इस पोस्ट में हम श्री पीताम्बरा पीठ की नगरी दतिया के बारे में जानेंगे दतिया मध्य प्रदेश का एक जिला है जो कि पीताम्बरा माई के लिए विश्व विख्यात है इस शहर में तमाम पौराणिक मंदिर , ऐतिहासिक धरोहर , सरोवर , सुन्दर प्राकृतिक द्रश्य आपको घूमने के लिये मिल जायेंगे दतिया के मुख्य पर्यटन स्थलों में माँ पीताम्बरा देवी मन्दिर , राजा वीर सिंह देव पैलेस , राम सागर तालाब , राम सागर फोर्ट , गुप्तेश्वर धाम , बडोनी , सोनागिरी जैन मन्दिर , रतनगढ़ माता मन्दिर , लाला का तालाब , इन्दरगढ़ का किला , बड़े गोविन्द जी का मंदिर , बड़ी माता का मन्दिर , पंचम कवी की टोरिया , बड़े गणेश जी का मंदिर , असनाइ का रामलला मंदिर, हनुमान गढ़ी मन्दिर किला चोक , श्री बालाजी सूर्य मन्दिर उनाव , पुरातत्व संग्रहालय , करन सागर , प्राचीन पद्मावती मन्दिर , सनकुंवा धाम सेंवढा है |
शहर दतिया मध्य प्रदेश में आता है वैसे यह झाँसी और ओरछा के समीप ही है और इस शहर में घूमने के लिए बहुत कुछ है इस शहर को मिनी वृन्दावन भी कहा जाता है इस पोस्ट के माध्यम से आपको Datia Tourist Places , दतिया का खानपान , दतिया की बाज़ार , दतिया में कहाँ रुका जाये आदि की जानकारी मिल जाएगी वैसे तो दतिया ज्यादा फेमस नहीं है लेकिन ज्यादा फेमस क्यों नहीं है यह समझ नहीं आता क्यूंकि यहाँ पर मुझे तो चारो तरफ टूरिज्म ही टूरिज्म दिखा था छोटा शहर शांत शहर यहाँ के स्थानीय लोग भी बहुत ही हेल्पफुल है |
Datia Tourist Places - दतिया के पर्यटन स्थल
देखिये दतिया एक छोटा सा शहर है तो यहाँ पर कुछ तो घूमने की जगहे शहर में ही है और कुछ शहर से बाहर है हम इस पोस्ट में आपको दतिया की लगभग सभी घुमने वाली जगहों के बारे में बतायेंगे बाकी फिर आपकी मर्जी की आपको कहाँ कहाँ जाना है तो आइये शुरू करते है -
श्री पीताम्बरा पीठ
श्री पीताम्बरा पीठ यह दतिया का एक ऐसा स्थल है जहाँ बगलामुखी माई के दर्शन हेतु लोग दूर दूर से खिंचे चले आते है माँ पीताम्बरा की दतिया में बहुत ही ज्यादा मान्यता है यहाँ पर बड़े बड़े राजनीतिज्ञ व्यक्ति , फ़िल्मी हस्तियाँ दर्शन करने आती रहती है मुख्य रूप से यह मंदिर माँ बगलामुखी को समर्पित है और विश्व भर में मात्र यह एक ही मंदिर है जो माँ बगलामुखी को समर्पित है अगर इस शहर के स्थानीय लोगो की माने तो माँ के दरबार से हर व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है |प्राप्त जानकारी के अनुसार जहाँ पर यह मंदिर बना हुआ है पहले इसी स्थल पर शमशान था |आपको बता दे कि माँ पीताम्बरा को पीला रंग ज्यादा पसंद है इसलिए यहाँ पीले रंग के फूल , पीले वस्त्र , पीले रंग के लड्डू का इस्तेमाल करना चाहिए माँ पीताम्बरा देवी मन्दिर परिसर में कई मंदिर है जैसे माँ धूमावती मंदिर , धूमावती मंदिर में माँ एक विधवा स्त्री के रूप में पूजी जाती है अच्छा एक और महत्वपूर्ण बात पे ध्यान दे माँ धूमावती के दर्शन सिर्फ शनिवार को ही मिलते है तो यदि आप शनिवार को जायेंगे तो आपको माँ बगलामुखी और माँ धूमावती दोनों के दर्शन का लाभ होगा अच माँ धूमावती के दर्शन सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए वर्जित है |श्री पीताम्बरा