क्या आपने कभी सोचा है की अभी ट्रेंडिंग चल रहे 'स्टैंड अप कॉमेडियंस' के लिए सबसे ज्यादा डिमांड कहाँ पर है? उन्ही मेट्रो शहरों में जहाँ कॉर्पोरेट जॉब्स की भरमार है जिनके लिए पूरे देश के छोटे बड़े शहरों से बहुत से लोग जॉब के लिए इन मेट्रो शहरों रहते हैं। अब ऐसा क्यों है ये आपको समझाने की जरुरत तो होगी नहीं... आखिर इन्हीं शहरों में शानदार जॉब्स के साथ लोगो को उसी लेवल का स्ट्रेस भी तो मिलता है तो उसे हराने के लिए कॉमेडी एक अच्छा सहारा है।
लेकिन इस बात से भी आप सभी सहमत होंगे की इससे भी कहीं ज्यादा और मैं तो कहूंगा कि सबसे ज्यादा स्ट्रेस रिलीफ अगर किसी चीज से मिलता है तो वो है भीड़ से दूर, प्रकृति के बेहद करीब सुकून से सिर्फ खुद के साथ या फिर अपने किसी बेहद खास के साथ कुछ समय बैठकर सिर्फ एक चीज करने मे, जो है.... "कुछ नहीं"
जी हाँ अगर आप किसी ऐसी जगह पर हैं तो वहां सिर्फ शांति में पक्षियों की चहचहाने की आवाज़, चारों ओर की घनी हरियाली, ऊँचे ऊँचे देवदार के पेड़ और उनको चीरती हुई हवाओं की बेहद अद्भुत आवाज़ें, इन सब के साथ आप सिर्फ कुछ समय बिना कुछ किये बिताएं... स्ट्रेस तो क्या, दिमाग के सभी नेगेटिव विचार एक झटके में दूर हो जायेंगे।
कालाटॉप वन्यजीव अभ्यारण्य (Kalatop Wildlife Sanctuary)
तो स्ट्रेस को दूर भगाने के लिए सबसे बेस्ट तरीका तो मिल गया लेकिन अब आप सोच रहे होंगे की आजकल तो सभी फेमस हिल स्टेशंस पर भी सुकून का तो पता नहीं लेकिन भीड़ शहरों से भी ज्यादा मिलती है खासकर के सीजन के समय जो की अभी चल ही रहा है। तो आपकी इसी समस्या का हल हम इस आर्टिकल में लेकर आएं हैं। हिमाचल के एक बेहद फेमस हिल स्टेशन में जंगल के बीच मौजूद एक शानदार पर आसान ट्रेक जिसे कालाटॉप वन्यजीव अभ्यारण्य (Kalatop Wildlife Sanctuary) ट्रेक के नाम से जाना जाता है। यह ट्रेक हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में डलहौज़ी हिल स्टेशन पर स्थित है।
ये ट्रेक ही क्यों ?
डलहौज़ी हिल स्टेशन पर आम तौर पर वैसे भी आपको अन्य फेमस हिल स्टेशंस जैसे शिमला, मनाली जैसी पर्यटकों की भीड़ नहीं मिलती और उसमे भी ये ट्रेक पर्यटकों के बीच अभी इतना फेमस न होने के कारण आपको यहाँ बेहद कम लोग मिलने वाले हैं। और इसी वजह से सुकून लेने के लिए ये एक परफेक्ट जगह है। यहाँ आपको चारों ओर घने जंगल में हरियाली के बीच पक्षियों के चहकने की मधुर आवाज़ के साथ बेहद ऊँचे देवदार के पेड़ और उनको चीरती हुई बहने वाली हवाओं की सुन्दर आवाज़ सुनाई देगी। साथ ही यहाँ आपको जंगल के बीच बड़े बड़े देवदार के पेड़ों के बीचों-बीच कई घास के मैदान भी दिखेंगे जहाँ आप सुकून से काफी समय बिता सकते हैं। और हम शर्त लगा सकते हैं की आप इस अनुभव को जिंदगी भर नहीं भूलने वाले।
तो चलिए अब आपको इस ट्रेक की पूरी जानकारी देते हैं:
ट्रेक की शुरुआत कहाँ से करें?
डलहौज़ी हिमाचल प्रदेश का एक प्रसिद्द हिल स्टेशन हैं जहाँ आप उत्तर भारत के किसी से भी शहर से आसानी से पहुँच सकते हैं। डलहौज़ी पहुंचकर वहां मार्केट से आसानी से ऑटो या टैक्सी के साथ कालाटॉप वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के एंट्री गेट तक पहुँच सकते हैं। डलहौज़ी में गाँधी चौक से कालाटॉप ट्रेक के एंट्री गेट की दूरी करीब 14 किलोमीटर है।
टिकट और टाइमिंग्स
यहाँ आप चाहें तो आपकी टैक्सी या फिर खुद के वाहन के साथ भी जा सकते हैं जिसके लिए 4 व्हीलर की एंट्री फीस 250 रुपये है लेकिन अगर आप ट्रेक की प्राकृतिक खूबसूरती का अच्छे से आनंद लेना चाहते हैं तो हम यही सुझाव देंगे की पैदल ही इस ट्रेक को पूरा करें। यहाँ एंट्री टिकट 50 रुपये प्रति व्यक्ति है। और अगर प्रवेश के समय की बात करें तो आप यहाँ सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक प्रवेश कर सकते हैं।
जाने के लिए बेस्ट समय
यहाँ वैसे तो आप पूरे साल में किसी भी समय जा सकते हैं. लेकिन अगर बेस्ट समय की बात करें तो मार्च से अक्टूबर महीने के बीच का समय सबसे अच्छा रहता है क्योंकि इस समय आपको पूरे ट्रेक में चारोँ और घनी हरियाली देखने को मिलेगी और साथ ही इस समय आपको यहाँ का तापमान घूमने के लिए एकदम परफेक्ट मिलेगा।
ट्रेक के लिए जरुरी समय और कठिनाई का स्तर
यह ट्रेक घने जंगल के बीच में मौजूद एक बेहद आसान ट्रेक है जिसमें आपको किसी तरह की कोई खास चढ़ाई भी नहीं चढ़नी पड़ती और करीब 6 किलोमीटर लम्बाई वाले इस ट्रेक को अगर आप पूरा करना चाहें तो लगभग 4 से 6 घंटे का समय आपको लग सकता है।
क्या ट्रेक सेफ है?
ये पूरा ट्रेक एकदम सेफ है। जब हम इस ट्रेक पर गए थे तो हमें वहां कुछ आर्मी के जवान ट्रेनिंग करते भी दिखे और उन्हीं से पूछने पर हमें ये पता लगा की यहाँ दिन के समय पैदल ट्रेक पर घूमने में किसी जानवर वगैरह का कोई खतरा नहीं रहता। तो आप निश्चिंत होकर इस ट्रेक पर जा सकते हैं।
ट्रेक में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
इस ट्रेक पर जाने के लिए आपको किसी तरह की कोई खास परेशानी नहीं होने वाली तो आप बिना सोचे इस ट्रेक पर जा सकते हैं। लेकिन आपको बता दें की चूँकि ये ट्रेक फारेस्ट एरिया में आता है तो आपको यहाँ किसी तरह की कोई खाने पीने की दुकान नहीं मिलने वाली तो आप उसके अनुसार तैयारी करके ही इस ट्रेक पर जाएँ।
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