डॉल्फिन से ड्रैगनफ्लाइ तक: भारत की इन जगहों पर देख सकते हैं ये कुदरत के अजूबे

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Photo of डॉल्फिन से ड्रैगनफ्लाइ तक: भारत की इन जगहों पर देख सकते हैं ये कुदरत के अजूबे 1/1 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

भारत की सरज़मीं पर पुराने स्मारकों, खूबसूरत समुद्रतट और चमचमाते शहरों के अलावा भी बहुत कुछ है | कुछ ऐसा जो पर्यावरण प्रेमियों को बेहद पसंद है | ये हैं भारत के नैशनल पार्क, जहाँ घने जंगलों में कई प्रजातियों के जानवर भी मिलेंगे तो कई तरह के पेड़-पौधे भी | देश के 500 से भी ज़्यादा नैशनल पार्क में से आपके लिए कुछ चुनिंदा नेशनल पार्क ले कर आए हैं जहाँ डॉल्फिन से लेकर ड्रैगन फ़्लाई तक सब कुछ देखने को मिलेगा |

1. रनथम्भोर नैशनल पार्क

किसी ज़माने में ये जगह राजस्थान के रजवाड़ों के लिए शिकार खेलने की जगह हुआ करती थी | आज ये देश की जानी मानी बाघ सैंक्चुरी है | राजस्थान की ज़मीन की ख़ासियतें जैसे झीलें, पहाड़ियाँ और घास के मैदान के साथ बाघ, स्लॉथ बेयर, संभर हिरण और इंडियन फॉक्स भी यहाँ बड़ी आसानी से देखे जा सकते हैं | पार्क 10 ज़ोन्स में बँटा हुआ है जिसमें 1 से 5 तो मुख्य पार्क का हिस्सा हैं और 6 से 10 बफर ज़ोन में आते हैं | जिप्सी में बैठ कर पार्क के अंदर घूमते हुए बाघों को देखना काफ़ी रोमांचक अनुभव है | यहाँ आने वाले लोग बाघों के साथ ही 10वीं शताब्दी में बना भगवान गणेश का मंदिर भी ज़रूर देखते हैं |

कहाँ है : राजस्थान के दक्षिण पूर्व में जयपुर से 158 कि.मी. दूर सवाई माधोपुर जिले में |

घूमने का सही समय : पूरा मज़ा लेने के लिए अक्टूबर से जून के महीनों में जाएँ |

2. सुंदरबन नैशनल पार्क

सुंदरबन में आप को बाघ दिखे ना दिखे, मगर बाघ को आप ज़रूर दिख जाएँगे | पश्चिम बंगाल से लेकर बांग्लादेश तक सुंदरबन के डेल्टा इलाक़े में ये नैशनल पार्क बना हुआ है | यहाँ के 54 द्वीपों पर नदी, नालों, झरनों और कई तरह अजूबे देखने को मिल जाएँगे | यहाँ के दलदल में आदमख़ोर बाघ, खारे पानी के मगरमच्छ, किंग कोबरा, मडस्किप्पर, सॉफिश, दुर्लभ डॉल्फिन और बुलशार्क पाई जाती है | नीलकमलोर हिरोन और कटका व्यूपॉइंट से घने जंगलों का शानदार नज़ारा देखने को मिलता है | चर्घेरी चार मडफ्लैट में ट्रेकिंग का आनंद भी लिया जा सकता है |

Photo of सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान, Kolkata, West Bengal, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

कहाँ है : कलकत्ता से गोसाबा का तीन घंटे का सफर तय करें फिर गोडख़ली पोर्ट से सज्नेखलि पोर्ट का रास्ता 2 घंटे का है |

सबसे सही समय : अक्टूबर से मार्च

3. जिम कॉर्बेट नैशनल पार्क

हिमालय की तलहटी में रामगंगा नदी के किनारे 500 वर्ग कि.मी. में भारत का सबसे पुराना नैशनल पार्क जिम कॉर्बिट स्थित है | यहाँ आपको तेंदुए, लकड़बग्घे, हाथी, गोल्डन सियार, प्रवासी पक्षी और बाघ देखने को मिलेंगे | अगर आप वन्यजीव प्रेमी या फोटोग्राफर हैं तो आपकी चाँदी ही चाँदी है | ये पार्क 5 ज़ोन में बँटा हुआ है जिनका नाम बिजरानी, धिकला, झिरना, दोमुंडा, और सोननंदी है | हर एक ज़ोन में नदी, झरने, दलदल, नाले और अपने खुद के प्रवेश द्वार भी हैं | वैसे तो कॉर्बेट के बाहर आपको बहुत से गेस्ट हाउस, होटल और कैंप मिल जाएँगे, मगर यहाँ का मज़ा लेना है तो पार्क के अंदर ठहरिए | जीप सफारी पर जाने की बजाय हाथी पर बैठ कर पार्क की सैर करेंगे तो मज़ा दुगुना हो जाएगा |