पीठ में माँ बगलामुखी और माँ धूमावती के मंदिर के साथ साथ परशुराम मन्दिर , माँ सरस्वती मंदिर , हनुमान मंदिर , श्री हरिद्रा सरोवरम , काल भैरव , बटुक भैरव , वनखंडेश्वर महादेव मंदिर भी है जहाँ आप जाकर दर्शन अवश्य करे | मंदिर परिसर में पालीथीन बैग लेकर न जाए और न ही मोबाइल कैमरा से फोटो खींचे परिसर के बाहर ही निशुल्क जूता चप्पल घर है जहाँ आप अपने जूता चप्पल उतार के रख सकते हो , निशुल्क अमानती सामान गृह है जिसमें आप अपना बैग आदि रख सकते हो |
मंदिर परिसर के अन्दर अर्पित किया हुआ प्रसाद मिलता है जिसमे लड्डू मिलते है वो भी पीले रंग के अर्पित किये हुए प्रसाद की कीमत 20 रूपये 50 रूपये निर्धारित है तो कभी भी दतिया आये तो समय निकालकर माँ पीताम्बरा माई के दर्शन अवश्य करे विश्व विख्यात माँ पीताम्बरा पीठ का मन्दिर दतिया के बस स्टैंड से थोड़ी ही दूरी पर राजगढ़ चोक के पास स्थित है |मंदिर सुबह 5 बजे से लेकर रत 10 बजे तक दर्शन हेतु खुला रहता है वैसे आजकल कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए यह मंदिर शनिवार और रविवार को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही खुलेगा बाकि दिनों में वही पुरानी टाइमिंग है |
माँ पीताम्बर पीठ के समीप ही आप राजगढ़ पैलेस को भी देख सकते है वैसे तो आज राजगढ़ पैलेस में रख रखाव की कमी साफ़ नजर आती है फिर भी है तो ये एक इतिहास की इमारत तो आप के पास यदि समय हो तो राजगढ़ पैलेस को जरूर देखे परन्तु जब मै गया तो यहाँ ताला पड़ा हुआ था शायद आम पब्लिक के लिए यह अब बंद कर दिया गया है राजगढ़ पैलेस के पास सीता सागर है तो वहां भी जा सकते हो |
वीर सिंह देव महल
वीर सिंह देव का महल भी दतिया में देखने योग्य महल है यहाँ का टिकट मात्र 25 रूपये प्रति व्यक्ति है इस महल में आपको मुग़ल और राजपूत स्थापत्य कला एक साथ दिखाई देती है इस महल का निर्माण सन १६२० में बुंदेला शासक वीर सिंह देव ने कराया था इस महल को कई और भी नामो से जाना जाता है जैसे सतखंडा महल , नरसिंह महल , पुराना महल आदि वीर सिंह देव महल में आपको कही भी लोहे और लकड़ी का इस्तेमाल दिखाई नहीं देगा यह महल ईंटो और प्रस्तर से बनाया गया है और एक भव्य महल है |यदि हम वीर सिंह महल की लोकेशन की बात करे तो दतिया शहर के मध्य में दतिया की मुख्य बाज़ार में स्थित है आप किसी से भी वहां पूछेंगे की महल जाना है हर व्यक्ति आपको सही रास्ता बता देगा कुछ लोग इस महल को भूलभुलैया भी कहते है इस महल में कई दरवाजो जीनो को बंद कर दिया गया है यह महल सात मंजिला है |
बड़ी माता मन्दिर या विजय काली पीठ
वीर सिंह देव महल के प्रवेश मार्ग पर स्थित है बड़ी माता मन्दिर जिसकी शहर दतिया में बड़ी मान्यता है एक स्थानीय से जानकारी की तो वो बोले की यह हमारी कुल देवी है तो इस मंदिर में दर्शन जरूर करे अब देखिये आप महल तक तो जायेंगे ही तो बस महल के समीप ही बड़ी माता का मंदिर है तो यहाँ पर भी माँ के दिव्य दर्शन प्राप्त कर ले विजय काली पीठ पर जलाभिषेक की भी मान्यता है बहुत से लोग इस मदिर में जलाभिषेक करते दिखे थे अच्छा इस मन्दिर के सामने ही एक और मंदिर है जिसका नाम लक्ष्मीनारायण मंदिर है आप वहां भी दर्शन कर ले |
