चाय को भारत का नेशनल ड्रिंक कहा जाता है। जो एकदम सही भी है। लेकिन भारत में लोग कॉफी पीना खूब पसंद करते हैं। इस बात में भी कोई शक नहीं है। दिन हो या शाम कॉफी का एक कप आपकी सारी थकावट दूर करने के लिए काफी होता है। वैसे कॉफी और घुमक्कड़ों का भी खूब साथ रहता है। हर घुमक्कड़ के बैग में इंस्टेंट कॉफी के पैकेट की पकड़ उतनी ही मजबूत होती है जितना ठंड में गर्म पानी की होती है। अच्छी बात ये है कि चाय की तुलना में कॉफी आप अलग-अलग तरीकों से पी सकते हैं। जैसे ब्लैक कॉफी, अमेरिकानो, नेस्प्रेसो और भी बहुत कुछ। आपका कॉफी पीने का अंदाज अलग हो सकता है लेकिन हर कॉफी की उत्पत्ति एक ही तरह से होती है। दूर तक फैले हरे-भरे बागानों में जब कॉफी बीन की खुशबू तैरती है तो हर कॉफी लवर का दिल खुश हो उठता है। अगर आप सच्चे कॉफी प्रेमी हैं तो मेरी राय में आपको घर की कॉफी छोड़कर भारत की उन जगहों की यात्रा करनी चाहिए जो देश के सबसे लाजवाब कॉफी बागानों का घर हैं।
1. कुर्ग, कर्नाटक
कॉफी की बात हो और कुर्ग का जिक्र ना किया जाए ऐसा मुमकिन नहीं है। कर्नाटक का सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन होने के साथ-साथ कुर्ग को कॉफी का मक्का के रूप में भी जाना जाता है। एक तरह से ये जगह कॉफी लवर्स के लिए जन्नत जैसी है। कुर्ग बहुत सारे कॉफी बागानों का घर है जिसकी वजह से यहाँ काफी बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है। अगर आप नजदीक से कॉफी बनने की पूरी प्रक्रिया देखना चाहते हैं तो कुर्ग में ऐसे कई होमस्टे हैं जो इन्हीं बागानों के बीच में स्थित हैं। इन होमस्टे में रहकर आपके अंदर का कॉफी प्रेमी जरूर खुश होगा। कुर्ग में कॉफी का मजा लेने के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर का होता है। अगर आप इस समय के आसपास कुर्ग आने का प्लान करते हैं तो आप बेरी पिकिंग का भी अनुभव ले सकते हैं। साल के इस समय सभी कॉफी के बागानों में ताजी बेरियों की भरमार रहती है जो आपको बहुत पसंद आएगा। वैसे कुर्ग में मौसम पूरे साल सुखद रहता है जो बढ़िया कॉफी उगाने के लिए अच्छा होता है। इसलिए आप साल के किसी भी समय कुर्ग की यात्रा कर सकते हैं।
2. वायनाड, केरल
मालाबार तट पर बसे इस हिल स्टेशन में कॉफी से लगाव रखने वाले लोगों के लिए बहुत कुछ है। सबसे अच्छी बात ये है कि वायनाड शानदार, आलीशान रिजॉर्ट्स और किफायती होमस्टे का घर है। इसलिए आपको यहाँ ठहरने में बिल्कुल परेशानी नहीं आएगी। कॉफी के बागानों के बीच बने इन ठिकानों में आप आरामदायक और मोहक छुट्टियां बिताने का प्लान कर सकते हैं। इन बागानों में घूमने के अलावा आप आसपास की जगहों की सैर कर सकते हैं और अलग-अलग तरह के पंछियों को देख सकते हैं। अगर आप बेरी चुनने का तरीका देखना चाहते हैं तो आपको नवंबर या दिसंबर में आना चाहिए। कॉफी प्लांटेशन के अलावा आप एदक्कल की गुफाओं तक हाइकिंग कर सकते हैं और कुरुवा द्वीप नदी में राफ्टिंग का मजा भी ले सकते हैं।
3. चिकमंगलूर, कर्नाटक
