दमन और दिउ दो ऐसी जगह हैं जिनका अक्सर नाम तो साथ में लिया जाता है पर भारत के नक़्शे में देखा जाए तो ये दोनों जगह काफी दूर हैं। आप में से कुछ लोगों को जान के हैरानी होगी कि दोनों शहरों में 650कि.मी. की दूरी है।
आज हम दिउ कि बात करेंगे जो मेरे मुताबिक भारत के अन्य सुमुद्र तट पर बसे इलाकों से काफी अलग है। यह अरब महासागर में बसा एक टापू है जो गुजरात के पश्चिमी तट से एक पुल के माध्यम से जुड़ा हुआ है। ये जगह न केवल साफ़ और शांत है बल्कि पुर्तगाली इतिहास से भरी हुई है। सबसे जरूरी बात यह है कि जानकारी कम होने के कारण ये आज भी सैलानियों कि भीड़ से बचा हुआ है। ज्यादातर छोटे शहर और कस्बों की तरह यहाँ भी जीवन सुबह 5 बजे से शुरू होता है और रात 9 बजे तक सड़को में सन्नाटा छा जाता है। ये शांत माहौल अक्सर साहित्यकारों और किसी भी तरह की रचनात्मक सोच रखने वाले लोगों को बहुत लुभाता है।
अक्टूबर से अप्रैल तक का समय दिउ जाने के लिए एक दम सही है। हालाँकि यहाँ मौसम पूरे साल ही काफी सुहाना रहता है। दिउ पहुंचने के लिए आपको या तो मुंबई से उड़ान भरनी होगी या फिर रेल के सफर के माध्यम से ऊना पहुचें जो की दिउ से मात्र 12 कि.मी. दूर है।
छुट्टियाँ बिताने के लिए दिउ में ऐसी कौन-सी वो दस चीज़े हैं जो आप नहीं भूल सकते, ये मैं बताता हूँ।
1. सिर्फ ₹50 में साइकल से शहर घूम सकते हैं
दिउ में अगर सही तरीके से घूमना है तो साइकिल या स्कूटी ज़रूरी है।पैदल चल कर इस पूरे टापू में घूमना असंभव ही है। साइकिल या स्कूटी हर दिन के हिसाब से किराये पर मिलती है। इस सुविधा के लिए आप अपने होटल स्टाफ से भी सहायता ले सकते हैं या फिर किसी भी नज़दीकी दुकान में जाएँ जो भाड़े पर गाड़ियाँ मिलती हों। यह ढूंढ़ने में आपको परेशानी नहीं होगी। ₹20 से ₹50 प्रतिदिन में आपको साइकिल और ₹150 से ₹200 में स्कूटी किराये में मिल सकती है। हर दिन 5 -6 कि.मी. चलाएँ और आपको सही मायने में दिउ घूमने का असली मज़ा आएगा।
दिउ में नगोआ बीच के बारे में तो सब जानते हैं पर गोमती माता बीच एक भौगोलिक अजूबा है। चट्टानों से घिरा हुआ ये तट में प्रवाल यानी कोरल चट्टानें मिलेंगी। आप चारों तरफ से सुन्दर सफ़ेद रेत से घिरे होंगे जो की सूर्यास्त के समय पर और भी लुभावना लगता है। ये छोटा-सा तट है दिउ के पश्चिमी कोने में बसे वनकबारा गांव में। अगर आप समुद्री जीवन और जीव जन्तुओं में रूचि रखते हैं तो आपको अनेकों रंग-बिरंगे केकड़े और अन्य जीव जंतु इस तट पर मिल सकते हैं। लहरों की ऊँचाई के कारण यहाँ पर तैरने की इजाज़त नहीं है।
सन् 1535 में बना ये पुर्तगाली किला वास्तुकला की एक मिसाल है। किले में पहुँचते ही आप इसकी मोटी और सबल दीवारें देख कर समझ जाएँगे की ये किला सुरक्षा को ध्यान में रख कर बनाया गया है। मुग़लिया किलों जैसे तामझाम आपको यहाँ नहीं मिलेंगे लेकिन यह बात इस किले को कम आकर्षक नहीं बनाती। हांलाकि सालों से सरकार की अनदेखी और रोज़ होते समंदर द्वारा कटाव के कारण इस किले को काफी नुक्सान पहुँचा है। कुछ देर किले में घूमने के बाद यहाँ स्तिथ लाइटहाउस में जाना न भूलें। ये लाइटहाउस दिउ में स्तिथ सबसे ऊंची जगह है और अरब महासागर के मोहक नज़ारे देखने के लिए इससे बेहतर कोई जगह नहीं है।
दिउ किले से कुछ ही दूरी पर स्तिथ है सेंट पॉल्स चर्च। नव क्लासिकल अर्थात नव शास्त्रीय शैली में बने इस चर्च को आप अनदेखा नहीं कर सकते। भारत में बारोक शैली में बने कुछ स्मारकों और चर्च में से एक है ये जगह। स्थानीय लोगों की देख-रेख के कारण आज भी ये जगह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। गोवा में स्तिथ चर्चों की तरह यहाँ भी बाहर की दीवारों में हाथीदाँत की नक्काशी की गयी है। चर्च के अंदर किया गया लकड़ी का काम इसे भारत में पुर्तगाली शिल्प कौशल का अनूठा उदहारण बनती है।