पुरातत्व संग्रहालय
महल के समीप ही बाजार में स्थित है एक छोटा सा पुरातत्व संग्रहालय जिसमे आप जरूर जाए यहाँ किसी तरह का कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं है यहाँ पर आपको दतिया से जुड़े तमाम अवशेष देखने को मिलेंगे तो भाई मुश्किल से 20 मिनट लगेगा आप इस पुरातत्व संग्रहालय को भी देख ले Datia Tourist Places में दतिया के इस संग्रहालय को आप बिना ज्यादा समय गँवाए देख सकते है |
बड़े गोविन्द जी का मन्दिर
बड़े गोविन्द जी का मंदिर भी दतिया शहर में मध्य में स्थित है और यह गोविन्दगंज में है या यु कहे की यह दतिया की मुख्य बाज़ार में स्थित है वीर सिंह देव महल से बड़े गोविन्द जी का मंदिर ज्यादा दूर नहीं है आप आराम से पैदल जा सकते है यह मन्दिर मुख्य रूप से भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और बहुत ही भव्य बना हुआ है अच्छा इस मन्दिर में आप एक छोटी से परिक्रमा परिक्रमा पथ पर जरूर करे , श्री कृष्णजन्माष्टमी पर बड़े गोविन्द जी मंदिर बहुत ही सुन्दर सजाया जाता है तो आप यहाँ आकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर ले |
दतिया का किला , हनुमान गढ़ी मंदिर किला चोक
दतिया का किला वीर सिंह देव महल से महज 600-700 मीटर की दूरी पर होगा जो की किला चोक नाम की जगह पर है वैसे किला के ना पर अब यहाँ सिर्फ खण्डहर बचा है इस किले में मार्केट बन चुकी है तो यदि आप इतिहास प्रेमी है तो यहाँ के अवशेष देख सकते है बाकी इस किले में अब कुछ खास नहीं है वैसे बाकायदा किले में गेट बना है |
किला चोक पर ही हनुमान जी का एक बहुत ही पुराना मंदिर है जिसका नाम हनुमान गढ़ी है और यह लगता भी अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर की तरह है यह मंदिर भी भव्य है इस मंदिर की विशेषता है यहाँ की प्रतिमा जिसमे बजरंगबली शनि देव को अपने पैरो में दबाये हुए है |हनुमान गढ़ी मंदिर किला चोक पर स्थित है और यहाँ जाने के लिए आपको लगभग 30-35 सीढियाँ चढ़नी होंगी ऊपर जाकर आप एक विशाल परिसर देखेंगे आजकल इस मंदिर में पुरातत्व विभाग काम कर रहा है तो आप जब भी दतिया आये किला चोक जरूर आये और यहाँ पर दतिया के किले के अवशेष और हनुमान गढ़ी मंदिर जरूर देखे हा यही पर I Love Datia वाला सेल्फी पॉइंट भी है आप चाहे तो एक सेल्फी भी ले सकते है |
किला चोक के पास ही एक दरगाह है जिसका नाम बाबा हज़रत गुलज़ार शाह है आप इस दरगाह में भी मत्था टेक सकते है दरगाह के समीप ही एक और मंदिर है जिसका नाम ठाकुर श्री जुगलकिशोर जी महाराज है आप यहाँ भी दर्शन कर सकते है यह सब दार्शनिक स्थल किला चोक गोविन्द बाजार में स्थित है Datia Tourist Places में किला चोक जरूर शामिल रखे |
लाला का तालाब
लाला का तालाब भी Datia Tourist Places में महत्वपूर्ण है क्यूंकि इस जगह पर आपको दतिया शहर का बढ़िया व्यू देखने को मिलता है यहाँ पर आपको एक सुन्दर तालाब देखने को मिलता है यह तालाब वीर सिंह देव महल के किनारे पर बना हुआ है और यहाँ पर शायद बोटिंग भी होती है बस थोड़ी सी साफ़ सफाई का अभाव मुझे यहाँ पर लगा लेकिन आप यहाँ जाइएगा जरूरएक अच्छी जगह है |
