ज़्यादातर भारतीय कॉलेज स्टूडेंट दुनिया को एक्सप्लोर करने, नई संस्कृतियों का अनुभव करने, देश के अलग-अलग हिस्सों में जाने और घुमक्कड़ लाइफ जीने का सपना देखते हैं। और फिर भी वे घर पर ही बैठे रहते हैं और पैसे की कमी को अपने घूमने व एक्सप्लोर ना कर पाने का एक कारण मानते है ।
अगर आपको भी इसी समस्या का सामना कर रहे है तो यहाँ कम बजट में कई जगहों पर घूमने के लिए एक आसान गाइड है, जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपने कॉलेज के समय से ही घूमना शुरू कर सकते है ! इन कुछ बातों को मानें और आप #लव_ट्रेवल_रिपीट के साथ कई पिक्चर्स ना सिर्फ अपने सोशल मीडिया पर डाल सकेंगे और साथ ही साथ अपने इंस्टाग्राम बायो पर #वंडरलस्ट भी लिख सकेंगे ।
1. थोड़ी कमाई और सेविंग से शुरू करें।
एक बात तो तय है कि मुफ्त यात्रा जैसी कोई चीज़ नहीं होती है। अगर आप सच में दुनिया को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो आपको कॉलेज समय में ही अपनी बनायी हुई बकेट लिस्ट की जगहों पर घूमने जाना और उन्हें एक्सप्लोर करना शुरू कर देना चाहिए, पर आपको इसके लिए सबसे पहले कुछ सेविंग शुरू करने की ज़रूरत पड़ेगी। आप अपनी पॉकेट मनी या रोज के खर्चों पर कटौती करके भी सेविंग शुरू कर सकते हैं। घूमने के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर रहना बंद करें।
आप वर्क-फ़्रॉम-होम या पार्टटाइम इंटर्नशिप में काम कर सकते है या अपने इलाके में ट्यूशन लेना शुरू कर सकते हैं, या कुछ DIY प्रोडक्ट बना सकते हैं और उन्हें अपने आसपास के लोगों या दुकानों को बेच सकते हैं। यह ना केवल आपको आत्मनिर्भर बनाएगा बल्कि यह आपके भविष्य के यात्रा प्रोग्रामों को पूरा करने मे भी काफी मददगार साबित होगा । इससे आप हमेशा अपनी कमाई व सेविंग का एक हिस्सा अपने ट्रेवल प्रोग्राम्स के लिए अलग रखना सीखेंगे।
2. इंटर्नशिप या वॉलंटियर करने का मौका ना छोड़ें
अगर आपकी घूमने में गहरी रुचि है और लंबे समय तक उसी को समर्पित कर सकते हैं तो आप किसी ट्रैवल फर्म के साथ इंटर्नशिप कर सकते हैं या ट्रैवल वॉलंटियर प्रोग्राम्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालाँकि, इन कार्यक्रमों में आपको कम से कम 7-8 घंटे वॉलंटियर एक्टिविटीज़ में लगाने की ज़रूरत होती है, जो शिक्षण, देखभाल, पोषण, विशेष रूप से विकलांग लोगों या अल्पपोषित बच्चों के साथ समय बिताने तक हो सकती है। यहाँ तक कि कई इंटर्नशिप में आपको सोशल मीडिया, कंटेंट क्रिएशन, फोटोग्राफी, टूर गाइड जैसी कई मुश्किल व मेहनतभरी चिजें भी करनी पड़ सकती है ।
तो बस ये सोचकर या पड़कर आवेदन ना करे कि यह इंटर्नशिप आपको फ्री फूड या स्टे दे रही है, इंटर्नशिप की सभी शर्तों व कामों के बारे मे अच्छे से पढ़ें और देखे कि क्या आप इन जिम्मेदारियों को उठाने में सक्षम है या नहीं ।
3. आगे की योजना बनाएँ और बहुत सारी रिसर्च करें
