अगर आप रोमांच के उन दीवाने यात्रियों में से हैं जो दिल्ली से लेह तक के 33 घंटे के लंबे सफर को खुबसूरत वादियों के नज़ारों के साथ बिताना चाहते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। हिमाचल रोड परिवहन ने दिल्ली से लेह तक की बस सेवा शुरू कर दी है। हालाँकि लेह पहुंचने के लिए अब हवाई यात्रा भी संभव है पर हम में से कई लोग हैं जिनको रोड के जरिए लेह पहुंचना ज्यादा पसंद है। और हो भी क्यों न, बदलते निखरते परिदृश्य से भरा है ये रास्ता! हिमाचल के हरे-भरे बगीचों से लेकर लेह की सूखी मरुभूमि तक, लेह पहुंचने के रास्ते में नज़ारे हर घंटे बदलते हैं।
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शहरों से आने वाले यात्रियों को पहाड़ों में अलग ही सुकून मिलता है ये तो हमको पता है। पर ऐसे भी कई पर्यटक होते हैं जिनके लिए बस लेह की खूबसूरती ही नहीं बल्कि यहाँ पहुंचने से पहले रास्ते में दिखने वाले नज़ारे देखना इससे भी ज्यादा पसंद होता है।
इसीलिए शायद 33 घंटे का सफर करने के लिए भी वे एक दम तैयार रहते हैं। दिल्ली से लेह चलने वाली ये बस 1203 किलोमीटर का सफर तय करती है और इस बस का किराया 1364 रूपए है। इस बस का सफर कोई आम सफर नहीं है।
कई जगहों पर यह हिमाचल परिवहन की बसें आपको 17000 फ़ीट की ऊचाई तक ले कर जाएगी। हिमाचल के कई दूरस्त इलाकों में भी बस की कनेक्टिविटी है और यहाँ यात्रा कर रहे लोगों के लिए यह बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस बस में अगर आप यात्रा कर रहे हैं तो जान लीजिये की बस एक रात केलांग में रुकती है और केलांग से आपको बस बदलनी पड़ेगी।
यह सब यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस बस को आप ऑनलाइन बुक नहीं कर सकते क्योंकि केलांग से आगे जाने वाली बस कई बार मौसम पर निर्भर करती है। रोड बंद होने या मौसम खराब होने पर बस केलांग से नहीं निकलती।
शहरों से आने वाले यात्रियों को पहाड़ों में अलग ही सुकून मिलता है ये तो हमको पता है। पर ऐसे भी कई पर्यटक होते हैं जिनके लिए बस लेह की खूबसूरती ही नहीं बल्कि यहाँ पहुंचने से पहले रास्ते में दिखने वाले नज़ारे देखना इससे भी ज्यादा पसंद होता है। इसीलिए शायद 33 घंटे का सफर करने के लिए भी वे एक दम तैयार रहते हैं। दिल्ली से लेह चलने वाली ये बस 1203 किलोमीटर का सफर तय करती है और इस बस का किराया 1364 रूपए है। इस बस का सफर कोई आम सफर नहीं है। कई जगहों पर यह हिमाचल परिवहन की बसें आपको 17000 फ़ीट की ऊचाई तक ले कर जाएगी। हिमाचल के कई दूरस्त इलाकों में भी बस की कनेक्टिविटी है और यहाँ यात्रा कर रहे लोगों के लिए यह बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस बस में अगर आप यात्रा कर रहे हैं तो जान लीजिये की बस एक रात केलांग में रुकती है और केलांग से आपको बस बदलनी पड़ेगी। यह सब यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस बस को आप ऑनलाइन बुक नहीं कर सकते क्योंकि केलांग से आगे जाने वाली बस कई बार मौसम पर निर्भर करती है। रोड बंद होने या मौसम खराब होने पर बस केलांग से नहीं निकलती।
अगर आपको 30 घंटे से ज्यादा का यह सफर एक बारी में करने की सोच रहे हैं तो ध्यान दीजिये की आप मनाली में कुछ दिन रुक कर वहां से भी ये बस पकड़ सकते हैं। मनाली से लेह जाने वाली बस हर दुसरे दिन चलती है। ये 35 सीटर बस मनाली से सुबह 11 बजे निकलती है और 485 किलोमीटर का सफर करने के बाद, अगले दिन शाम आपको लेह पंहुचा देती है। ये बस रात को केलांग में रुकती है। केलांग लाहौल-स्पीति जिले का हेडक्वार्टर है और बस यहाँ से सुबह 4 बजे निकलती है।अगर आप इस बस से सफर कर रहे हैं तो आपको रात का खाना और सुबह का नाश्ता केलांग में ही करना होगा। केलांगमें एक कैंपिंग साइट भी बनी हुई है जो की ख़ास इस बस के यात्रियों के लिए है।
