60 साल के अमरजीत सिंह ने दिल्ली से लंदन तक सड़क से यात्रा करके ये तो साबित कर ही दिया है कि उम्र का जुनून से कोई वास्ता नहीं | दिल्ली के इस रिटायर्ड व्यवसायी ने सिर्फ़ 135 दिनों में 33 देशों को कवर करते हुए 36,800 कि.मी. की सड़क यात्रा करके वो कर दिखाया है जिसके बारे में ज्यादातर लोग सिर्फ सपना देखते हैं।
अपनी पुरानी टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी के साथ सिंह ने 7 जुलाई 2018 को नई दिल्ली से अपनी यात्रा शुरू की और 16 दिसंबर 2018 को लंदन में अपनी यात्रा पूरी की।
सिंह तीन साल पहले कपड़े के एक्सपोर्ट के अपने पुश्तैनी व्यवसाय से रिटायर हो गए | उनके हिसाब से उन्हें अपने जवानी के इस सपने को पूरा करने में 40 साल लग गए | सिंह को घूमने का चस्का तब लगा जब वो भारत में बैकपैकिंग कर रहे जर्मनी की एक जोड़े से मिले | 20 साल की उम्र में सिंह अपने दोस्तों के साथ बाइक पर जर्मनी जाना चाहते थे, लेकिन उनके पिता ने उन्हें रोक दिया | रिटायर होने के बाद खाली समय में उन्हें फिर घूमने की इच्छा हुई |
घुमक्कड़ी के अपने सपने को पूरा करने के लिए सिंह ने वीज़ा और कागज़ी कार्यवाही शुरू कर दी जिसे पूरा करने में उन्हें 3 महीने लग गए |
"सड़क पर सफ़र करते हुए लम्हों को अपने कैमरे में क़ैद करने का जो सपना था, वो अब साकार हुआ है | अब मैं इस सपने को जी रहा हूँ | दिल्ली से लंदन का ये सफ़र यूँ ही नहीं है | इस दौरान मुझे इतना मज़ा आया कि मैं अपने एहसास शब्दों में बयान नहीं कर सकता|" सिंह इंस्टाग्राम पर लिखते हैं |
अपने सफ़र की यादों में उनका यादगार पल वो था जब वो अपनी इस यात्रा में उसी जर्मन जोड़े से इतने साल बाद उन्ही के घर पर मिले थे | 1979 में भारत में हुई पहली मुलाकात के बाद वे संपर्क में नहीं थे | तो ये हाल ही में हुई मुलाकात किसी अजूबे से कम नहीं थी |
इस रोड ट्रिप के दौरान घूमे देशों में से कई को सिंह पहले भी अपने व्यापार के सिलसिले में देख चुके हैं | हालाँकि इस ख़ास रोड ट्रिप के दौरान उन्हें कुछ मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे यूरोपियन स्टाइल शौचालय और शाकाहारी भोजन |
सिंह को 'टर्बन ट्रैवेलर' के नाम से भी जाना जाता है और अपनी इस ट्रिप के दौरान वे कई हॉलीवुड सितारों से भी मिले जैसे आर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर | उनकी इस ट्रिप का सबसे ख़ास लम्हा वो था जब वो बुडापेस्ट हंगरी में फिल्म टर्मिनेटर 4 की शूटिंग करते हुए जाने-माने सितारे आर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर से मिले| उन्होंने सिंह की गाड़ी पर अपने दस्तख़त भी किए और उनकी यात्रा की तारीफ़ भी |
विदेश में अपने अनुभव के बारे में सिंह ने ये भी बताया कि भले ही उन्हें कुछ छोटी-मोटी परेशानी हुई हों लेकिन अपने सफर में उन्हें कहीं भी अपनी धार्मिक पहचान के कारण मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा |
सिंह ट्रिप के आखिरी पड़ाव लंदन पहुँच कर उन्हें बेहद खुशी महसूस हुई | उनका मानना है जो सपने देखते हैं, उनके लिए कुछ भी पाना मुश्किल नहीं है |
वैसे तो ये ट्रिप अपने आप में ज़िंदगी भर की उपलब्धि सी लगती है और काफ़ी थका देने वाली भी, मगर सिंह के सपने कुछ और ही हैं | वे ' टर्बन ट्रावेलर ' को और आगे बढ़ाते हुए अब अपनी एसयूवी में 7 महाद्वीपों घूमना चाहते हैं |
ये इंसान, जो आज के युवा ट्रैवलर्स के लिए मिसाल बन गए हैं, युवाओं को एक बेहतरीन संदेश भी देते हैं | कहते हैं कि उम्र ना देख कर शिद्दत से अपने जुनून के पीछे पड़ जाना चाहिए | सपने पूरे करने की कोई उम्र नहीं होती |
सभी तस्वीरों का श्रेय टर्बन ट्रावेलर को जाता है|
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