राम सागर का किला और राम सागर का तालाब
राम सागर किला भी दतिया शहर में ही है हालाँकि यह शहर के मुख्य बाज़ार किला चोक से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर है और इस स्थल पर आपको एक किला देखने को मिलेगा और एक सुन्दर तालाब और एक हनुमान मंदिर है यहाँ आपको बहुत ही सुन्दर व्यू और शान्ति मिलेगी वैसे राम सागर का किले के तो अब अवशेष ही बचे है फिर भी किला दिखाई देता है तो आप Datia Tourist Places में राम सागर को शामिल कर सकते है यहाँ आप अपने साधन से जाए या ऑटो या गाड़ी बोक करके जाये तो बेहतर रहेगा |
बडोनी फोर्ट
राम सागर के किले से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बडोनी का किला जो कि अब खंडहर बन चूका है यह किला एक पहाड़ी पर निमित है और यहाँ के भी व्यू काफी बढ़िया है आप अगर राम सागर की तरफ आये तो यहाँ भी आ सकते है |
गुप्तेश्वर धाम
बडोनी में ही स्थित है श्री गुप्तेश्वर धाम जो की महादेव का धाम है और अपार प्राकृतिक सुन्दरता को अपने में समेटे हुए है बडोनी के किले से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर श्री गुप्तेश्वर धाम है यहाँ एक शिवलिंग है जो की एक पहाड़ी पर स्थित है और स्थानीय लोगो की मान्यता की यह शिवलिंग निरन्त बढ़ता जा रहा है और जिस पहाड़ी पर यह शिवलिंग है वह पहाड़ी भी बढती जा रही है यहाँ जाने के लिए आपको लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलना होगा और यह पैदल रास्स्ता बहुत ही सुन्दर है और रास्ते में आपको सीढियों से चढ़ाई करनी पड़ेगी यहाँ आपको एक सुन्दर सी झील भी मिलेगी श्री गुप्तेश्वर महादेव धाम भी Datia Tourist Places में महत्वपूर्ण स्थान रखता है |
सोनागिरि जैन मन्दिर
सोनागिरि नाम की जगह दतिया शहर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर होगी वही अगर देखे तो बडोनी के किले से सोनागिरी लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है अगर हम सोनागिरी का शाब्दिक अर्थ देखे तो सोनागिरी का मतलब होता है सोने का पहाड़ फ़िलहाल इस स्थल पर पहाड़ तो है लेकिन सोने का नहीं , सोनागिरी में जैन मंदिर है वो एक दो नहीं सौ से ज्यादा मंदिर यहाँ पर है यहाँ का प्रमुख मंदिर श्री चंद्रप्रभु का है सोनागिरी के जैन मंदिर बहुत ही भव्य बने हुए है प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले यहाँ पर 108 जैन मंदिर थे जिनमे 57वा मंदिर सबसे प्रमुख है तो सोनागिरी को भी हमने Datia Tourist Places में शामिल किया हुआ है |
नोट - देखिये राम सागर , बडोनी , गुप्तेश्वर धाम और सोनागिरी लगभग एक ही रूट पे है आप इन सब जगहों को एक साथ देख सकते है |
प्राचीन बावड़ी जिला अस्पताल
दतिया के जिला अस्पताल परिसर में स्थित है दतिया शहर की प्राचीन बावड़ी जो की एक संरक्षित स्मारक है वहां पर लगे शिलापट के अनुसार इस बावड़ी का निर्माण ओरछा के बुंदेला शासक वीर सिंह देव ने करवाया था इस बावड़ी में एक कुंवा भी है यह बावड़ी अष्टकोणीय संरचना से बनी हुई है इसे आप ऊपर से देख सकते हो और चाहो तो नीचे से बावड़ी में प्रवेश करके भी इसे देखा जा सकता है |
बड़े गणेश जी का मन्दिर
