भगवान गणेश को सभी देवताओं में प्रथम स्थान प्राप्त है।कोई भी शुभ कार्य हो सर्व प्रथम भगवान गणेश की पुजा अर्चना से ही शुरू होती है।ऐसी मान्यता है की बप्पा सभी कार्य को निर्विघ्न ही संपन करते है।शिव और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश का जन्म उत्सव गणेश चतुर्थी आने वाला है ऐसे में बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु देश भर के मंदिरों में पहुंचते है।आज हम आपको देश के कुछ ऐसे ही बप्पा के मंदिरों के विषय में बताएंगे जहां दर्शन मात्र से ही भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।आप भी अपने पूरे परिवार के साथ बप्पा के इन मंदिरों में बप्पा का आशीर्वाद लेने अवश्य पहुंचे।
1. सिद्धि विनायक मंदिर,मुंबई
मुंबई स्थित श्री सिद्धि विनायक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित देश का सबसे प्रमुख मंदिर है जिसके दर्शन करने के लिए विदेशों से भी लाखो श्रद्धालु आते है।इस मंदिर का निर्माण सन 1801 में लक्ष्मण विठू और देउबाई पाटिल ने कराया था।कहते है इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति की सूड दाई ओर मुड़ी होती हैं और सिद्धि पीठ से जुड़ी है। इसीलिए इस मंदिर का नाम सिद्धि विनायक पड़ा।यह मंदिर मुंबई के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले मंदिरों मे से एक है जहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु आते है।कहते है यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है।
2.खजराना गणेश मंदिर, इंदौर
इंदौर में स्थित भगवान गणेश का यह मंदिर एक स्वयंभू मंदिर है।दूर दूर से लोग यहां अपनी मुरादे लेकर आते है।कहते है यहां दर्शन मात्र से ही भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।इस मंदिर में मांगी गई मुराद पूरे होने पर भगवान गणेश की प्रतिमा पर उल्टा स्वास्तिक बनाने और भोग चढ़ाने की परंपरा है। इस मंदिर में गणेश जी की 3 फीट ऊंची प्रतिमा है और लोगो का कहना है कि यह प्रतिमा बावड़ी से निकाली गई थी।
3.रणथंभौर गणेश मंदिर, राजस्थान
रणथंभौर गणेश मंदिर श्रद्धालुओं के साथ साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में स्थित होने के कारण यहां का नजारा काफी सुंदर लगता है।इस मंदिर में गणेश भगवान के त्रिनेत्र स्वरूप की पूजा की जाती है।इस मंदिर का इतिहास हजार साल पुराना है ।कहते है इसी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और रूक्मणी के विवाह का प्रस्ताव मिला था।इसीलिए आज भी लोग अपनी शादी का प्रस्ताव ले कर बप्पा के पास जाते है।भगवान गणेश यहां पाने पूरे परिवार के साथ विराजते है जहां उनकी पत्नी ऋद्धि सिद्धि और पुत्र शुभ लाभ भी विराजते है। हर वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन यहां दो तीन दिनों के मेले का आयोजन भी किया जाता है जिसमे लाखो लोग दर्शन के लिए आते है।
4.डोडा गणपति मंदिर, बेंगलुरु
बेंगलुरु में स्थित डोडा गणपति मंदिर दक्षिण भारत में स्थित बप्पा के प्रमुख मंदिरों में से एक है।डोडा का अर्थ होता है बड़ा और इस मंदिर में बप्पा की 18 फीट ऊंची और 16 फीट चौरी मूर्ति स्थापित है जो कि एक काले ग्रेनाइट पत्थर की है से निर्मित है।इसकी सबसे खास बात यह है कि यह पूरी मूर्ति एक ही पत्थर को काट कर बनाई गई है।
5.श्रीमंत दग्दूसेठ हलवाई मंदिर, पुणे
श्रीमंत दग्दूसेठ हलवाई मंदिर महाराष्ट्र का दूसरा गणपति बप्पा का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।यह मंदिर अपने अद्भुत वास्तुकाल के लिए लोगो के बीच काफी लोकप्रिय है।इस मंदिर का निर्माण पुणे के एक बेहद प्रसिद्ध हलवाई ने कराया था।पुणे के दग्दूसेठ हलवाई के बेटे की प्लेग से मौत होने के बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण 1893 में करवाया।गणेश चतुर्थी के दिन यहां भक्तो की काफी भीड़ भाड़ देखने को मिलती है।गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर को बहुत ही खूबसूरत ढंग से सजाया जाता जो काफी आकर्षक लगता है।
6.उच्ची पिल्लयार कोइल मंदिर, तमिलनाडु
गणेश भगवान का यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है।तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली में यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है।कहते है इस मंदिर में स्थापित श्री रंगनाथ की मूर्ति स्वयं भगवान गणेश के द्वारा स्थापित है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,जब राम ने रावण का वध किया तो उसके बाद श्री राम ने विभीषण को भगवान रंगनाथ की मूर्ति भेंट की थी। श्रीराम ने विभीषण से कहा था कि इस बात का ध्यान रखना कि एक बार जहां भी यह मूर्ति रख दी जाएगी ये मूर्ति वहीं स्थापित हो जाएगी। विभीषण उस मूर्ति को लंका ले जाना चाहते थे। परंतु रास्ते में विभीषण की इच्छा कावेरी नदी में स्नान करने की हुई, लेकिन वह मूर्ति को जमीन पर नहीं रखना चाहते थे। तभी भगवान गणेश चरवाहे का रूप धारण कर वहां आए और बोले कि तुम स्नान कर लो तब तक वे मूर्ति अपने पास रखेंगे। विभीषण मूर्ति देकर स्नान करने गए तभी गणेश जी ने भगवान रंगनाथ की मूर्ति को वहीं जमीन पर रख दिया।तभी से यह मूर्ति यहां स्थापित है।
7.गणपतिपुले मंदिर , रत्नागिरी
महाराष्ट्र के रत्नागिरी में स्थित भगवान गणेश यह मंदिर पूरे देश में विख्यात है।लोगो का कहना है कि यहां स्थापित की गई मूर्ति बनाई गई नही बल्कि स्वयं प्रकट हुई मूर्ति है।बप्पा की इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह पर बप्पा की मूर्ति पूर्व की बजाय पश्चिम की ओर है, जिसके कारण जब फरवरी और नवंबर के महीने में सूर्य उदय होता है तो सूर्य की रोशनी सीधे गणेश जी की मूर्तियां पर पड़ती हैं।समुंद्र किनारे स्थित होने के कारण यहां श्रद्धालु के साथ ही साथ पर्यटकों की भी भीड़ रहती है।
8.मनाकुला विनयगर मंदिर ,पांडिचेरी
मनाकुला विनयगर मंदिर देश के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।इस मंदिर का निर्माण एक एक फ्रांसीसी क्षेत्र में किया गया है।मंदिर का नाम एक तालाब के नाम पर रखा गया है जोकि इसी मंदिर के पास स्थित है। कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित गणेश भगवान की मूर्ति को कई बार इस तालाब में फेंका गया है पर मूर्ति फिर से अपने स्थान पर प्रकट हो जाता है।इस अदभुत और चमत्कारी गणेश मूर्ति के दर्शन के लिए लाखो श्रद्धालु यहां आते है।गणेश चतुर्थी के अवसर इस मंदिर में ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया जाता है।
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