कहाँ है : जिला नैनीताल, रामनगर, उत्तराखंड, 244715

जाने का सही समय : जून से नवंबर

4. काज़िरंगा नैशनल पार्क

जुरासिक पार्क के दीवानों को इस पार्क के एक सींग वाले राइनो ज़रूर पसंद आएँगे | दुनिया के 2/3 राइनो, काज़िरंगा के 450 वर्ग कि.मी. के दायरे में घूमते हैं | ऊँची घास, कीचड़, दलदल और घने जंगलों में ट्रेकिंग करने का मज़ा ही कुछ और है | राइनो के अलावा यहाँ हाथी, डॉल्फिन और प्रावासी पक्षी देखने को मिलते हैं | अगर आप वन्यजीव प्रेमी हैं तो एक गाइड लीजिए और इस पार्क के जीव जन्तु व पेड़ पौधों की अनोखी दुनिया में घूमने निकल जाइए | पार्क में बना 11वीं शताब्दी का मंदिर ट्रिप में चार चाँद लगा देता है |

कहाँ है : कंचन्जूरी, आसाम

जाने का सही समय : नवंबर से फ़रवरी

5. गिर नैशनल फोरेस्ट

गुजरात की पहचान, बब्बर शेरों को देखना है तो सीधा गिर आ जाइए | पहाड़ियों के बीच से बहती नदी के आस-पास के पतझड़ वनों में एशिया के बब्बर शेरों ने अपना बसेरा बनाया हुआ है | अगर आप वन्यजीव प्रेमी हैं तो खुली जीप में बैठ कर पार्क में सैर करते हुए शेर बघेरो को धूप सेकते देख सकते हैं | पार्क में शेरों के अलावा काले हिरण, चीतल और तेंदुए भी हैं | घूम फिर कर कंकाई माता के मंदिर के दर्शन भी कर लें और लगे हाथ यहाँ बने गर्म पानी के सोते में डुबकी भी मार लें |

कहाँ है : अहमदाबाद से 360 कि.मी. और जूनागढ़ से 60 कि.मी. दूर गिर नैशनल पार्क है |

जाने का सही समय : दिसंबर से अप्रेल

6. हेमिस नैशनल पार्क

लद्दाख की बर्फ़ीली बंजर पहाड़ियों में बना हेमिस नैशनल पार्क स्नो लेपर्ड, लाल लोमड़ी और जंगली पहाड़ी बकरे का घर है | इस पार्क में आपको ज़्यादा हरियाली देखने को नहीं मिलेगी | ऊँचाई पर होने की वजह से बस देवदार के जंगल और बाकी बंजर ज़मीन ही दिखाई देती हैं | सिंधु नदी के आस-पास बसे इस पार्क में कई बौद्ध स्तूप और मठ भी हैं जहाँ आप बौद्ध और तिब्बती संस्कृति के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं | पार्क के पास ही 11वीं शताब्दी का हेमिस मठ है | आप चाहें तो गोटसांग स्तूप, शाम्प स्तूप और शांग स्तूप भी देख सकते हैं |

कहाँ है : करू, जम्मू कश्मीर

जाने का सही समय : मई से सितंबर

7. मुकुंदपुर वाइल्डलाइफ सैंचुरी

सालों से पशुप्रेमी यहाँ सफेद बाघों को देखने आ रहे हैं | जीन में ख़ास तरह के बदलाव के कारण इन बाघों का रंग सफेद होता है जिसकी वजह से जंगल में छुप कर शिकार करना इनके लिए आसान नहीं है | अपने रंग के कारण ये अपने आस पास के माहौल में घुल मिल नहीं पाते हैं | इसलिए इन्हें सीमित दायरे में पाला जाता है, ताकि ये विलुप्त ना हो जाएँ | 25 हेक्टेयर में फैली इस सैंचुरी में सफेद बाघों के अलावा बंगाल टाइगर, बब्बर शेर और तेंदुए भी हैं |

