भुज प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के चारों कोने जगनाथपुरी, बद्रीनाथ, रामेश्वरम और द्वारिका को समर्पित हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण पाल कालीन वास्तु शिल्प है। यह भगवान विष्णु की काली पत्थर की मूर्ति है ब्रिटिश सरकार इस मूर्ति को जब्त करना चाहती थी, हालांकि माजौली राज की रानी ने उस मामले को जीता, जिसका मुकदमा यूनाइटेड किंगडम के प्रेवी काउंसिल में लड़ा गया था और खूबसूरत मूर्ति वापस आ गई। मंदिर में हर दिन एक धार्मिक उत्सव जैसा लगता है, लेकिन विजयादश्मी के त्योहार के दौरान इसकी एक अलग छटा, ऊर्जा और सुंदरता होती है। इस अवसर पर यहाँ भव्य रामलीला और रंगीन झंकी त्यौहार की पूर्व संध्या पर आयोजित किया जाता है। इस मोहक अनुभव के लिए आपको जो भी करना है, वह है शहर के धर्मशाला बाजार से एक आटो रिक्शा से विष्णु मंदिर के पवित्र मैदान तक चलना है, सप्ताह के सभी दिनों (प्रात: 6 बजे से 12.00 दोपहर और फिर 3 से 8 बजे तक) पर खुला रहता है। आप जब भी गोरखपुर आए इस 12 वीं सदी की, अनमोल धरोहर के दर्शन ज़रूर करें।
गीता वाटिका
गोरखपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित इस स्थल का मुख्य आकर्षण राधा कृष्ण मंदिर है। गीता वाटिका गोरखपुर के असुरान चौक के निकट 5.2 एकड़ मंदिर परिसर है, जो धार्मिक लेखक हनुमान प्रसाद पोद्दार द्वारा निर्मित कराया गया था। मंदिर परिसर पूरे दिन पूजा अर्चना और वंदना के स्वरों से गूंजता रहता है। यहाँ का भक्तिमय माहौल कानों को कितना प्रिय लगता है, इसका एहसास पूरे दिन बैठने वाले श्रद्धालुओं को स्वत: होता है, साथ ही यहाँ आने वाले लोग भक्ति गीत और दैवीय दुनिया की कहानियों को सुन सुन कर स्वयं उनमें लीन हो जाते हैं। सब मिलाकर इस परिसर की कोई भी जगह आधात्म और भक्ति भाव से अछूती नहीं है। आप भी यहाँ के दर्शन ज़रूर करें।
आरोग्य मंदिर
रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आरोग्य मंदिर प्राकृतिक चिकित्सालय के रूप में प्रसिद्ध है। दुनिया भर में बड़े स्तर पर प्रसिद्धि हासिल कर चुके आरोग्य मंदिर में अब तक लाखों मरीजों का इलाज हो चुका है। लाखों मरीज यहाँ से प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। यहाँ देश ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने से लोग अपना इलाज कराने आते हैं। खास बात यह है कि यहाँ किसी भी मरीज को कोई दवाई नहीं दी जाती है। बल्कि उनका इलाज प्राकृतिक चीजें मिट्टी, हवा, पानी और धूप इन्हीं के जरिए किया जाता है।
गीता प्रेस
गीता प्रेस हिंदू धार्मिक ग्रंथों के प्रकाशन के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर दूरी पर रेती चौक के पास स्थित गीताप्रेस में सफेद संगमरमर की दीवारों पर श्रीमद्भगवदगीता के सम्पूर्ण 18 अध्याय के श्लोक उत्कीर्ण है। गीताप्रेस की दीवारों पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एवं भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की महत्त्वपूर्ण घटनाओं की चित्रकला प्रदर्शित हैं। यहाँ पर हिन्दू धर्म की दुर्लभ पुस्तकें, हैण्डलूम एवं टेक्सटाइल्स वस्त्र सस्ते दर पर बेचे जाते हैं। विश्व प्रसिद्ध पत्रिका कल्याण का प्रकाशन यहीं से किया जाता है।
वीर बहादुर सिंह तारामंडल
