अगर आप आने वाले समय में छुट्टियों की प्लानिंग कर रहे हैं और बीते दिनों की कसर निकलने के लिए कोई भूल-चूक नहीं करना चाहते तो हम आपके लिए लाए हैं ये बेहतरीन स्थान। अधिकतर ट्रैवेलर पहाड़ों की ओर रुख करते हैं। साहसिक यात्रा पर आप निकलें या फिर आराम फरमाने के लिए, पहाड़ हरेक के लिए बेहद अनुकूल विकल्प होता है। ऐसे में मुझे एक ऐसी जगह के बारे में जानकारी हासिल हुई है जो कि आपकी गर्मी छुट्टी को यादगार बना सकती है। ये जगह है - उत्तराखंड का एक बुटीक रिसॉर्ट, कुमाउँ।
किनके लिए है खास ये जगह?
यदि आप पहाड़ों में समय बिताना चाहते हैं और शहर के व्यस्त जीवन से कुछ समय छुटकारा पाकर खुद को रिचार्ज करना चाहते हैं तो द कुमाऊँ एकदम सटीक जगह है। इस शानदार जगह कुमाऊँ की पहाड़ियों और हिमालयी रेंज के जबरदस्त वादियों से इतना खूबसूरत बन पड़ता है, जिसका अनुभव आपने पहले कभी नहीं किया होगा।
कैसी है ये जगह?
अल्मोड़ा के पास एक छोटे से शहर कसारदेवी की प्राचीन पहाड़ियों में स्थित कुमाऊँ एक समृद्ध सांस्कृतिक अतीत को अपने आप में समेटे हुए हैं। जंगलों से घिरे इस जगह पर बॉब डिलन, डी. एच. लॉरेंस ही नहीं बल्कि स्वामी विवेकानंद ने भी अपना बेहतरीन लेखन कार्य किया। शांति स्थल द कुमाऊँ आपको अपने लिए समय निकालने का बेहद अनुकूल माहौल देता है।
तीन श्रीलंकाई आर्किटक्ट द्वारा डिज़ाइन और निर्मित इस रिसॉर्ट की वास्तुकला आधुनिक साज-सज्जा से परिपूर्ण है जो कि पहाड़ों की खूबसूरती का मज़ा दुगना कर देता है। प्राकृतिक छटाओं से भरपूर कुमाऊं स्थित ये रिसॉर्ट पहाड़ों में ऐसे रचा-बसा है कि जैसे ये उसका कोई अभिन्न अंग हो। गैलरियों, पुस्तकालयों सहित कमरों में लगे काँच की दीवारों और आंगन वाला ये रिसॉर्ट धूप सेंकने की सुविधा से लैस है। यहाँ आकर आप जैसे प्रकृति से संवाद करने लगते हैं।
आपको बस नज़र उठाने की ज़रूरत है और पहाड़ों, जंगलों और बर्फ की चोटियों वाले बेहतरीन नज़ारे सामने देखने को मिलेंगे। हालांकि, रिसॉर्ट की एक और विशेषता यह है कि यहाँ आप अपने पालतू जानवरों (पेट्स) को भी ले जा सकते हैं! इसलिए आपको किसी और का साथ ना भी मिले तो आप अपने किसी पेट्स के साथ आकर छुट्टी को यादगार बना सकते हैं!