चाहे कोई अनुभवी व्यक्ति हो जिसने दुनिया घूमी हुई हो या कोई कॉलेज स्टूडेंट्स का ग्रूप हो जो घूमना शुरू ही कर रहा है, किसी भी यात्री की सबसे महत्वपूर्ण स्किल है किसी भी जगह या किसी अन्य चीज़ के बारे में अच्छे से रिसर्च करना है ।
आगे की योजना बनाना और उसके बारे में रिसर्च करना गेम-चेंजर साबित हो सकती है। आप अभी जिन तीन जगहों पर घूमना चाहते हैं, उन सभी जगहों को नोट करें । अब आप उन छुट्टियों की डेट्स को लिखें जिसमें आप घूमने जाना चाह रहे है और जहाँ जाना चाह रहे है वहाँ के ऑफ-सीजन कि डेट्स भी लिख लें लेकिन ऐसा समय ना चुने जब मौसम बेकार हो क्योंकि ऐसा करने से उस समय सभी प्रमुख आकर्षण बंद हो सकते है । इसके बाद, उन तारीखों के दौरान इन जगहों के लिए ट्रेनों / उड़ानों और स्टे की लागतों व विकल्पों के बारे में देखना व रिसर्च करना शुरू कीजिये और आखिर में उन तीनों जगहों के लिए कुल अनुमानित लागत लिखिए और अब वो चुनिए जिसे घूमने में आपका सबसे कम पैसा लग रहा है ।
इस तरह के नोट्स बनाने से आपको काफी मदद मिलेगी क्योंकि यह आपको किसी एक जगह को चुनने में तो मदद करेगा ही उसके साथ साथ उसको घूमने में आने वाली लागत को भी आपके सामने रखेगा । इससे आपको सबसे ज़रूरी जानकारी ये मिलेगी कि अब आपको अपनी अगली यात्रा के लिए कितनी सेविंग करनी है। ये आपको उन चीजों पर रिसर्च करने का भी समय व मौका देगा, जिन तरीकों से आप लागत में कटौती कर सकते हैं।
4. ऑफ सीजन में यात्रा करें
हर जगह का एक पीक सीज़न होता है, जब वो पर्यटकों की भीड़ को लुभाता है। बजट ट्रैवल ब्लॉगर हमेशा आपकी जगह के ऑफ-सीजन को समझने और यात्रा की योजना बनाने की सलाह देते हैं। सच कहें तो आप ऑफ-सीज़न में वास्तव में कुछ आश्चर्यजनक अनुभवों को ले सकते है जिन्हें पहले शायद ही किसी ने जिया हो। आप मानिए कि ऑफ सीज़न में ठहरना इतना सस्ता होता है कि एक यात्री इस दौरान लक्जरी जगहों में रह सकता है। होटल और रिसॉर्ट पीक सीजन की तुलना में अपनी कीमतों को लगभग आधा कर देते हैं, और अगर आप बारगेनिंग में अच्छे हैं, तो आप उनके रेट्स को और कम करवा सकते हैं। ऑफ-सीज़न उन होटलों को आज़माने का सबसे अच्छा समय है जो आमतौर पर आपके बजट से बाहर रहते हैं । ऑफ-सीजन के दौरान अन्य चीजों की कीमतें जैसे कि जॉय राइड्स, एडवेंचर स्पोर्ट्स, साइट-सीइंग स्पॉट और लोकल ट्रांसपोर्टेशन की किमतें भी ऑफ-सिज़न में आधी रह जाती है । अगर आप ऑफ-सीजन में गए हैं तो यह तय है कि उस जगह पर आपके अलावा बहुत ही कम लोग होंगे, जिसका मतलब है कि आपको गाइड, ट्रेक या अन्य कोई एक्टिविटी ऑर्गनाइज़र और होटल कर्मचारियों से बेहतर सेवाएँ मिल सकती हैं। जब आप ऑफ-सीज़न में यात्रा करते हैं, तो आपको सभी स्थान पर्यटक-मुक्त मिलते हैं जिसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको फोटो के फ्रेम में से लोगों को हटाने या उनके हटने तक रुकने कि ज़रूरत नहीं होंगी, आप जितनी चाहे उतनी मनचाही फोटोस ले सकते है ।