गोरखपुर स्थित यह तारामंडल युवाओं और बच्चों के लिए एक आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ आप डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से खगोलीय घटनाओं, ब्रह्मांड के रहस्यों, तारों, ग्रहों इत्यादि के बारे में जान सकते हैं।
बुद्ध संग्रहालय
बुद्ध संग्रहालय गोरखपुर शहर से 32 किमी और कुशीनगर से 1 किमी की दूरी पर है और रामगढ़ झील के तट पर स्थित है। यह पर्यटक के लिए एक पुरातात्विक आकर्षण है। संग्रहालय को सांस्कृतिक संपत्ति रखने, दस्तावेज और प्रदर्शन करने के लिए बनाया गया है और इसमें 3500 से अधिक प्राचीन वस्तुएं, अवशेष और थंका पेंटिंग्स है। गोरखपुर स्थित इस पुरातात्विक संग्रहालय में आप प्राचीन कालीन ऐतिहासिक मूर्ति और चित्रों को देख सकते हैं।
तरकुलहा देवी मंदिर
जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह मंदिर हिंदू धर्मावलंबियों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है। कहते है यहाँ जो भी मन्नत मांगी जाती है वह ज़रूर पूरी होती है। ये मंदिर अपनी भव्यता के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
रेल संग्रहालय
गोरखपुर के रेलवे स्टेडियम कॉलोनी में स्थित यह संग्रहालय जिले का एक प्रमुख आकर्षण है। यहाँ पुराने स्टीम इंजन, ट्रेन, मिनी खिलौना ट्रेन को देखा जा सकता है। यहाँ टॉय ट्रैन पर जॉय राइड की सुविधा उपलब्ध है। गोरखपुर एनईआर का मुख्यालय भी है यहाँ रेलवे का अपना प्रसिद्ध रेल संग्रहालय लोगों विशेष कर बच्चों और महिलाओं के लिए आकर्षण का केन्द्र है। इस शांतपूर्ण और सुरक्षित माहौल में परिवार के साथ शाम व्यतीत करना लोगों के आकर्षण का केन्द्र है। रेल म्यूजियम जीएम रेलवे के परिसर के निकट स्थित है। यहाँ आटो या रिक्शा से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहाँ काफी लोग आते है। ये जगह बच्चो की पसंदीदा जगहों में से एक है। यह जगह आपके लिए पुराने फोटोग्राफ, इंजन और अन्य ऐसे नमूने जैसे प्राचीन वस्तुएं का एक अच्छा संग्रह रहता है, जिसे देख और जानकर आप अवश्य ही आनंदित होंगे। इसके अलावा अपने बच्चों को खिलौना ट्रेन की सवारी दे सकते हैं, जो संग्रहालय परिसर में चलती है। यहाँ बने रेस्तरां में कदम रखिए और तरह तरह के व्यंजनों तथा जूस का स्वाद लिजीये। खिलौना ट्रेन, एक ट्रेन डिब्बे की शैली में डिजाइन किया गया है। यह आपको एक वास्तविक यात्रा का अनुभव प्रदान करता है। गोरखपुर पर्यटक स्थल में ये जगह बहुत ही फेमश है। आपको यहाँ एक बार पिकनिक के लिए ज़रूर जाना चाहिए। यह जगह आपको एक वास्तविक यात्रा का अनुभव प्रदान करता है। अगली बार जब आप गोरखपुर आते हैं, तो एक सुखद अनुभव लेने के लिए इस संग्रहालय जाना नहीं भूलें।
मुंशी प्रेमचन्द उद्यान
गोरखपुर नगर के मध्य में रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मनोरम उद्यान प्रख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द के नाम पर बना है। इसमें प्रेमचन्द्र के साहित्य से सम्बन्धित एक विशाल पुस्तकालय निर्मित है तथा यह उन दिनों का द्योतक है जब मुंशी प्रेमचन्द गोरखपुर में एक स्कूल टीचर थे। तो जब भी गोरखपुर आए तो यहाँ एक बार ज़रूर जाएं।
सूर्यकुण्ड मन्दिर
