अमेरिकी लेखक और पत्रकार जेनेट वॉल्स ने अपनी एक किताब में बहुत ही सुंदर बात लिखी है कि " अगर आपको भगवान के करीब महसूस करना है तो आपको सूर्योदय होते हुए देखना चाहिए"।कहते है उगते हुए सूरज को देखने से दिन अच्छा जाता है और दिन भर ताजगी का एहसास होता है।। सूर्य की हल्की रोशनी से उत्पन्न लालिमा जब वातावरण में फैलती है, तब प्रकृति का नजारा देखने लायक होता है।
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प्रात: सुबह उठकर सूर्य का ध्यान मनुष्य को आंतरिक रूप से स्वस्थ बनाता है। परन्तु अपने कभी सोचा है भारत में सबसे पहले सूर्य की किरणें किस स्थल पर पड़ती है? है न मजेदार सवाल तो आइए हम आपको इस लेख के जरिये ले चलते उस स्थान पर जहाँ सबसे पहले पड़ती है सूर्य की किरणें।उस स्थल का नाम है, डोंग, जो पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश में स्थित है।तो चलिए इस खूबसूरत सफर पर।
डोंग
डोंग अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक छोटा सा गाँव है जहाँ सूर्य की किरणें सबसे पहले पहुँचती है।समुद्र तल से 1,240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित डोंग एक पहाड़ी गांव है, जो ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी लोहित और सती के संगम स्थल पर स्थित है। माना जाता है कि1999 में इस बात का पता चला था कि अरुणाचल के डोंग में सूरज की पहली किरणे पड़ती हैं।इससे पहले माना जाता था कि सबसे पहले सूर्योदय अंडमान के कटचल टापू पर होता है।1999 के बाद ही यह स्थान दुनिया के सामने एक शानदार पर्यटन केंद्र के रूप में उभरा।लोग यहाँ देश विदेश से 8 किमी का ट्रैकिंग कर उस पहाड़ी पर पहुँचते है जहाँ वो सूर्योदय का शानदार नजारा देख सके।यहाँ पर सूर्योदय सुबह के 4 बजे ही हो जाता है।
डोंग के मुख्य आकर्षण
डोंग का भ्रमण कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। सबसे पहली खासियत कि देश का एकमात्र ऐसा स्थल है, जहां सूर्य की किरणें सबसे पहले पड़ती है। आप यहां सूर्योदय के शानदार दृश्यों को देखने के लिए आ सकते हैं।इसके साथ ही यह उन लोगो के लिए बहुत खास हो सकती है जोकि प्रकृति से बहुत प्यार करते हो। यहाँ का शांत वातावरण एक अलग सा सुकून देता है।क्योंकि यहाँ की आबादी बहुत कम है तो यह जगह प्रदूषण रहित है।एक प्रकृति प्रेमी से लेकर एडवेंचर के शौकीन हो या कुछ नया जानने में दिलचस्पी रखने वाले जिज्ञासु या फिर फोटोग्राफी के शौकीन लोग ये जगह इन सबके लिए ज्यादा मायने रखता है, अगर आप फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, तो यहां के शानदार दृश्यों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।इसके अलावा भी आप यहाँ बहुत कुछ देख और घूम सकते है।
प्राकृतिक हॉट स्प्रिंग्स
यह स्थान लोहित नदी के पश्चिमी तट के ठीक नीचे स्थित है ।जहाँ पर आपको एक गर्म पानी का झरना मिलेगा जो कि भूमिगत ज्वालामुखी गतिविधि से गर्म होता है।यह हॉट स्प्रिंग स्नान करने हेतु उतने बड़े तो नही है पर आप इसमें अपने पैरों को डुबोकर एक सुकून भरी राहत का एहसास कर सकते।इसके साफ क्रिस्टल वाटर में आप उसके तले में स्थित पत्थरो को भी साफ देख पाएंगे।
किबिथु गांव
यह भारत का सबसे पूर्वी हिस्सा है,जहाँ आपको ऊँचे ऊँचे पहाड़ और लंबे लंबे देवदार के पेड़ मिलेंगे।किबिथु एक एकांत, अविकसित गाँव है जो प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यह गांव चीन की सीमा पर स्थित होने की वजह से यहाँ की आबादी काफी कम है।गाँव के ऊपर से, आप सीमा के दूसरी तरफ चीनी सेना के बंकरों को देख सकते हैं।शांत और प्राकृतिक सुंदरता के कारण ही यह पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है।
कब जाएं डोंग वैली
डोंग, अरुणाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले स्थल पर स्थित है, जहां का मौसम साल भर खुशनुमा बना रहता है। चूंकि यह स्थल अपनी विशेष खासियतों के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए यहां सालभर सैलानियों का आवागमन लगा रहता है।लेकिन अप्रैल से जुलाई माह के बीच डोंग घाटी का मौसम सबसे अच्छा होता है और घूमने का सबसे अच्छा समय यही होता है। इस अवधि में आप यहां के खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का जमकर मजा उठा सकते हैं। सर्दियों के दौरान यहाँ अत्यधिक ठंड रहती है।
कैसे पहुंचे
यहां का निकटवर्ती हवाई अड्डा डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट है, रेल मार्ग के लिए आप तिनसुकिया रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से जरिए भी पहुंच सकते हैं।दिल्ली, बेंग्लुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे देश के प्रमुख शहरों से यहां से लिए आराम से फ्लाइट ले सकते हैं। इसके अलावा आप तेजू से हेलीकाप्टर लेकर भी अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद आप कैब या किसी अन्य परिवहन सेवा के जरिये अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं।
तो अगर आप की रुचि भी उगते सूरज को देखने की है तो एक बार डोंग की यात्रा पर जरूर जाये।
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