हिमालय की तलहटी में स्थित एक छोटे से गाँव रामनगर के पास है जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान | उत्तराखंड राज्य के नैनीताल में स्थित जिम कॉर्बिट भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है |
ऊंचाई: MSL (समुद्र स्तर) से 385-1100 मीटर ऊपर
वर्षा: 1400 मि.मी. -2800 मि.मी.
तापमान: 4 डिग्री से 42 डिग्री सेल्सियस
कई रिपोर्ट के अनुसार अगर दुनिया में दूसरे स्थान पर कहीं सबसे ज़्यादा मुक्त रूप से घूमते बाघ पाए जा सकते हैं तो वो है जिम कॉर्बेट| ऐसे में अगर कहीं इस शानदार मगर गंभीर रुप से लुप्त होने की कगार पर खड़ी प्रजाति को शरण मिलती है तो वो जिम कॉर्बेट ही है |
जिम कॉर्बेट करीब 600 हाथियों का भी घर है जो यहाँ वहाँ घूमते दिखते हैं | कॉर्बेट और राजाजी राष्ट्रीय उद्यान मिल कर भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर पश्चिम हिस्से में बाघ और हाथी की संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं |
यहाँ 600 प्रजातियों के प्रवासी और निवासी पक्षी भी रहते हैं | इतनी आश्चर्यजनक पक्षियों की विविधता पूरे विश्व की सभी पक्षी प्रजातियों का 6 फीसदी है और यूरोप में पाई जाने वाली पक्षियों की कुल विविधता से भी ज़्यादा है | यहाँ की पक्षी प्रजाति की विविधता में मुख्य है यहाँ की 49 प्रजातियों के शिकारी पक्षी | सर्दियों में जिम कॉर्बेट में पक्षियों की प्रजातियों की विविधता सबसे ज़्यादा होती है |
जैसा की कहा जाता है, जिम कॉर्बेट वन्यजीव प्रेमियों के लिए है और हर साल यहाँ दुनिया के हर कोने से सैलानी आते हैं | सैलानियों की इसी आवाजाही को देखते हुए कॉर्बेट को 4 सफारी ज़ोन में बाँट रखा है |
ढिकाला ज़ोन
झिरना ज़ोन
बिजरानी ज़ोन
दुर्गा देवी ज़ोन
ये विभाजन पार्क अधिकारियों को पार्क का संचालन अच्छी तरह से करने में सहायता करता है | आइए पार्क के इन विभाजनों के बारे में गहराई से जानें |
ढिकाला ज़ोन
प्रवेश द्वार: धनगड़ी गेट
यात्रा करने का सर्वोत्तम समय: मध्य नवंबर से मध्य जून तक
ढिकाला ज़ोन को सबसे पहले लिखने का भी एक कारण है | ये कॉर्बेट का सबसे बड़ा ज़ोन है जहाँ कॉर्बेट जंगलों के बीच सैलानियों के लिए सबसे ज़्यादा लॉज बने हुए हैं| ये ज़ोन अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए काफ़ी मशहूर है जहाँ आप कई प्रकार के दुर्लभ जानवरों की प्रजातियाँ भी देख सकते हैं जैसे बंगाल टाइगर, हाथी, हिरण, चीतल, गिद्ध, चैती, कबूतर, मगरमच्छ, कोबरा |
झिरना क्षेत्र
प्रवेश द्वार: झिरना गेट
यात्रा करने का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से जून अंत तक
झिरना जिम कॉर्बिट का महत्वपूर्ण भाग है जिसे 1994 में बाघ संरक्षण के इलाक़े में शामिल कर लिया गया था | ये ज़ोन रामनगर से 16 किमी दूर ही है जिसके कारण खूब सारे सैलानी यहाँ जाते हैं | इस ज़ोन में पर्यटकों के लिए ठहरने के लिए रेस्ट हाउस की सुविधा उपलब्ध है | इसके अलावा झिरना में वन्यजीव प्रेमियों को जंगली भालू भी देखने को मिलते हैं | जब आपके सामने एक बड़ा सा भालू आता है तो दिल की धड़कने खुद ब खुद रुक जाती हैं |