कमरे:
रिसॉर्ट में 10 लक्जरी सुइट्स हैं, जो बहुत ही मॉडर्न तरीके से सजाए गए हैं। कमरों की केवल एक ही कैटगरी है जिसे आप चुन सकते हैं। कमरे में प्राकृतिक धूप का आनंद भी ले सकते हैं तो वहीं खिडकियों से बेहतरीन नज़ारे देखने को मिलते हैं। सूरज की गर्मी में नहाना हो या कुमाऊँ की पहाड़ियों के मनोरम दृश्य का आनंद लेना, ये ये जगह पूरी तरह से आपके स्वागत को तैयार है।
लागत:
रिज़ॉर्ट के एक कमरे में एक रात ठहरने पर आपको लगभग ₹13,510 (बुफे नाश्ता सहित) मिलेगा।
खाना:
रिज़ॉर्ट में एक स्वादिष्ट रेस्तरां है, जहाँ फ्रेश खाना तो मिलता ही है बल्कि लोकल फ्लेवर और जैविक उत्पादों से तैयार किया जाता है। विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के स्वाद को चखें और यात्रा को चटपटा बनाएं।
यहाँ जाने का सही समय:
अप्रैल-जून और अक्टूबर-दिसंबर रिसॉर्ट में ठहरने के लिए बेहतरीन समय है क्योंकि इस समय जंगल बेहद हरे-भरे रहते हैं और अपने असली रूप में दिखते हैं, इसलिए आप ठाठ से माहौल का आनंद ले सकते हैं। हालाँकि, यदि आप ऑफ-सीज़न में पहाड़ों की सैर करते हैं तो दिसंबर-फरवरी के दौरान भी जा सकते हैं।
कैसे पहुँचें:
वायु मार्ग से: कुमाऊँ का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जो रिजॉर्ट से लगभग 50 कि.मी. दूर है। यहाँ से आप आसानी से कैब कर सकते हैं जो आपको लगभग दो घंटे में रिजॉर्ट तक पहुँचा देता है।
रेल मार्ग से: काठगोदाम रेलवे स्टेशन निकटतम स्टेशन है जो रिजॉर्ट से 90 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यहाँ से आप एक टैक्सी बुक करें या फिर साझा वाहन भी ले सकते हैं, जिससे आप लगभग 2.5 घंटे बाद रिसॉर्ट पहुँच सकते हैं।
सड़क मार्ग से: दिल्ली से कसारदेवी की सड़कें बेहतरीन बनी हुई हैं और आप रोड ट्रिप के बारे में भी सोच सकते हैं, इसलिए रिसॉर्ट तक ड्राइविंग कर पहुँचना एक अच्छा और मज़ेदार विकल्प है। यदि आप दिल्ली से निकल रहे हैं तो इस रास्ते को फॉलो कर सकते हैं, दिल्ली—हापुड़—गजरौला—मुरादाबाद—बाजपुर—नैनीताल—अल्मोड़ा—कसारदेवी।
आसपास क्या है ख़ास?
कुमाऊँ कसार देवी के पवित्र इतिहास और विरासत से परिपूर्ण है, लिहाजा यहाँ भारी संख्या में मंदिर देखने को मिलते हैं। आप बतौर यात्री मंदिरों की नक्काशी से लेकर यहाँ के वातावरण का भी लुत्फ़ ले सकते हैं।
चितई गोलू देवता मंदिर
भगवान शिव के एक अवतार भगवान गोलू को समर्पित इस मंदिर में ख़ास प्रकार की प्रार्थना होती है जो कि दुनियाभर में चर्चित है। यह मंदिर घंटियों, पवित्र लाल धागे और भक्तों की मनोकामनाओं से लबरेज मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में हर मनोकामना पूरी होती है, इसलिए इस मंदिर में जाकर आप भी अपनी मन्नतें पूरी कर सकते हैं। मंदिर रिसॉर्ट से मात्र 20 कि.मी. दूर स्थित है।
बिनसर वन्यजीव अभयारण्य
वनस्पतियों और जीवों की विशाल विविधता के लिए जाना जाने वाला यह अभयारण्य पौधों और जानवरों की लगभग 50 प्रजातियों का घर है जिनमें तेंदुए, कस्तूरी मृग, काला भालू और लाल विशाल उड़ने वाली गिलहरी सहित कई जीव शामिल हैं। यहाँ पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं, इसलिए यदि आप एक वन्यजीव प्रेमी हैं और फोटोग्राफी करने में रुचि रखते हैं, तो यह आपके लिए बेहतरीन अनुभव देने वाला साबित हो सकता है। अभयारण्य रिसॉर्ट से लगभग 26 कि.मी. दूर स्थित है।
जीरो पॉइंट
इस अभयारण्य के पास एक अलौकिक व्यू देखने को मिलता है जो नंदादेवी, त्रिशूल और केदारनाथ चोटियों के अद्भुत नज़ारे प्रस्तुत करते हैं, ये हिमालय शृंखला का ही एक भाग है। यह एक ऐसा नज़ारा है जो कि आपको लंबे समय तक याद रहने वाला है।
कुमाऊँ की यात्रा कर प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लें साथ ही लक्जरी लाइफ बिताते हुए अलौकिक स्थान पर कुछ बेहतरीन पल बिताएँ।
अगर आप हिमालय की गोद में और भी जगहों की यात्रा करना चाहते हैं, तो टूर बुक करें और छुट्टी मनाने निकल पड़ें!
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