जब मैं बड़ी हो रही थी मोमोज शाम का काॅमन स्नैक्स बन रहा था। मुझे आज भी अच्छे से याद है कि हम लोग मोमोज के लिए शाम का इंतजार बेसब्री से किया करते थे। मैंने पहली बार मोमोज दिल्ली हाट में खाए थे, दिल्ली हाट में पहली बार गर्म-गर्म थुक्पा। वो दिन था और आज का दिन है मोमो खाने की चाहत अब आदत-सी बन चुकी है। इसी के चलते मैंने मजनू का टीला जाने का सोचा। मजनू का टीला, दिल्ली की वो जगह है जो केवल मोमोज के लिए ही नहीं बल्कि अपने रिच तिब्बती खाने के लिए पूरे दिल्ली में फेमस है।
कैसे पहुँचे मजनू का टीला?
मजनू का टीला पहुँचने के लिए सबसे बढ़िया तरीका मेट्रो का है। मजनू का टीला से सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन विधान सभा मेट्रो स्टेशन है। यहाँ से आप रिक्शा लेकर मजनू का टीला पहुँच सकते हैं।
शाॅपिंग
दिल्ली का मजनू का टीला वो जगह है जो पहाड़ों ने होकर भी आपको पहाड़ों की याद दिला देगा। यहाँ का माहौल कुछ ऐसा है कि आपको लगेगा कि आप पहाड़ों में हैं। अगर आप दिल्ली में हैं तो ये जगह शाॅपिंग के लिए परफेक्ट है। यहाँ कपड़ों और जूतों की दुकानों से लेकर हाथ से बुने हुए स्कॉर्फ तक सब कुछ मिलता है। रंगीन माउंटेन पैटर्न, गर्म पायजामा और कोरिया का तड़का लिए मजनू का टीला की दुकानों पर सब कुछ है। इसके अलावा तिब्बती खाने के शौकीन लोगों के लिए भी ये जगह दिल्ली की सबसे अच्छी जगह है। यहाँ तिब्बती खाना ही नहीं तिब्बत से जुड़ी हर चीज आपको आसानी से मिल जाएगी।
खाना
मजनू का टीला पूरे दिल्ली में अपने लजीज तिब्बती खाने के लिए फेमस है। तिब्बती जायका ही शायद ही कोई ऐसी डिश होगी जो यहाँ न मिले। माउंटेन कैफे, तिब्बती रेस्त्रां से लेकर फेमस तिब्बतन डिश फाले तक यहाँ सब कुछ मिलता है। मैंने मजनू के टीला में डोल्मा हाउस में थुक्पा और अमा कैफे की कॉफी का मजा उठाया और यकीन मानिए ये लाजवाब थी।
थुक्पा
थुक्पा एक तरह का सूप होता है जिसको नूडल्स और मीट के साथ दिया जाता है। असल में थुक्पा की कहानी भारत के उत्तर हिस्से और तिब्बत से जुड़ी हुई है। जहाँ बड़े चाव के साथ लोग इस डिश का स्वाद लेते हैं। वैसे तो थुकपा नेपाल की डिश है लेकिन तिब्बत, चीन और भारत में इसे खूब पसंद किया जाता है। दिल्ली की ठंड को सहने के लिए गर्म-गर्म थुक्पा और एक प्लेट मोमोज से बढ़िया कोई चीज नहीं है।
मोमोज
अगर आपने मैक्लोडगंज के मोमोज खाए हैं। तब आपको दिल्ली के मोमोज शायद कुछ कम पसंद आएँगे। दिल्ली में मिलने वाले मोमोज में मैदा की परत थोड़ी मोटी होती है लेकिन स्वाद ऐसा कि सीधे पहाड़ों की याद आ जाए। मजनू के टीले के मोमोज पूरे दिल्ली के सबसे बेस्ट मोमोज होते हैं इसलिए यहाँ मोमोज के लिए तो आना ही चाहिए।
कोथे
ये एक डिश है जो ग्योजा का तिब्बत रूप है। कोथे भी एक तरह से मोमोज की तरह ही होते हैं जिसे तवा पर सेंका जाता है। इसलिए मोमोज की तुलना में ये थोड़े तीखे होते हैं। कोथे खाने का मेरा अनुभव कुछ अच्छा नहीं रहा लेकिन एक बार स्वाद लेने के लिए ये अच्छा ऑप्शन है।
एमा दात्से
भूटान में मिलने वाली इस डिश को चीज से बनाया जाती है। ये एक तरह का चीज सूप होता है जिसमें प्याज और मिर्च काटकर डाला जाता है। मजनू का टीला में सबसे खास डिश मुझे यही लगी। ब्रोथ के साथ में मोमोज भी दिए जाते हैं जिसमें मीट भी होता है। शायद आपको भीभूटान की डिश खूब पसंद आ जाए।
कॉफी और डेजर्ट
मजनू का टीला की शान कहे जाने वाला एमा कैफे हमारा अगला पड़ाव था। यहाँ हमने कॉफी पी। हमने यहाँ 4 तरह के डेजर्ट खाए लेकिन सबका स्वाद कुछ ज्यादा खास नहीं था। यहाँ नाम बड़े और दर्शन छोटे वाला हिसाब रहा लेकिन हाँ, यहाँ की कॉफी बहुत अच्छी थी। आपको यहाँ पर काॅफी का जरूर पीनी चाहिए।
क्या अब आप भी मजनू का टीला जाने की सोच रहे हैं? तो तिब्बती खाने, मसाले और मोमोज का जायका लेना मत भूलिएगा। डोल्मा हाउस का एमा दातशी और थुक्पा जरूर खाइए।
डोल्मा हाउस में दो लोगों के लिएः 400 रुपए।
एमा कैफे में दो लोगों के लिएः 600 रुपए।
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