बड़े गणेश जी का मंदिर दतिया के जिला अस्पताल के समीप ही है अस्पताल से इस मंदिर में अप पैदल ही जा सकते हो एक तो यह गणेश मंदिर अत्यधिक भव्य बना हुआ है और यहाँ पर आपको एक अलग ही सकून मिलेगा क्यूंकि यहाँ पर ज्यादा भीड़ नहीं होती है यह मंदिर अपने नाम के अनुसार ही मुख्य रूप से गणेश जी को समर्पित है इस मंदिर परिसर में एक सरोवर सा या कुण्ड सा बना हुआ है हालाँकि अभी इस कुण्ड में जल गन्दा था तो आप जब बावड़ी देखने आये तो लगे हाथो बड़े गणेश जी का मंदिर में गणेश जी के दर्शन भी कर ले |
ठंडी सड़क
अब आप दतिया के जिला अस्पताल जाओगे तो आपको जाना होगा ठंडी सड़क से यकीन मानिये दतिया शहर में स्थित ठंडी सड़क बहुत ही खूबसूरत है आप इस सड़क पे आइयेगा जरूर | Datia Tourist Places में ठंडी सड़क को शामिल करना मेरा व्यक्तिगत मत है लेकिन जब आप इस सड़क को देखेंग तो निराश नहीं होंगे |
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करन सागर पर बनी दतिया की छतरियां
करन सागर माँ पीताम्बर देवी मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर बना एक खूबसूरत तालाब है जिसके किनारे पर दतिया के शासको की छतरियां बनी हुई है तो आप इस जगह को भी जरूर देखे यहाँ आपको अच्छा लगेगा |
पंचम कवी की टोरियां
यह स्थल एक ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है और ऊपर तक जाने के लिए है सीढियों का इस्तेमाल करना होता है यहाँ पर हनुमान जी और भैरवनाथ के मंदिर बने हुए है जब आप पंचम कवी की टोरिया में चढ़कर ऊपर जाते हो तो आपको ऊपर से बहुत ही मनमोहक प्राकृतिकनज़ारे दिखाई देते है उपर से आपको सम्पूर्ण दतिया शहर दिखती है साथ साथ आपको रेलवे लाइन और सड़क भी दिखाई देती है फिर यदि कही कोई ट्रेन इस लाइन पर चल रही हो तो यह नजारा बहुत ही आकर्षक हो जाता है अच्छा जब बरसात होती है तो यहाँ की सुन्दरता देखते ही बनती है लेकिन मेरे हिसाब से दतिया घूमने आये तो पंचम कवी की टोरिया जरूर जाए यहाँ से आपको वीर सिंह देव महल भी दिखाई देता है |
सोन तलैया भांडेर
शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है सोंनतलैया जो की भांडेर में है भांडेर एक तहसील है शायद दतिया की , यहाँ पर एक छोटा सा ताल या कुण्ड है जो की एक पहाड़ी पर बना है इसके आलावा यहाँ पर लक्ष्मण जी का कम्न्दिर भी है जिसे लक्ष्मण राजा सरकार का मंदिर कहा जाता है |
इन्दरगढ़ का किला
दतिया शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इन्दरगढ़ का किला जो की एक ऐतिहासिक स्मारक है हालाँकि यह अब खंडहर बन चुका है लेकिन फिर भी आपको किले के कुछ अवशेष यहाँ दिखाई देंगे तो यदि इतिहास में रूचि हो तो आप यहाँ भी आ सकते है |
रतनगढ़ माता का मंदिर
इन्दरगढ़ के किले से लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है रतनगढ़ माता का मन्दिर जो की सेवढ़ा तहसील में आता है यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना है और इसके आसपास जंगल है तो यहाँ लोग कम ही आते है यहाँ पर कुंवर बाबा और माता रतनगढ़ की बहुत ही मान्यता है इस मंदिर में ऊपर जाकर हमें सिन्धु नदी का विहंगम द्रश्य दिखाई देता है इस मंदिर के चारो तरह पहाड़िया है तो यहाँ का प्राकृतिक नजारा भी बढ़िया है अच्छा रतनगढ़ माता मंदिर दतिया शहर से लगभग 62 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा तो यह स्थल भी पौराणिक है आप यहाँ भी जा सकते है |