बिजरानी अंचल
प्रवेश द्वार: अमांडा गेट
यात्रा करने का सर्वोत्तम समय: मध्य अक्टूबर से जूनअंत तक
हरे-भरे जंगल, घास के मैदानों और विभिन्न विविध वनस्पतियों की प्रजातियों के साथ बिजरानी ज़ोन बेहद सुंदर है | ये ज़ोन रामनगर से मात्र 1 किमी दूर है जहाँ पशुप्रेमियों का हाथियों, बंदरों, बाघों, चीतल और हिरण जैसे कई वन्य प्राणियों के साथ सामना होता है | आसमान में उड़ते पक्षियों का सुंदर दृश्य देखते ही बनता है | इस क्षेत्र में वन विश्राम गृह आसानी से मिल जाते हैं |
दुर्गा देवी ज़ोन
प्रवेश द्वार: दुर्गा देवी द्वार
यात्रा करने का सर्वोत्तम समय: मध्य नवंबर से जून अंत तक
जो लोग बर्ड वाचिंग के शौकीन हैं उनके लिए दुर्गा देवी ज़ोन सबसे अच्छी जगह है। यहाँ पर ग्रे हेडेड फिशिंग ईगल, ब्लैक चिन्ड युहिना, मरून ओरिले, क्रेस्टेड लाफिंग थ्रशोर और लॉन्ग टेल्ड ब्रॉडबेल जैसी कई प्रजातियाँ है | इसके अलावा यह कॉर्बेट में बहुत मशहूर ज़ोन है जहाँ प्रजनन के लिए लुप्तप्राय महशर मछली आती है।
नोट: इनके अलावा एक ज़ोन और है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है |
सीताबनी बफर जोन
यात्रा करने का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से जून अंत तक
ये ज़ोन कॉर्बेट के अंतर्गत नहीं आता बल्कि अलग से अतिरिक्त वन्य क्षेत्र है | यह ज़ोन यहाँ के मंदिरों और पक्षियों के प्रजातियों के लिए मशहूर है, इसलिए यहाँ पक्षिप्रेमी बड़ी संख्या में उमड़ते हैं | सीताबानी में जीप सफारी करने के लिए पहले से अनुमति लेने की कोई ज़रूरत नहीं है |
अपना वन्यजीव अनुभव शुरू करने के लिए भारत के सबसे पुराने राष्ट्रीय उद्यान जिम कॉर्बेट की ओर निकल जाइए | ड्राइव करते हुए आप काशीपुर, रामनगर जैसे कस्बों से गुज़रते है और अंत में आप जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के हरे भरे और खूबसूरत परिवेश में पहुँचते हैं। बाघों की संकटग्रस्त प्रजाति को बचाने के लिए बने इस उद्यान में वन्यजीवों की बहुत सी प्रजातियाँ हैं | उद्यान पहुँचने पर आमोद रिज़ोर्ट एंड स्पा में चेक इन कीजिए जो पार्क की हरियाली के बीच स्थित है | शाम का समय हमने मस्ती मज़ाक करने में और रात आराम करते हुए बिताई | अगले दिन स्वादिष्ट नाश्ता करने के बाद हम जिम कॉर्बिट में सफ़ारी करने निकल गये | तरह-तरह के पेड़ पौधों और वन्यजीवों का घर होने के साथ ही जिम कॉर्बिट वन्यजीव प्रेमियों में काफ़ी लोकप्रिय भी है | इस पार्क में आप शिकारियों के शिकारी बंगाल टाइगर को देख सकते हैं | कॉर्बेट के ढिकला ज़ोन, झिरना ज़ोन, बिजरानी ज़ोन, दुर्गा देवी ज़ोन में सैलानी सफारी का मज़ा ले सकते हैं | वन्य जीवन और प्रकृति के वास्तविक रूप का अनुभव करने के लिए यात्रा के समय के आधार पर कोई भी ज़ोन चुन सकते है। सफारी के बाद एक सुकून भरी शाम और फिर होटल में रात भर आराम करने का आनंद लेने के बाद अगले दिन हम दिल्ली के लिए रवाना हो गये |
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