दिल्ली का ऐतिहासिक और छिपा हुआ खजाना, जिनके बारे में कम ही सुना होगा

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Photo of दिल्ली का ऐतिहासिक और छिपा हुआ खजाना, जिनके बारे में कम ही सुना होगा by Rishabh Dev

जब भी हम भारत की राजधानी दिल्ली की ऐतिहासिक जगहों की बात करते हैं तो सबसे पहला नाम लाल क़िले का आता है। इसके बाद जामा मस्जिद और इंडिया गेट भी काफ़ी ऐतिहासिक जगहें। दिल्ली ऐतिहासिक जगहों का ख़ज़ाना है। यहाँ के हर इलाक़े में कई शानदार ऐतहासिक इमारतें और जगहें मिल जाएँगी। दिल्ली में कुछ तो ऐसी ऐतिहासिक जगहें हैं जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है। अगर आप दिल्ली के छिपी हुईं ऐतिहासिक जगहों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो हम आपको एक ऐसी ही सैर पर ले जाने की कोशिश करते हैं।

दिल्ली की अनछुई ऐतिहासिक जगहें:

1. महरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क

महरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क भारत के दिल्ली में स्थित है। यह पार्क दिल्ली स्मृति यादगार क्षेत्र के उन्नयन के लिए बनाया गया है। इस पार्क में महरौली के प्राचीन इतिहास के प्रमुख स्थलों में से कुछ शामिल हैं। क़ुतुबमीनार महरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। कुतुबमीनार लगभग 200 एकड़ में फैला हुआ है। इसके अलावा इस पार्क में 100 से ज़्यादा ऐतिहासिक जगहें जिनको आप देख सकते हैं।

महरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क में कुछ प्रमुख स्थलों में से महरौली बावड़ी है जो दिल्ली की सबसे पुरानी बावड़ी में से एक है। इसके अलावा इस पार्क में राजों के मकबरे, बौद्ध विहार और राजस्थानी वास्तुकला के प्रदर्शनीय उदाहरण भी हैं। दिल्ली की आधुनिक ज़िंदगी से दूर प्राचीन इतिहास की खोज में आप इस ऐतिहासिक जगह पर जा सकते हैं।

2. मजनू का टीला

मजनू का टीला दिल्ली का एक ऐतिहासिक इलाक़ा है। ये एक तिब्बती कॉलोनी है जिसमें 1950 से तिब्बत के रिफ्यजी रहते हैं। आपको यहाँ घूमते हुए लगेगा कि आप किसी तिब्बती इलाक़े में घूमे रहे हो। तिब्बती लोग यहाँ कैफ़े, हैंडीक्राफ्ट और पारंपरिक चीजों को बेचते हैं। आप यहाँ पर तिब्बत के पारंपरिक फ़ूड का स्वाद ले सकते हैं। यहाँ पर कई सारे बौद्ध मंदिर हैं जिनको आप एक्सप्लोर कर सकते हैं। यहाँ पर दुनिया के बेस्ट मोमो मिलते हैं। दिल्ली आएँ तो मजनू का टीला नाम की जगह एक्सप्लोर करना ना भूलें।

3. जहाज़ महल क़िला

दिल्ली में एक और प्राचीन और ऐतिहासिक जगह है जिसके बारे में कम लोगों को पता है, जहाज़ महल किला। दिल्ली का यह स्मारक अपने नाम जहाज़ महल इसलिए है क्योंकि यह दिखने में जहाज़ की तरह लगता है। 1452 से 1526 के बीच लोदी वंश के दौरान इस जहाज़ महल का निर्माण हुआ था। कहा जाता है कि इस महल का निर्माण ख़ुशी के पल बिताने के लिए धर्मशाला के रूप में किया था। जहाज़ महल की वास्तुकला बेहद शानदार है। यहाँ हर साल फूलवालों का सैर उत्सव मनाया जाता है।

4. अग्रसेन की बावली

अग्रसेन की बावली भारत में दिल्ली शहर के है। यह बावली दिल्ली के हैजी काली इलाके में स्थित है। इस बावली को अग्रसेन का बावला भी कहा जाता है। यह बावली 15वीं शताब्दी में निर्मित हुई थी और इसे महात्मा गांधी ने भी अपने एक सत्याग्रह के दौरान तालाब के नाम से उल्लेख किया था। यह बावली अत्यंत सुंदर और आकर्षक है।

इसमें नीचे उतरने के लिए 108 सीढ़ियां हैं। यह बावली 60 मीटर लंबी और ज़मीन पर 15 मीटर चौड़ी है। इस बावली में प्रवेश करने के लिए 3 दरवाज़े हैं। इसके आसपास स्थानीय बाजार हैं जहाँ आप विभिन्न स्थानीय वस्तुओं को खरीद सकते हैं। अग्रसेन की बावली दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे आपको जरूर देखना चाहिए।

5. मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली

मिर्ज़ा गालिब की हवेली दिल्ली के पुराने शहर में स्थित है। यह हवेली गालिब के नाम पर संजोई गई है जो उनके जीवन के दौरान यहाँ रहते थे। मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली पुरानी दिल्ली की क़ासिम जान की बल्लीमारान नाम की गली में स्थित है। हवेली इस हवेली का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था। यह हवेली दिल्ली के ऐतिहासिक वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है।

मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली यह अत्यंत सुंदर है और अपनी विस्तृत आयताकार और तराशे गए लकड़ी के काम के लिए प्रसिद्ध है। यह हवेली दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे आपको जरूर देखना चाहिए। इसमें कुछ मुख्य भाग शामिल हैं जैसे दीवान-ए-गालिब, गालिब का कमरा, शोभा बाज़ और बाग-ए-गुलफ़ाम। अगर आप दिल्ली आते हैं तो मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली देखना ना भूलें।

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