सनकुआ तीर्थ सेंवढ़ा
रतनगढ़ माता मन्दिर से सनकुआ धाम लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है वाही अगर किला चोक से सनकुआ धाम की दूरी की बात करे तो यह लगभग 65 किलोमीटर होगी यह एक बहुत ही पवित्र क्षेत्र है यह वही स्थल है जहाँ पर ब्रह्मा जी के मानस पुत्रो सनक , सनत सनन्दन , और सनत कुमार ने तप किया था इसी स्थल पर मंदुला देवी का मंदिर भी है अच्छा यहाँ पर आपको एक बहुत ही खूबसूरत झरना भी देखने को मिलता है कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सनकुआ धाम जितना ही धार्मिक है उतना ही प्राकृतिक भी यहाँ के झरने आदि आपको बहुत ही पसंद आयेंगे Datia Tourist Places में आप सनकुवा को छोड़ नहीं सकते है |
रामलला का मन्दिर असनाई
दतिया के जिला अस्पताल से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है रामलला का एक भव्य मंदिर जो की एक सरोवर के किनारे पर बना हुआ है यह मंदिर भी बहुत ही शांत है यहाँ ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं है और सरोवर के किनारे बने होने के कारण यह बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है आप यहाँ भी दर्शन करने जरूर आये यदि आप यहाँ पर बरसात में आएंगे तो यहां के सुन्दर नजारो से आपको आनंद आ जायेगा |
बालाजी सूर्य मन्दिर उनाव
दतिया शहर से लगभग 17-18 किलोमीटर की दूरी पर उनाव नाम की जगह पर स्थित है सूर्य बालाजी मन्दिर जो की सूर्य भगवान को समर्पित है और इस मंदिर की अत्यधिक मान्यता है इस मंदिर में सूर्य भगवान की कोई मूर्ति नहीं है अपितु सूर्य यन्त्र स्थापित है यह मंदिर महलनुमा बना हुआ है जिसमे भव्य प्रवेश द्वार है इस मंदिर के गर्भगृह में सूर्य यन्त्र स्थापित है और ठीक गर्भगृह के बिलकुल सामने पहुज नदी है जहाँ तक आपको जाने के लिए सीढियों से नीचे उतना होता है |
यहाँ की मान्यता है की यदि आप रविवार को पहुज नदी में स्नान करके सूर्य भगवान के यन्त्र पे जल चढ़ाओ तो आपका चर्म रोग सही हो जायेगा इस मंदिर में सूर्य यन्त्र के आलावा और भी कई मंदिर है आप वहां भी दर्शन कर ले |
इन सबके अलावा आप दतिया के गंज दिनारा में दिनारा का तालाब , चिरई टोर माता मंदिर , बिहारी जी का मंदिर , हनुमान टीला मंदिर राजगढ़ चोक समोहा जलाशय का बांध , प्राचीन पद्मावती का मंदिर , उनाव मार्ग पर स्थित सिद्धो की टोरियां में अशोक का गुर्जरा का शिलालेख , उनाव मार्ग पर लमान की माता मन्दिर , कन्हार्गढ़ किला सेंवढ़ा आदि भी देख सकते हो
कैसे पहुंचे दतिया
देखिये Datia Tourist Places देखने के लिये आपको दतिया आना होगा दतिया मध्य प्रदेश का एक जिला है जो की ग्वालियर से महज लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर है और उत्तर प्रदेश के झाँसी शहर से लगभग 28 किलोमीटर है तो आप कभी भी झाँसी या ग्वालियर आये तो दतिया भी आ सकते है दतिया एक ऐसा शहर है जो की सड़क मार्ग , रेल मार्ग , हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है यहाँ पहुंचना बेहद ही आसान है |