कहाँ है : पन्ना खजुराहो रोड, मुकुंदपुर, मध्य प्रदेश

जाने का सही समय : अक्टूबर से फरवरी

8. कंचनजंगा बायोस्फेयर रिज़र्व

यहाँ आपको घाटियाँ, पहाड़ियाँ, झीलें, नदियाँ और घने जंगल मिलेंगे | अगर आप ट्रेकिंग करना पसंद करते हैं तो आपको बड़ा मज़ा आएगा | सिक्किम का ये रिज़र्व भारत का सबसे ज़्यादा ऊँचाई पर स्थित बायो रिज़र्व है जहाँ दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी कंचनजंगा मौजूद है| इस रिज़र्व को यूनेस्को ने हाल ही में "वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बाइयोस्फियर रिज़र्व" में शामिल किया है | यहाँ लाल पांडा, तिब्बती नीलगाय, स्नो लेपर्ड, और कस्तूरी हिरण पाया जाता है | बाइयोस्फियर रिज़र्व होने के साथ ही यहाँ की गुफ़ाओं, नदियों, पहाड़ों, घाटियों और अन्य इलाक़ों के बारे में कई कहानियाँ स्थानीय लोगों में प्रचलित हैं | पार्क में रुकने का कोई ख़ास इंतज़ाम नहीं है इसलिए ठहरने के लिए गंगटोक में ही कोई सुविधा देख लें | भारतीय नागरिकों को राज्य के गृह विभाग से इनर-लाइन परमिट लेना ज़रूरी है। पार्क में आने वाले हर व्यक्ति के लिए राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन की अनुमति भी ज़रूरी है।

Photo of कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान, Sikkim, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

कहाँ है : इस पार्क से 222 कि.मी. दूर बागड़ोगरा एयरपोर्ट है | एयरपोर्ट से पार्क तक सड़क सुविधा मौजूद है |

जाने का सही समय : अप्रेल से मई के बीच

9. पेरियार वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी

इस सैंक्चुरी में कुदरत के खूबसूरत नज़ारे दूर-दूर तक फैले हैं | जैव विविधता ऐसी है कि रॉयल बंगाल टाइगर से लेकर हाथी जैसे लुप्तप्राय जानवर देखे जा सकते हैं |

जीप सफारी के दौरान हाथियों के झुंड को घूमते देख सकते हैं | सैर के दौरान जंगली सुअर का झुंड भी देखा जा सकता है | पानी में रहने वाले जानवर देखने के लिए यहाँ की झील में बोटिंग की जा सकती है | पार्क में घूमते हुए आपको यहाँ की खूबसूरत वनस्पति की प्रजातियाँ जैसे सागौन, शीशम, चंदन, और भारतीय शंकुवृक्ष देखने को मिलेंगी | कई तरह की जड़ी बूटियाँ और चाय-कोफ़ी के बागान भी यहाँ देखे जा सकते हैं | पेरियार झील, कुमिली और कार्डमम हिल ज़रूर देखें |

कहाँ है : पेरियार से 114 कि.मी. दूर कोट्टायम सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है | पेरियार के सबसे नज़दीकी कस्बे तक मदुरै, एरनाकुलम और कोट्टायम से सभी तरह के साधन मिल जाते हैं |

जाने का सही समय : सितंबर से अप्रैल

10. करनाला बर्ड सैंचुरी

रायगढ़ महाराष्ट्र की इस सैंक्चुरी में आपको ड्रैगनफ्लाइ, मार्श ग्लाइडर और डैंज़ेलफ्लाई देखने को मिलेंगी | मुंबई से कुछ ही दूर स्थित इस छोटी सी सैंक्चुरी में दूर-दूर तक रंग ही रंग बिखरे हैं, और साथ ही 150 से ज़्यादा प्रजातियों के पंछी देखने को मिल जाते हैं | यहाँ सहयाद्री पहाड़ियों की चोटी पर करनाला फ़ोर्ट बना हुआ है, जहाँ पहुचने के लिए एक घंटे का ट्रेक करना पड़ता है | किले से नज़ारा बेहद खूबसूरत दिखता है मगर बारिश के मौसम में ट्रेक करना ज़रा ख़तरनाक है | पहाड़ की चोटी से नीचे बहती पातालगंगा नदी देखी जा सकती है |

Photo of डॉल्फिन से ड्रैगनफ्लाइ तक: भारत की इन जगहों पर देख सकते हैं ये कुदरत के अजूबे by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

कहाँ है : मुंबई के बाहर रायगढ़ जिले के पनवेल तालुका में मातेरान और कर्जत के बीच में |

जाने का सही समय : अक्टूबर से अप्रैल

तो आप भी घर से बाहर निकलिए और प्रकृति के अजूबों को देखने का प्लान बनाइए।

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