गुजरात सरकार राज्य में पर्यटकों के लिए पनडुब्बी सेवा शुरू करने जा रही है, ताकि उन्हें द्वारका में समुद्री जीवन को देखने में मदद मिल सके। द्वारका एक प्राचीन शहर है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह समुद्र के नीचे खो गया है। राज्य सरकार ने शहर में परियोजना के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के साथ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह शहर 'हिंदू भगवान कृष्ण के शहर' के रूप में सांस्कृतिक महत्व रखता है। यह भारत में पनडुब्बी के ज़रिए पहली अंडरवॉटर पर्यटन सुविधा होगी। मौजूदा योजना के अनुसार, सरकार का लक्ष्य अक्टूबर 2024 में दिवाली से पहले इस परियोजना को चालू करना है।
पनडुब्बी के जरिए होगा यह संभव
पर्यटक पनडुब्बी के माध्यम से द्वारका के गहरे समुद्र के दृश्य, समुद्री जीवन को बहुत करीब से देख सकेंगे। पनडुब्बी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और कम्यूनिकेशन भी उपलब्ध होगी। ये पनडुब्बी समुद्र में 100 मीटर गहरे तक नीचे जाएगी। इसमें बैठने के लिए दोनों तरफ सीटें लगी होगी और एक पंक्ति में 12 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। हर सीट पर खिड़की लगी होगी, ताकि पर्यटक समुद्र का पूरा नजारा बिना किसी परेशानी के देख पाए और उसका आनंद ले सकें।
कब तक शुरू होगी यह सेवा?
द्वारका दर्शन की यह इस साल अगस्त में कृष्ण जन्माष्टमी से शुरू होने की उम्मीद है। अगर तकनीकी कारणों कोई दिक्कत आई तो दिवाली तक हर हाल में भगवान श्री कृष्ण की पुरानी द्वारका के दर्शन की शुरूआत हो जाएगी। पनडुब्बियों के लिए बैट द्वारका के पास एक विशेष घाट का भी निर्माण किया जाएगा। पर्यटन के लिए पनडुब्बियों का उपयोग द्वारका में देश का पहला प्रयोग होगा। इसका कुल वजन 35 टन होगा। सबमरीन में एक साथ 24 पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसे दो अनुभवी पायलट और प्रोफेशनल क्रू के साथ भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि पनडुब्बी का यह दौरा करीब दो से ढाई घंटे तक चलेगा।