यदि आप दतिया हवाई मार्ग से आना चाहते है तो यहाँ का सबसे नजदीकी एअरपोर्ट ग्वालियर में है और ग्वालियर से आप बस या टैक्सी द्वारा दतिया आ सकते है |यदि आप दतिया ट्रेन के द्वारा आने की सोच रहे हो तो आपको बता दे की दतिया में एक रेलवे स्टेशन भी है जिसका कोड DAA है आप जहाँ से भी आ रहे हो एक बार चेक कर लो कि क्या आपके शहर से दतिया के लिए कोई सीधी ट्रेन है या नहीं यदि ट्रेन न हो तो आप झाँसी रेलवे स्टेशन या ग्वालियर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से आ जाओ फिर टैक्सी या बस से दतिया आ जाओ |यदि आप सड़क मार्ग से दतिया आना चाहते हो तो आइये आपका स्वागत है यह शहर सडक मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है यहाँ एक बस स्टैंड भी है |
शहर दतीय के अन्दर के साधन
देखिये अब यदि आप अपने साधन से दतिया आये है तब तो कोई परेशानी ही नहीं परन्तु यदि आप पब्लिक साधन से आये हो तो आपको बता दू यहाँ पर आपको ई रिक्शा , ऑटो की सुविधा मिल जाएगी हर जगह के लिए शहर में ऑटो और ई रिक्शा चलते है या तो फिर आप कोई गाड़ी बुक कर लीजिये और Datia Tourist Places घूम डालिए |
दतिया में कहाँ रुके
भैया देखो दतिया माँ पीताम्बर माई के लिए जाना जाता है तो यहाँ पर दूर दूर से श्रद्धालु आते रहते है तो उनके रुकने हेतु इस शहर में हर बजट के होटल मौजूद है मंदिर के पास भी होटल है और रेलवे स्टेशन के पास भी कई होटल है आप अपने बजट के अनुसार देख लेना यदि आप बहुत ही सस्ते में चाहते है तो कुछ धर्मशालाए भी दतिया में जैसे रेलवे स्टेशन पर गोविन्द धर्मशाला , बड़ा बाज़ार में गोविन्द धर्मशाला , माँ पीताम्बरा मंदिर के पास शिवानी लाज आदि तो रुकने की कोई भी समस्या दतिया में नहीं है |
खानपान और शापिंग
खानपान की भी इस शहर में कोई समस्या नहीं है जगह जगह पर रेस्टोरेंट ठेले होटल आदि है जहाँ आपको आपके अनुसार खाना मिल जायेगा Datia Tourist Places में खानपान का जिक्र जरूरी होता है यहाँ पर कुछ नए स्वाद मैंने चखे कहने का ये मतलब की ये स्वाद मेरे लिए नए थे तो आइये उनके बारे में आपको बता दे -
जय माता दी फ्रूट सलाद गुल्लू कुशवाहा जी
वैसे गुल्लू कुशवाहा जी के ठेले पर मिलता तो फ्रूट सलाद है जो की बहुत ही आम है परन्तु इनके फ्रूट सलाद की दो बाते बड़ी महत्वपूर्ण है एक तो इनकी कीमत महज बीस रूपये में ये एक दोने में फ्रूट काटकर देते है फ्रूट मतलब भर के होते है फ्रूट को देखते हुए कीमत बड़ी सही है इनकी दूसरी ख़ास बात है इनकी फ्रूट सलाद की कि गुल्लू कुशवाहा जी फ्रूट सलाद में मसाला के साथ टमाटर की चटनी देते है उसी दोने में फ्रूट + मसाला + चटनी भाई साहब इनकी चटनी बड़ी स्वादिष्ट होती है और उस चटनी के साथ ये सलाद खाना आनंद आ जाता है मात्र 20 रूपये में स्वादिष्ट पौष्टिक सलाद हो जाता है |गुल्लू कुशवाहा जी आपको किला चोक पर मिल जायेंगे इनका ठेला किला चोक पर लगता है वैसे मैंने जब खाया था तो ये ठंडी सड़क पर थे किला चोक की तरफ आ रहे थे एक मित्र ने बताया की गुल्लू कुशवाहा के पिताजी से मूली से कई तरह की डिजाईन बना देते थे |
