ज़िंदगी में आराम के साथ रोमांच भी ज़रूरी है इसके लिए घूमना चाहिए। घुमक्कड़ी नई-नई जगहों और नए लोगों के साथ रूबरू कराती हैं। कई जगहें तो ऐसी हैं जिनके बारे में आपको यक़ीन नहीं होगा। क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसी जगह है जो दुनिया की सबसे ठंडी जगहों में से एक है। इस जगह पर आकर आपको यकीनन ख़ुशी होगी। भारत की इस सुंदर और शानदार जगह का नाम है, द्रास।
द्रास लद्दाख के कारगिल ज़िले का एक छोटा-सा शहर है। कारगिल और जॉजिला पास के बीच में स्थित द्रास को लद्दाख का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। द्रास दुनिया की दूसरी और भारत की सबसे ठंडी जगह है, जहां पर लोग रहते हैं। सर्दियों में यहाँ का तापमान -45 डिग्री तक चला जाता है। 1995 में द्रास का तापमान -60 डिग्री दर्ज किया गया था। द्रास को पहले हेम बास के नाम से जाना जाता था। 1846-1947 तक ये जगह जम्मू-कश्मीर की रियासत का हिस्सा थी। द्रास समुद्र तल से 10,800 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है। द्रास श्रीनगर से 140 किमी. और कारगिल से 65 किमी. की दूरी पर है। आपको लद्दाख की इस जगह को ज़रूर एक्सप्लोर करना चाहिए।
कैसे पहुँचे?
द्रास को साइबेरिया के बाद दुनिया की सबसे ठंडी जगह माना जाता है। इस जगह पर आप दो रास्तों से पहुँच सकते हैं।
श्रीनगर से: द्रास जाने के लिए सबसे फ़्लाइट से श्रीनगर पहुँचिए और उसके बाद आपको कारगिल जाने वाली बस मिल जाएगी, जिससे आप द्रास पहुँच सकते हैं। श्रीनगर से द्रास की दूरी लगभग 141 किमी. है।
लेह से: लेह लद्दाख की राजधानी है। लेह से द्रास की दूरी लगभग 280 किमी. है। लेह से हर रोज़ एक प्राइवेट बस कारगिल के लिए चलती है। कारगिल से द्रास जाने के लिए आपको कोई ना कोई साधन ज़रूर मिल जाएगा। लेह से द्रास पहुँचने में 6-7 घंटे का समय लगता है।
क्या देखें?
द्रास भारत की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। बड़ी संख्या में लोग द्रास में घूमने के लिए आते हैं। आइए आज आपको द्रास की कुछ जगहों से रूबरू कराते हैं।
1- द्रास वार मेमोरियल
द्रास की सबसे लोकप्रिय जगह है, कारगिल वार मेमोरियल। इसे द्रास वार मेमोरियल के नाम से भी जाना जाता है। ये स्मारक तोलोलिंग पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है। इस स्मारक का निर्माण 1999 के भारत-पाक कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है। सैलानी बड़ी संख्या में इस जगह को देखने के लिए आते हैं। यहाँ आपको देश प्रेम की भावनाएँ और भी बढ़ जाती हैं। यक़ीन मानिए इस जगह को देखने के बाद आपका सैनिकों के प्रति सम्मान और बढ़ जाएगा।
2. मनमान टॉप
मनमान टॉप द्रास की वो जगह है जो लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है। ये जगह द्रास से लगभग 10 किमी. की दूरी पर है। मनमान टॉप से आपको एलओसी का नजारा देखने को मिलेगा। इसके अलावा आप गोमचान वैली भी जा सकते हैं। गोमचान द्रास से लगभग 5 किमी. की दूरी पर है। गोमचान वैली से आपको द्रास की असली सुंदरता देखने को मिलेगी। यहाँ आपको कई जलधाराएँ देखने को मिलेंगी। अगर आप द्रास आते हैं तो इन जगहों पर जाना ना भूलें।
3. मुलबेख मठ
मुलबेठ मोनेस्ट्री लद्दाख के सबसे पुराने बौद्ध मठों में से एक है। मुलबेख मठ में चट्टानों में तराशी गई मैत्रैय बुद्ध की 9 मीटर लंबी विशाल मूर्ति है। इस मूर्ति को 8वीं शताब्दी का माना जाता है और कुषाण काल में इसे तराशा गया था। मुलबेठ मठ द्रास से लगभग 60 किमी. की दूरी पर है। रास्ते में कारगिल भी पड़ेगा तो आप इस जगह को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।
4. मीनामार्ग
द्रास से लगभग 30 किमी. दूर एक जगह है, मीनामार्ग। ये जगह अमरनाथ यात्रा के मार्ग में स्थित है। इस जगह से आपको बेहद सुंदर पहाड़ और ग्लेशियर के सुंदर नज़ारे देखने को मिलेंगे। मीनामार्ग मचई ग्लेशियर से घिरी हुई एक शानदार जगह है। इस जगह के पास लेसर ला नाम का एक पहाड़ है जो अपने दूध जैसे सफ़ेद पानी के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आपको एक तरफ़ हरे पहाड़ और दूसरी तरफ़ बंजर पहाड़ देखने को मिलेंगे।
5. जॉजिला पास
जॉजिला पास भारत के सबसे ऊँचे हिमालयी दर्रों में से एक है। जॉजिला पास लद्दाख और कश्मीर को आपस में जोड़ता है। जॉजिला पास समुद्र तल से 3,528 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। सर्दियों में ये जगह पूरी तरह से बर्फ़ से ढँकी होती है। जॉजिला पास का रास्ता सबसे कठिन रास्तों में से एक माना जाता है। द्रास से जॉजिला पास लगभग 40 किमी. की दूरी पर है। अगर आप द्रास जाते हैं तो जॉजिला पास को देखने के लिए जा सकते हैं।
कब जाएँ?
द्रास दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह है, जहां लोग रहते हैं। इस जगह को घूमने के लिए सबसे अच्छा समय जून से सितंबर का माना जाता है। उस समय यहाँ का मौसम बढ़िया रहता है और आप आराम से घूम सकते हैं। सर्दियों में यहाँ बहुत बर्फ़ गिरती है इसलिए यहाँ आना थोड़ा मुश्किल होता है। इसके अलावा द्रास में कई सारे होटल हैं जिनमें आप ठहर सकते हैं। आपको दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह को घूमने के लिए ज़रूर आना चाहिए।
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