5. होटल नहीं हरनका गोसा होमस्टे में बिताएँ अपनी छुट्टियाँ
किसी भी नयी जगह जाकर ज़रूरी है की आप वहाँ के लोगों से मिलें। होमस्टे आपको यही मौका देते हैं। हेरेंका गोस्ट होमस्टे दिउ में बसा एक पुर्तगाली वंश का परिवार चलाता है। ये गेस्टहॉउस दिउ में एक आवासी कॉलोनी में है। 7 कमरे वाले इस होमस्टे में 14 लोग रह सकते हैं और दिउ घूमने के लिए भी यह होमस्टे काफी सुविधाजनक है। सिर्फ ₹600 में इससे साफ़, सस्ता और सुविधाजनक गेस्टहाउस आपको पूरे दिउ में नहीं मिलेगा। न सिर्फ आपको ताज़ा तरीन सुबह का नाश्ता मिलेगा बल्कि अगर आप चाहें तो रात के खाने में सीफ़ूड भी मिल सकता है। अगर आप समंदर की लहरों और हवाओं का आनद लेना चाहते हैं तो पहली मंज़िल पर बालकनी वाला कमरा लें।
पता: 205 /३, दिउ मुजेयम के पीछे, हॉस्पिटल रोड. फ़ोन नंबर:02875-253851
6. दिउ की गलियों में ढूंढें असली पुर्तगाली खाना
हालाँकि दिउ के सभी रेस्टोरेंट में आपको काफी पुर्तगाली खाना मिलेगा पर असली स्वाद के लिए जायज़ है की आपको दिउ की गलियों में घूमना पड़ेगा। समंदर के तट के पास मिलने वाला सीफ़ूड अक्सर ताज़ा और स्वादिष्ट होता है। स्वादिष्ट प्रॉन्स के लिए शाम के समय बाजार में शाहबुद्दीन की दूकान पर जाएँ। अगर आप बैठ कर अपने खाने का लुत्फ़ उठाना चाहते हैं तो O’Coqueiro एक मशहूर जगह है। यहाँ पर बाग़ बगीचे के बीच बैठ कर आप स्वादिष्ट खाने का रूहानी अनुभव ले सकते हैं।
7. वनकबारा जेटी में जाकर देखें मछवारों की ज़िंदगी
वनकबारा जेटी पश्चिमी दिउ में बसा एक मछवारों का गाँव है। यहाँ दिन जल्दी शुरू होता है और अगर आप ये अनुभव लेना चाहते हैं तो सुबह होते ही यहाँ पहँच जाइए। रोज़ सुबह यहाँ मछवारे कहीं नाव बनाने में व्यस्त होते हैं या फिर कुछ लोग समंदर में मछली पकड़ने के लिए निकलने को तैयार बैठे होते हैं। चेहरों पर अक्सर ख़ुशी देख कर ये मत समझियेगा की इन मछवारों का जीवन आसान है। इन मछवारों से बातें करना अक्सर काफी सुन्दर अनुभव होता है।
टाउन स्क्वैयर में बसी यह छोटी सी दूकान अब श्री राम विजय रेफ्रेशमेंट्स के नाम से जानी जाती है। पिज़्ज़ा, आइस क्रीम, सैंडविच और सोडा, यह सब इस दूकान की खासियत हैं। केसर-पिस्ता, खजूर- बादाम, चीकू जैसे आइस क्रीम शेक के ज़ायकों के कारण ही इस दुकान को इतनी ख्याति प्राप्त हुई है। खुद बनाई पीनाकोलाडा आइसक्रीम यहाँ खाना बिलकुल न भूलें।
पता बुंदेर रोड , दिउ. फ़ोन नंबर: 02875 252 288
अगर आज तक आपने नाईड़ा केव्स के बारे में नहीं सुना है तो अपनी दिउ की इस यात्रा में यहाँ ज़रूर जाएँ। दिउ फोर्ट के पास बसी इस भूल-भुलईया में अनगिनत गुफाएँ और सुरंगें हैं। इन गुफाओं में छन के आती हुई धुप एक मनमोहक दृश्य बना देती है जो फोटोग्राफर्स को काफी पसंद आएगा। पुराने पत्थरों से बनी सीढ़ियाँ और उनसे शुरू होती गुफाएँ आपको ज़रूर हैरान देंगी।
दिउ में स्तिथ सी शेल्स संग्रहालय मर्चेंट नेवी कप्तान देवजीभाई वीरा फुलबरिआ द्वारा बनाया गया है। उन्होंने अपनी यात्राओं के दौरान इकठ्ठा किये गए सभी सी शेल्स इस संग्रहालय में रखे हैं। आज यहाँ पर 3000 से ज्यादा सी शेल्स मौजूद हैं और यकीन मानिए यह जगह आज ऐशिया का सबसे बड़ा सी शेल्स संग्रहालय है। लेंस की सहायता से सभी सी शेल्स को देखा और परखा जा सकता है।
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