हमारे देश भारत में प्रकृति को कितना महत्त्व दिया जाता है ये बात किसी से छिपी नहीं है। एक ऐसा खूबसूरत देश जहाँ बहती नदियों की पूजा की जाती है। गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, कावेरी जैसी नदियां हमारे लिए दैनिक जीवन में तो महत्वपूर्ण है हीं लेकिन साथ ही धार्मिक दृष्टि से भी इनका बहुत महत्त्व है। दिल्ली में भी इन्हीं में से एक पवित्र नदी यमुना बहती है और यहाँ बने यमुना घाट पर भी धार्मिक कार्यों के लिए कई लोग आते रहते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि धार्मिक दृष्टि से अलग दिल्ली का यमुना घाट प्रकृति और पक्षी प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन जगह है।
यमुना नदी में उगते सूरज के साथ सुनहरे रंग के खूबसूरत नज़ारे के साथ शांत पानी पर पक्षियों का प्रतिबिंब वास्तव में एक मनमोहक दृश्य बनाता है जिसकी एक झलक भी हमेशा के लिए आपके दिल में बस जाने वाली होती है। इस लेख में हम आपको इसी के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं...
यमुना घाट, दिल्ली
दिल्ली में कश्मीरी गेट के पास स्थित यमुना घाट को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहाँ दिखने वाले अद्भुत दृश्य के साथ यहाँ मिलने वाली शांति की तुलना किसी और जगह से नहीं की जा सकती। यमुना घाट पर नाव में बैठकर सूर्योदय का इंतज़ार करना और सूर्योदय के साथ जब यमुना का पानी भी सूरज की सुनहरी रौशनी में खुद को रंग लें उस समय उस नज़ारे को अपनी आँखों के साथ अपने कमरे में कैद कर लेना किसी भी फोटोग्राफी के शौक़ीन के लिए किसी सपने से कम नहीं होता। इसी के साथ ही अगर आप सीजन के समय वहां जाएँ तो हज़ारों देशी-विदेशी पक्षी आपकी इस छोटी सी यात्रा को हमेशा के लिए यादगार बना देंगे। इसके अलावा फोटोग्राफर्स के लिए सूर्योदय या सूर्यास्त के समय इन पक्षियों के साथ बिताया हर पल एक बेहतरीन फोटो क्लिक करने के लिए एकदम परफेक्ट रहता है।
यमुना घाट और प्रवासी पक्षी
अगर प्रवासी पक्षियों की बात करें तो हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने से विदेशी पक्षियों का देश में अनेक जगहों के साथ दिल्ली के यमुना घाट पर आना भी शुरू हो जाता है और फिर मार्च के महीने तक ये प्रवासी पंछी यही रहते हैं। ये प्रवासी पक्षी साइबेरिया, चीन, साउथ अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे ठन्डे देशों से यहाँ आते हैं। बताया जाता है कि साइबेरिया जैसे देश में नवंबर से मार्च तक तापमान शून्य से भी काफी नीचे चला जाता है और इसीलिए ये प्रवासी पक्षी हमारे देश की तरफ रुख करते हैं। हज़ारों किलोमीटर की यात्रा करके जब ये पक्षी दिल्ली के यमुना घाट पहुँचते हैं तो मानो अपने नए घर में पूरे दिन खुशियों से झूमते रहते हैं। इन्ही पक्षियों का जो रिफ्लेक्शन आपको नदी के पानी में दिखाई देता है वो दृश्य भी अपने आप में देखने लायक होता है। इन रंग बिरंगे छोटे-बड़े हज़ारों पक्षियों को एक साथ आपके चारों और मंडराते देखना सच में एक अद्भुत अनुभव होता है।
यमुना घाट पर नाव की सवारी
ऐसा बताया जाता है कि यहाँ कुल 32 घाट हैं और नाव की सुविधा इन सभी घाटों पर आपको मिल जाएगी। पूजा पाठ के लिए तो यहाँ लोगों का 12 महीने आना लगा रहता है लेकिन इसके अलावा पक्षियों को निहारने के लिए आम तौर पर सर्दी के मौसम में पर्यटक यहाँ आना पसंद करते हैं और इसके अलावा सूर्योदय और सूर्यास्त के नज़ारे के साथ देशी पंछियों के संग कुछ समय बिताने लोग हमेशा यहाँ आते रहते हैं। इसके अलावा भी यह स्थान प्री-वेडिंग शूट और अन्य फोटोशूट के लिए भी लोगों की एक फेवरेट लोकेशन है। नाव की सवारी के लिए अगर आप 5 लोगों से ज्यादा के ग्रुप में गए हैं तो नाव वाले 50 से 100 रुपये सवारी के हिसाब से चार्ज ले सकते हैं और वहीं अगर आप सिर्फ 2-3 लोग हैं तो 100-150 रुपये सवारी के हिसाब से भी चार्ज लिया जाता है।
पक्षियों को पास बुलाने के तरीके
इतनी खूबसूरत जगह पर जब आप नदी पर नाव की सवारी कर रहे हों तो कौन नहीं चाहेगा कि उसे चारों ओर से पक्षी घेर लें और उनके साथ बिताया वो पल उसकी यादों में हमेशा के लिए समां जाये। इसके लिए आम तौर पर सभी पर्यटक इन पंछियों को खाना दिखाकर अपने पास बुलाते हैं। पक्षियों को पास बुलाने के लिए ये तरीका एकदम कारगर तो है ही लेकिन इसके अलावा इन पंछियों को अपने हाथों से खिलाना पुण्य का काम होने के साथ एक बेहद अनूठा अनुभव भी होता है। यहाँ आपको पक्षियों के लिए नमकीन, बाजरा, मक्का आदि मिल जाता है और इसी के साथ मछलियों के लिए आटे की गोलियां भी आसानी से यहाँ मिल जाएँगी। सीजन के समय जब पर्यटकों की भीड़ यहाँ पहुँचती है तो पक्षियों और मछलियों का चारा बेचने वालों की भी अच्छी आमदनी हो जाती है।
जाने के लिए बेस्ट समय
जैसा कि हमने आपको बताया कि अगर आप शांति से यमुना नदी के किनारे बैठना चाहते हैं या फिर नाव की सवारी के दौरान सूर्यास्त या सूर्योदय का नज़ारा देखना चाहते हैं तो आप साल में किसी भी समय यहाँ जा सकते हैं। आम तौर पर आपको यहाँ इतनी भीड़ भी नहीं मिलने वाली। लेकिन अगर आपका उद्देश्य प्रवासी पक्षियों के साथ कुछ अनमोल पल बिताने का है तो फिर आपको अक्टूबर-नवंबर के महीने से मार्च के महीने के बीच दिल्ली के यमुना घाट की यात्रा करनी चाहिए। साथ ही अगर हो सके तो आप सूर्योदय से पहले यहाँ पहुँच जाएँ या फिर सूर्यास्त के समय भी यहाँ जाने का अच्छा समय है बस उस समय पर्यटकों की कुछ भीड़ आपको जरूर मिल सकती है।
तो अगर आप दिल्ली या फिर आस पास में रहते है और बिना ज्यादा दूर जाये किसी सुकून भरी जगह जाना चाहते हैं तो यमुना घाट आपके लिए एक बेस्ट विकल्प रहेगा। इसके लिए हमारे पास जितनी भी जानकारी थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो प्लीज इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और ऐसी ही और जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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