गोरखपुर नगर के एक कोने में रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर दूरी पर ताल के मध्य में स्थित इस स्थान के बारे में यह विख्यात है कि भगवान श्री राम ने यहाँ पर विश्राम किया था जो कि कालान्तर में भव्य सुर्यकुण्ड मन्दिर बना। यह परिसर 10 एकड में फैला है। इस मंदिर की सुंदरता देखने योग्य हैं। यहाँ रात्रि में काफी रौनक देखने को मिलती हैं। तो जब भी गोरखपुर आए तो यहाँ एक बार ज़रूर जाएं।
रामगढ़ ताल
रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर पर 1700 एकड़ के विस्तृत भू भाग में रामगढ़ ताल स्थित है। यह पर्यटकों के लिए अत्यन्त आकर्षक केन्द्र है। यहाँ पर जल क्रीड़ा केन्द्र, बौद्ध संग्रहालय, तारा मण्डल, चम्पादेवी पार्क एवं अम्बेडकर उद्यान आदि दर्शनीय स्थल हैं।
वाटर पार्क
अपने बच्चों के साथ एक सप्ताहांत की सैर करने के लिए यहाँ तारामंडल स्थित चंपा देवी उद्यान परिसर में स्थित नीरनिकुंज जल पार्क अवश्य जाएं। नई ऊर्जा और दिलो दिमाग को ताजगी देने के लिए यहाँ शानदार पानी स्लाइडों का आनंद लें और आउटडोर पूल में चारों ओर छप-छप का आनंद लें। आपके मनोरंजन के लिए पर्याप्त संसाधनों के साथ, यह वाटर पार्क गर्मियों के समय एक आदर्श गंतव्य के रूप में आता है।
विनोद वन
गोरखपुर रेलवे स्टेशन से नौ किलोमीटर दूर कुस्मही जंगल है। इस जंगल में शेर, बाघ तो नहीं है, मगर चिडिय़ाघर का एक छोटा संस्करण जरूर है। यहाँ आपके हाथों में स्नैक्स की थोड़ी सी भी झलक देखने के लिए कई चंचल बंदर तैयार हैं। आप यहाँ कई तरह के हिरण, पक्षियां, सांप आदि देख सकते हैं। कुस्मही जंगल के अंदर ही दो प्रसिद्ध स्थल और हैं एक बुद्धिया माई का मंदिर, ( यह एक शक्ति देवी का धार्मिक पिकनिक स्थाल माना जाता है, जिसका दर्शन पूजन करने से लोगों की मुरादें पूरी होती हैं) और दूसरा है विनोद वन नामक एक पार्क का आवास।
मिनी चिडिय़ाघर, फूल उद्यान और कैफेटेरिया भी है आप कुस्मही के माध्यम से घूमने के साथ ही प्राकृतिक हवा का आनंद भी ले सकते हैं विनोद वान साखू, सागौन और ऊंचे पाम पेड़ों से घिरा हुआ है। बच्चों के लिए झूलों की सवारी और ढलानों के साथ ही अन्य खेल सामग्री भी यहाँ है इसके अलावा यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नहीं। यह जंगल वन विभाग की देखभाल में है, जिन्होंने पार्क के करीब यात्रियों के लिए एक गेस्टहाउस भी बना रखा है। इसलिए यदि आप अपने प्रियजनों के साथ कुछ समय आनन्दपूर्ण माहौल में बिताने की सोच रहे हैं, तो प्रकृति की गोद में यह बेहतर जगह साबित हो सकता है।
गोरखपुर कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग: गोरखपुर जिले का अपना हवाई अड्डा है। यहाँ के लिए डायरेक्ट हवाई सेवा उपलब्ध है। महायोगी गोरखनाथ एयरपोर्ट, गोरखपुर यह हवाई अड्डा गोरखपुर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से आपको टैक्सी आदि आसानी से मिल जाएगा।
रेल मार्ग: गोरखपुर रेल मार्ग से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा देश के विभिन्न भागों से अच्छे से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: गोरखपुर सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश और देश के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। यहाँ के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध है। आप यहाँ अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी आ सकते हैं।
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