वृन्दावन-बरसाना में होली उत्सव एक जीवंत और आनंदमय उत्सव होता है, जिसे जीवन में हर कोई जीना चाहता है। यह उत्सव दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है। यदि आप इस रंगीन उत्सव में डूबने की योजना बना रहे हैं, तो पहले से कुछ खास प्लानिंग अगर की जाए जिससे कि आपको एक यादगार और आरामदायक अनुभव मिले, साथ ही कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो मनोरंजन के साथ-साथ आपको दिक्कतों का भी सामना करना पड़ेगा।
सही दिन का करें चुनाव
वृंदावन में होली का पर्व भले ही बसंत पंचमी से शुरू हो जाता हो, मगर असली होली यहां पर रंगभरी एकादशी के दिन से शुरू होती है। अगर आप लट्ठमार होली का आनंद लेना चाहते हैं तो उसके लिए आपको बरसाना और नंदगांव जाना होगा। यदि आपको फूलों, लड्डू, अबीर गुलाल की होली देखनी है, तो इसके लिए वृंदावन से बेहतर स्थान और कोई नहीं है। यदि आप भी इस उत्सव का आनंद लेना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आप रंगभरी एकादशी के दिन या फिर उसके बाद यहां पहुंचे।
फर्स्ट होटल की बुकिंग
आपको वृंदावन में यदि रुकना है, तो आपको बता दें कि यहां होटलों और आश्रमों की कमी नहीं है। मगर होली के दौरान यहां पर बहुत ही जयादा भीड़ होती है, इसलिए रहने की व्यवस्था आपको पहले ही बुक कर लेना चाहिए। यदि आप वृंदावन पहुंच कर होटल या आश्रम बुक करवाने की सोच रहे हैं, तो इसके लिए तगड़ी रकम चुकानी पड़ सकती है।
गाड़ी की पार्किंग का करे पहले इंतजाम
अगर आप अपने गाड़ी से वृंदावन आ रहे हैं, तो आपको बता दें कि फेस्टिवल टाइम शहर के आउटर पर बने पार्किंग एरिया में ही अपनी गाड़ी को पार्क कर दें। वहां से आपको अपने होटल तक पहुंचने के लिए कई लोकल साधन मिल जाएंगे। मगर यदि आप सोच रहे हैं कि होली महोत्सव के दौरान आप गाड़ी अपने होटल में पार्क करें, तो इससे आपको परेशानी हो सकती हैं। दरअसल, फेस्टिवल के समय ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण वृंदावन में जगह-जगह रोड्स को ब्लॉक कर दिया जाता है। इन रोड्स पर आप पैदल तो चल सकते हैं मगर अपनी गाड़ी नहीं ले जा सकते।
सबसे अच्छा होगा कि आप वृंदावन में वहां मौजूद लोकल यातायात के साधनों का ही प्रयोग करें या फिर मथुरा में ही गाड़ी को पार्क करके किसी लोकल यातायात के साधन से वृंदावन पहुंचें।
आरामदायक और सुविधाजनक कपड़े पहने
मार्च के महीने में गर्मी की शुरुआत होने लग जाती है, ऐसे में यदि आप वृंदावन में होली महोत्सव में शामिल होने जा रहे हैं तो आपको कॉटन के कपड़े ही कैरी करने चाहिए। कोशिश करें कि बहुत ही साधारण और आसानी से संभाले जाने वाले ही आउटफिट पहने। जिसमें आपको कम्फर्टेबल फील हो। मंदिर परिसर के अंदर इतनी अधिक भीड़ हो जाती है कि आप यदि बहुत भारी कपड़े पहन कर जाते हैं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर दुपट्टे और साड़ी के पल्लू को पहले ही अच्छी तरह से कैरी करें कि वह भीड़ में कहीं फंसे नहीं।
आरामदायक फुटवियर का चुनाव करें
बंद पैरों वाले जूते चुनें जो आपके पैरों को पर्याप्त सपोर्ट और सुरक्षा प्रदान करें। क्योंकि वहां आपको लंबे समय तक चलना और नृत्य करना होगा, इसलिए स्टाइल से अधिक आराम को प्राथमिकता दें। चूंकि होली के दौरान सड़कें गीली और कीचड़ भरी हो सकती हैं, इसलिए वाटरप्रूफ सैंडल या फ्लिप-फ्लॉप की एक जोड़ी पैक करें जिन्हें आप आसानी से धो सकें।
आवश्यक एसेसरीज को रखना न भूलें
यूवी सुरक्षा वाले धूप का चश्मा पहनकर अपनी आंखों को धूप और रंगीन पाउडर से बचाएं। अपने बालों और चेहरे को रंगीन पाउडर से बचाने के लिए अपने सिर के चारों ओर एक बंदना या स्कार्फ लपेटें। कुछ ज़िपलॉक बैग लाएँ अपने फ़ोन, वॉलेट और अन्य क़ीमती सामानों को पानी और रंगीन पाउडर से बचाने के लिए स्टोर करें।
सुरक्षा सावधानियां बरतें
अपनी पहचान, आपातकालीन संपर्क जानकारी और स्वास्थ्य बीमा कार्ड की एक प्रति हर समय अपने साथ रखें। जेबकतरों से सावधान रहें और अपने सामान को हर समय सुरक्षित रखें, खासकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में। वृन्दावन-बरसाना के स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं से खुद को परिचित करें और स्थानीय लोगों और उनकी संस्कृति के प्रति सम्मानजनक रहें।
अपनी स्किन का रखें ख्याल
अपनी स्किन और बालों से रंगीन पाउडर को धीरे से हटाने के लिए हल्के साबुन और गुनगुने पानी का उपयोग करें। जोर-जोर से रगड़ने से बचें, क्योंकि इससे त्वचा में जलन हो सकती है। उत्सव के बाद, अपने शरीर को भरपूर पानी और पौष्टिक भोजन का आहार ले। रंगों और सूरज के संपर्क में आने से होने वाली किसी भी ड्राइनेस को शांत करने के लिए अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज़ करें। इस आनंदमय उत्सव के दौरान आपने जो यादें बनाई हैं और दूसरों के साथ जो संबंध बनाए हैं, उन्हें संजोएं।