कर्नाटक की ये जगह कॉफी प्रेमियों के लिए खास होनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि चिकमंगलूर वो जगह है जहाँ अंग्रेज़ों के शासन के दौरान पहली बार कॉफी पेश की गई थी। चिकमंगलूर कुर्ग से कुछ ही घंटों की दूरी पर है इसलिए यहाँ आराम से पहुँचा जा सकता है। आंकड़ों की बात करें तो भारत के कुल कॉफी उत्पादन में सबसे ज्यादा कॉफी चिकमंगलूर में उगाई जाती है। चिकमंगलूर में ज्यादातर बागान बढ़िया ढाल पर बने हैं और ये साल के पूरे समय बेमिसाल कॉफी के पौधों से ढके रहते हैं। अगर आप कॉफी प्लांटेशन को अच्छे से देखना चाहते हैं, तो आपको ट्रेकिंग करते हुए इन बागानों में घूमना चाहिए। खास बात ये है कि चिकमंगलूर के बागानों में कभी-कभी आपको मोर भी दिखाई दे सकते हैं जो आपकी यात्रा को और भी मोहक बना देगा। अगर आप सच्चे कॉफी प्रेमी हैं तो कर्नाटक की ये जगह आपकी बकेट लिस्ट में जरूर होनी चाहिए।
4. यरकौड, तमिलनाडु
तमिलनाडु की इस जगह को दक्षिण भारत का गहना कहा जाता है और इसके पीछे कुछ वजहें भी हैं। यरकौड इतना सुंदर है कि आप इसकी खूबसूरती में खो जाना चाहेंगे। यकीन मानिए अगर आपने एक बार यरकौड की यात्रा कर ली तो आप बार-बार यहाँ का चक्कर लगाना चाहेंगे। बेंगलुरु से लगभग 250 किमी. की दूरी पर बसा यरकौड कई दर्शनीय स्थलों का घर है। यरकौड के बागान भारत के सबसे पुराने कॉफी बागानों में से हैं। यहाँ की एमएसपी कॉफी को भारत का सबसे पहला कॉफी प्लांटेशन होने का गौरव मिला हुआ है। यरकौड की हवा में भी कॉफी की भीनी-भीनी खुशबू तैरती रहती है। इसके अलावा यरकौड में आप संतरे के बगीचे और मसालों के प्लांटेशन भी देख सकते हैं। अगर आप यरकौड में हों और कॉफी देखने से मन भर गया है, तो आप शेवारॉय हिल और एमरल्ड झील जैसी जगहों की भी सैर कर सकते हैं।
5. अरकू घाटी, आंध्र प्रदेश
अनंतगिरी पहाड़ों से बनी इस खूबसूरत घाटी को आंध्रप्रदेश की शान भी कहा जा सकता है। अनंतगिरी पहाड़ों की ढलान मीलों तक कॉफी के बागानों से भरी हुई है। ये नजारा इतना खूबसूरत होता है कि आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। अरकू घाटी के कॉफी बागान कर्नाटक और केरल जितने मशहूर नहीं हैं लेकिन यहाँ की कॉफी का स्वाद इतना अनोखा होता है कि आप खुश हो जाएंगे। कॉफी बागानों के अलावा आप अरकू घाटी में ट्रेकिंग करने का भी मजा उठा सकते हैं। आंध्रप्रदेश के इस हिस्से के ज्यादातर लोगों की आमदनी इन्हीं कॉफी बागानों पर निर्भर रहती है। उतने मशहूर ना होने के बावजूद इन बागानों की एक बात है जो इन्हें बाकी सबसे अलग बनाती है। अरकू घाटी में कॉफी उत्पादन के लिए ऑर्गेनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है जिससे कॉफी का स्वाद और निखर जाता है। अगर आप बागानों के अलावा भी घाटी का सौंदर्य देखना चाहते हैं तो आपको पैदल घुमक्कड़ी करनी चाहिए।
6. दरिंगबाड़ी, ओडिशा
ओडिशा में बसा ये खूबसूरत हिल स्टेशन कॉफी प्रेमियों का नया अड्डा बन रहा है। अगर भारत में कॉफी उगाने के पारंपरिक तरीकों से तुलना करें तो दरिंगबाड़ी फिलहाल नौसिखिया है। घने जंगलों से घिरा ये सुंदर हिल स्टेशन आपके अंदर बैठे कॉफी लवर के लिए बिल्कुल सही जगह है। ये जगह अपने अलग वातावरण और पहाड़ी आकर्षणों की वजह से खास है। क्योंकि दरिंगबाड़ी बहुत सारे जंगलों का घर है इसलिए यहाँ आपका कॉफी अभियान एक तरह से जंगल सफारी की तरह हो जाता है। पहाड़ी ढलान पर दूर तक बिखरे कॉफी के बागानों में घंटों टहलना एक कॉफी प्रेमी के लिए कितना मोहक हो सकता है ये आपको दरिंगबाड़ी के बागानों में आकर पता चलेगा। दरिंगबाड़ी में कॉफी के साथ-साथ काली मिर्च के बागान भी हैं। इन सभी बागानों का रख-रखाव क्षेत्र के वन विभाग द्वारा किया जाता है जिसकी वजह से इनके निखार में कोई कमी नहीं है।
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