आपको जान कर हैरानी होगी के यह एक बस चार अहम पर्वतीय रास्तों से जाती है जिसमें जम्मू कश्मीर का रोहतांग पास (13050फ़ीट), बारालाचा ला (16020 फ़ीट), लाचुंग ला (16620 फ़ीट) और तांगलांग ला (17480फ़ीट) शामिल हैं। लाचुंग ला में आपको ऊंचाई की वजह से स्वास्थ में कुछ परेशानी महसूस हो सकती है पर यहाँ से दिखने वाले नज़ारे आपको फिर से जीवंत कर देते हैं।
इस रास्ते में रोहतांग ला भी पड़ता है। रोहतांग ला को जाना जाता है यहाँ चलने वाली तेज़ हवाओ के लिए। तेज़ हवा और बुरे मौसम के कारण आये दिन यहाँ पर कई दुर्घटनाएं भी होती हैं। रोहतांग ला का हिंदी में मतलब ही है, "लाशों का ढेर"।
तंगलंगला पास इस रास्ते में सबसे जटिल रास्तों में गिना जाता है। यहाँ पर पक्की सड़क कई बार टूटी हुई होती है और गाड़ीको कई गढ्ढों से हो कर जाना पड़ता है। यही नहीं यहाँ पर ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई यात्रियों को साँस लेने में भी तकलीफ होती है। पर यह सब जोखिम उठाने लायक हैं क्योंकि यहाँ से दिखने वाले नज़ारे आपको बादलों में तैरने जैसा महसूस कराएँगे।
अगर आप इस बस में सफर कर रहे हैं तो रास्ते में पड़ने वाले शहर जैसे की मनाली, चंडीगढ़ और केलांग के बारे में ख़ास ध्यान रखें।आप यहाँ पर रात बिता सकते हैं।
इनमें से सबसे सुन्दर शहर है पहाड़ों में बसा मनाली। मनाली में बस रुकने पर आप एक दिन यहाँ बिता भी सकते हैं और दो दिन बाद आने वाली इसी बस को फिर से पकड़ सकते हैं। मनाली में आपको हरे भरे घास के मैदान भी मिलेंगे और सर्दियों में आएं तो यहाँ से पहाड़ों की चोटियों पर बर्फ भी मिलेगी। जन जीवन, पशु पक्षी और सुन्दर नज़ारे, दिल को छू लेने वाली सभी बातें हैं मनाली में।
सुन्दर जगहों की इस सूची में इस रूट पर अगली जगह आती है सोलांग घाटी।
इस रास्ते में आगे आता है कुल्लू जो की पीर पंजाल पहाड़ियों और छोटे और बड़े हिमालय के पर्वतों के बीच बसा हुआ है। पूरे साल यहाँ पर पूरे देश से अनेक ट्रेकर्स आते हैं। यहाँ के पहाड़ आपको हमेशी ही देवदार से घिरे हुए मिलेंगे और सितम्बर के महीने में अगर आप यहाँ आएंगे तो कुल्लू के बागान आपको सेबों से लदे हुए मिलेंगे।
इस रास्ते में आगे आने वाली लाहौल घाटी में दारचा एक ऐसी जगह है जहाँ कई यात्री इस सफर के बीच कैंप करते हैं। अगर आपको भी रात को तारे देखने का शौक है तो यहाँ रात को ज़रूर कैंपिंग करें।
आगे इस रास्ते में आने वाली जगह और भी दूरस्त पर सुन्दर हैं, सिंधु नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव उप्शी। यह जगह यात्रियों रुकने के लिए खास पसंद करते हैं। इस रास्ते में दूसरी रुकने की जगह है सरचू। मनाली-लेह हाईवे में यह एक मशहूर जगहा है। आपको यात्रियों के कैंप यहाँ हमेशा ही मिल जाएंगे।
HRTC की मदद से अब इस रस्ते परआप बड़े आराम और काफी सस्ते में सफर कर सकते हैं। चाहे आप इस सफर में अकेले ही क्यों न हो, इस बस में आप आसानी से दिल्ली से लेह पहुंच जाएंगे। हालाँकि रास्ते और मौसम के कारण ये सफर काफी कठिन हो सकता है। पर अगर आपको अजनबियों का साथ मिल जाए तो बस का ये सफर आराम से कट जायेगा।