5. फ्लाइट की घटती-बड़ती कीमत पर नज़र रखें
हाँ ट्रेनें, फ्लाइट्स की तुलना में सस्ती हैं पर अगर बात सुविधा और आराम की आती है तो फ्लाइट्स, ट्रेन कि तुलना में एक बेहतर विकल्प है । अगर आपने अपनी यात्रा व घूमने कि जगह को पहले से ही प्लान किया हुआ है और बुकिंग कराई हुई है यकीन मानिए फ्लाइट्स में आप अपने काफी पैसे तो बचा ही सकते हैं साथ ही आपको अपनी जगह पर बिताने के लिए ज्यादा समय भी मिलेगा । ऐसा करने का एक तरीका लगातार उड़ानों के संभावित समय और कॉम्बिनेशन पर नज़र रखना है जो अलग अलग डेट्स में उन जगहों के लिए निकल रही है जहाँ आपको घूमने जाना है । शुक्रवार या हफ्ते के बाकी दिनों के बदले वीकेंड औप सुबह की फ्लाइट्स देखें ।
कम कीमतों को देखने के लिए प्राइवेट ब्राउज़िंग मोड में फ्लाइट्स देखें।
अगर आप ऑफ-सीज़न में यात्रा कर रहे हैं तो अलग से कई सुविधाएँ भी मिल सकती है क्योंकि इस समय उड़ानें लगभग खाली ही जाती है । हो सकता है आपको बिना किसी शुल्क, मुफ्त खाने- पीने और बिना किसी चार्ज के विंडो सीट जैसी सुविधाएँ मिल जाएँ और अगर आप भाग्यशाली हैं, तो हो सकता है कि आपको बिजनस क्लास में अपग्रेड भी मिल जाए।
6. स्थानीय लोगों की तरह यात्रा करें
यात्रा करने के लिए निजी कैब या कारों को किराए पर लेना आपकी जेब खाली कर सकता है, जबकि एक स्थानीय राज्य परिवहन बस का टिकट आपको आधी कीमत पर मिल जाएगा। यह चीज़ किसी भी यात्रा में आपके ट्रैवलिंग खर्च मे एक बड़ी कटौती करेगा ।
भारत में, राज्य बसें, स्थानीय रिक्शा / फेरी व लोकल ट्रेन सबसे सुविधाजनक और सबसे किफायती तरीका तो है ही इससे आपको स्थानीय आबादी के जीवन शैली, दैनिक गतिविधियों और संस्कृति के बारे में बातचीत करने और सीखने का भी एक शानदार तरीका है।
7. दोस्तों के साथ ट्रैवल करें
शानदार, जबर्दस्त, ज़िंदाबाद । अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ यात्रा करने से अच्छा कुछ नहीं है। आप एकसाथ इतनी सारी पागल और मज़ेदार यादें बना लेंगे, और आपके पास हमेशा कोई ऐसा होगा जो आपको यात्रा में आराम से दूर रखेगा क्योंकि दोस्तो साथ में हो तो आराम कहाँ मिलने वाला है । अलग- अलग मज़ेदार पोज़ में तस्वीरें क्लिक करने से लेकर अपने होटल के कमरे में अजीब हरकतें करने तक, दोस्तों के साथ यात्रा करने से आपका एक वाइल्ड-साइड सामने आता है और आपके अंदर के असली व्यक्ति का पता चलता है । और साथ में यह एक अधिक व्यावहारिक और कम खर्चीला विकल्प है क्योंकि होटल के कमरे, टैक्सी और भोजन जैसे बड़े खर्च सभी में बट जाते है, इस प्रकार आपके व्यक्तिगत खर्चों में भी कमी आ जाएगी ।
8. होटल छोड़ें, हॉस्टल और होमस्टे में रहें
जब आप एक बजट-यात्रा पर होते हैं, तो आपका सबसे ज्यादा खर्चा हर रात अपने लिए एक छत ढूँढने यानी कि होटल या रुकने कि जगह ढूँढने का होता है। होटल के कमरों में आपको लक्जरी सुविधाएँ तो मिलेंगी पर उनकी कीमतें भी उसी हिसाब से होंगी इसलिए अगर आप बजट में दोस्तों के साथ या अकेले यात्रा कर रहे हों तो, होम-स्टे और हॉस्टल आपके लिए सबसे बेस्ट विकल्प है ।