सन्जू की चाय
सन्जू भाई एक ठेले पर चाय लेके सबको पिलाते है चाय क्या ये तो मेडिसिन है ये प्राचीन ताम्बे के बर्तन में चाय को रखते है और जिस बर्तन में चाय रखते है वो बर्तन भी बड़ा टेक्नीकल सा था उसमे ये कंडा भी रख देते है और कंडे को जला देते है जिससे चाय गरम बनी रहे फिर ये चाय को कुल्हड़ में देते है मैंने जब इनकी चाय पी तो समझ आ गया कि इसमें अदरक काली मिर्च दालचीनी जैसे मसाले पड़े है तो आप शाम को 4-5 बजे किला चोक की तरफ इनकी चाय का लुत्फ़ ले सकते है |
और आपको बता दे किला चोक पर ही सल्लू की चाय बढ़िया है और अनाडी चाट & रेस्टोरेंट की शॉप भी बढ़िया अनाडी चाट पे आपको बहुत कुछ मिलेगा और हर चीज इनकी बढ़िया होती है |आपको राजगढ़ चोक पर भी खाने-पीने की दुकाने मिल जाएँगी जैसे शंकर चाट एवं डोसा कोर्नर इनके यहाँ आपको चाट सम्बन्धी हर आइटम उचित कीमत पर मिल जायेंगे |
अगर शापिंग की बात करे दतिया एक छोटा सा शहर है यहाँ का जो मुख्य इलाका है वो राजगढ़ चोक से किला चोक का है जिसमे बड़ा बाज़ार यहाँ की मुख्य मार्केट है जहाँ आपको लगभग सभी जरूरत के सामान मिल जायेंगे |
दतिया को घुमने के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स
शहर दतिया में वैसे तो बहुत से पर्यटक स्थल है परन्तु यदि हम ख़ास ख़ास पर्यटन स्थलों की बात करे तो आप दतिया में माँ पीताम्बरा पीठ , वीर सिंह देव महल , किला चोक , सोनागिरि , सूर्य बालाजी मंदिर उनाव देख सकते है |
दतिया के बस स्टैंड से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है विश्व प्रसिद्द माँ पीताम्बरा पीठ यहाँ दर्शन करने के बाद आप राजगढ़ का किला देखे सीता सागर देखे फिर राजगढ़ चोक पे हनुमान टीला मंदिर देखे फिर शंकर वालो के यहाँ नाश्ता पानी करे और चलदे बाज़ार की तरफ |
अब बाज़ार में आप सबसे पहले वीर सिंह महल देखे फिर वही पे स्थित विजय काली पीठ में बड़ी माता के दर्शन करे फिर नीचे आकर बड़े गोविन्द जी के दर्शन करे और पुरातत्व संग्रहालय को देखे |
अब यही से आ जाये किला चोक पर यहाँ आप हनुमान गढ़ी मंदिर के दर्शन करे अनाडी चाट का स्वाद ले और यदि मौजूद हो तो संजू की कुल्हड़ वाली चाय और गुल्लू कुशवाहा की सलाद चखे फिर दतिया के किले के अवशेष देखे और वही पर स्थित बाबा हज़रत गुलज़ार शाह दरगाह भी देख सकते है ठाकुर श्री जुगलकिशोर जी महाराज मंदिर भी यही पे है |
अब आप आ जाये लाला का तालाब फिर जाए पंचम कवी की टोरिया उसके बाद ठंडी सड़क के नज़ारे लेते हुये आ जाओ जिला अस्पताल जहाँ प्राचीन बावड़ी देखो फिर बड़े गणेश जी का मंदिर देखो फिर अस्पताल से थोड़ी दूरी पर स्थित असनाई का रामलला मंदिर देखो |
अब आप निकल लीजिये राम सागर फोर्ट की तरफ वही से आगे बडोनी फोर्ट , श्री गुप्तेश्वर धाम होते हुए सोनागिरी निकल जाइये इसके बाद भी यदि समय है तो अन्य स्थलों को भी देख ले | अरे हा उनाव स्थित सूर्य बालाजी मन्दिर को भी देख लीजियेगा यहाँ दिन में ही जाइएगा तो ये थी Datia Tourist Places की एक प्रस्तुति यदि आपको पसंद आई हो तो कमेन्ट करे और अपने दोस्तों में शेयर करे |
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