यात्रा का असली मकसद उस जगह कि भावना और ज़िंदगी को जीना है जहाँ आप जा रहे है । और ये चीज़ आप किसी लोकल व्यक्ति के घर या किसी होमेस्टे मे रह कर ही समझ पाएँगे क्योंकि आपके रुकने के दौरान आप उस जगह के कल्चर, रिवाज़ और रहन-सहन को बहुत करीब से देख पाएँगे और किसी भी होटल में यह अनुभव मिलना बहुत मुश्किल है। एक होटल आपको लक्जरी सुविधाएँ और आरामदायक माहौल दे सकता है, लेकिन एक होमेस्टे में रहना आपको कुछ सबक, कहानियों और गर्मजोशी के साथ कई उपहार देगा।
हॉस्टल एक सस्ता विकल्प है जहाँ आप साथी यात्रियों के साथ मेल-मिलाप बड़ा सकते है, जिनमें से बहुत से देश के बाहर से आए हुए हैं। लगभग ₹500 या कभी-कभी इससे भी कम आपको भारत में साफ बिस्तर और नाश्ता मिल सकता है। हालांकि, हॉस्टल के साझा डॉर्म लेने पर आपको प्राइवेसी से समझौता करना पड़ सकता है।
9. यात्रा के दौरान स्ट्रीट फूड खाएँ
भारत में छोटे-छोटे स्ट्रीट-फूड स्टालों की भरमार है। हमारे कस्बों के नुक्कड़ और चौराहों की भूलभुलैया में ऐसे कई स्टॉल है जिनके व्यंजन देखने भर से आपके मुँह में पानी आ जाएगा और जो आपको उस जगह के कल्चर से व स्वाद से तो मिलवाएँगे ही आपकी जेब पर भी ज्यादा भारी नहीं पड़ेंगे ।
घूमने के समय तो आपको और भी ज्यादा भूख लगती है, रात के खाने के लिए शानदार स्ट्रीट-फूड और दोपहर के खाने के लिए एक लोकल थाली के साथ आप अपनी भूख को शांत कर सकते है । हमारे देश में हर जगह पर सस्ते भोजनालयों की भरमार है जो सस्ती कीमतों मे स्थानीय जायके के साथ स्वादिष्ट भोजन परोसते हैं। आप ऐसी जगहों के लिए मार्केट-एरिया या आसपास के लोकल लोगों से भी पूछ सकते हैं।
इसके अलावा, आपको हमेशा ड्राई-फ्रूट्स, खाखरा, और थेपला जैसी चीज़ें अपने पास रखनी चाहिए जो आपकी माँ आपको यात्रा के दौरान पैक करने के लिए मजबूर करती हैं।
10. हर जगह अच्छे से मोल-भाव कीजिए
आप स्थानीय व्यक्ति कि तरह जीवन जीने की कितनी ही कोशिश करो, पर पर्यटक कभी उसमें पूरी तरह से सफल नहीं हो पाते। दुनिया में हर जगह की तरह भारत में भी पर्यटक बड़ी हुई कीमतों का ही भुगतान करते हैं। अपना बजट नहीं गड़बड़ाए इसलिए यह बहुत ज़़रूरी है कि आप सभी व्यक्तियों से अच्छी तरह मोल-भाव करें।
सब कुछ बातचीत से कम हो सकता है, खासकर अगर आप ऑफ-सीज़न में यात्रा कर रहे हैं। तब हर जगह व्यवसाय मंदा और सभी दुकानदार ग्राहकों को आकर्षित करना चाहते हैं। यह बात खरीदारी, टैक्सी या साइट-सीइंग और होटल के कमरों पर भी लागू होती है। अगर आप एक रात से ज़्यादा समय तक रह रहे हैं तो आप हमेशा कम कीमत या उसी कीमत में एक दिन के लिए अपग्रेड लेने करने की कोशिश कर सकते हैं।
तो आप भी इन बातों पर अमल करें और अपनी ट्रैवल प्लानिंग शुरू करें।
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