एक घुमक्कड़ कहाँ जाना पसंद करता है? मेरे ख्याल से हर जगह, जहाँ कुछ अलग मिले। बस यही तो टूरिस्ट और ट्रैवलर में फर्क होता है। टूरिस्ट बस चुनी हुई जगह पर जाता है और घुमक्कड़ बस घूमता रहता है, बेतरतीब। उत्तराखंड और हिमाचल सुंदरता भी लिए है और टूरिस्टों को भी। इनके अलावा भी सुंदरता है जहाँ देखने को बहुत कुछ है, बस उस ओर हमें अपने कदम बढ़ाने होंगे। ऐसी ही खूबसूरती लिए बैठा है ‘छत्तीसगढ़’।
छत्तीसगढ़ को ज्यादातर लोग या तो इसलिए जानते हैं क्योंकि यहाँ चावल बहुत होता है और दूसरा नक्सलवाद की वजह से। लेकिन बहुत कम लोग यहाँ की खूबियों के बारे में जानते हैं। विविध संस्कृतियों से भरपूर छत्तीसगढ़ में आश्चर्य कर देने वाले झरने, गुफा और पारंपरिक मंदिर देखने लायक हैं। तो चलिए उसी छत्तीसगढ़ के कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में जान लेते हैं।
1. चित्रकोट वाटरफाॅल
चित्रकोट वाटरफॉल छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और खूबसूरत जलप्रपात है। इसे भारत का नियाग्रा फाॅल्स भी कहा जाता है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। 96 फीट ऊँचा ये जलप्रपात प्रकृति के आगोश में है। इस झरने में प्रकृति आश्चर्यजनक दृश्य सामने लाकर रख देती है, इस झरने का आकार घोड़े की नाल जैसा दिखता है। चित्रकोट वाटरफॉल के आसपास जंगल ही जंगल हैं जिसे शाम की छटा में देखने में आनंद आ जाता है। चित्रकोट वाटरफाॅल जगदलपुर से 38 कि.मी. दूरी पर है।
2. गडिया पर्वत
अगर आपको छत्तीसगढ़ में पहाड़ों के रोमांचक सफर पर निकलना है तो गडिया पर्वत सबसे परफेक्ट जगह है। यहाँ वॉटरफॉल, सुंदर जंगल और पहाड़ से दिखते सुंदर दृश्य हैं, जो आपको रोमांच से भर देंगे। गडिया पर्वत छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित है। इतिहास बताता है कि यहाँ कंद्रा राजवंश के राजा धर्म देव ने जीत के बाद गडिया पर्वत पर अपनी राजधानी बनाने का काम किया था। ये भी कहा जाता है कि युद्ध के दौरान यहाँ की गुफाएँ शाही परिवार के छिपने के काम आती थीं। इस पर्वत के दक्षिणी भाग में एक गुफा है जिसे जोगी गुफा के नाम से जाना जाता है, जहाँ ऋषि तपस्या किया करते थे।
3. सिरपुर
अगर आपको प्रकृति के बीच रहना पसंद है तो छत्तीसगढ़ के सिरपुर ज़रूर जाना चाहिए। सिरपुर वैसे तो यहाँ के लक्ष्मण मंदिर के लिए फेमस है लेकिन आसपास हरियाली और झरने हैं, जिसे देखकर आपका मन खिल उठेगा। सिरपुर महानदी के तट पर बसा है जिसे श्रीपुर भी कहा जाता है। अगर आप अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ कुछ सुकून भरे पल गुजारना चाहते हैं तो महानदी किनारे बसी इस ताज़गी वाली जगह पर ज़रूर आना चाहिए। लक्ष्मण मंदिर के अलावा यहाँ बौद्ध मठ और धरकुस वाटरफाॅल भी देखने लायक है।
4. भोरमदेव
छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से फेमस भोरमदेव बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। खजुराहो की तरह ही यहाँ पर भी खूब सारे ऐतहासिक मंदिर हैं। भोरमदेव पूरी तरह से जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है। बारिश के मौसम में इस जगह की छटा देखने लायक बनती है, इस समय यहाँ के मंदिर भी सुंदरता से भर जाते हैं। मॉनसून के दिनों में इस जगह पर हज़ारों लोग आते हैं। भोरमदेव कवर्धा से 18 कि.मी. दूर मैकाल पर्वत पर स्थित है।
5. कुटुमसर और कैलाश गुफा
कुटुमसर और कैलाश गुफा छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। ये गुफाएँ तीरगढ़ झरने के पास के घने जंगलों के बीच स्थित हैं। जगदलपुर से 40 कि.मी. दूर स्थित इन गुफाओं को दुनिया की सबसे लंबी प्राकृतिक गुफाओं में में दूसरा स्थान दिया गया है। कुटुमसर गुफाओं के ज्यादा अंदर जाना मना है क्योंकि इस गुफा मेंऑक्सीजन की मात्रा कम है। कुटुमसर की गुफाओं के पास ही छोटी पहाड़ी पर स्थित कैलाश गुफा भी है, जिसे 1993 में खोजा गया था। कैलाश गुफा की खासियत ये है कि गुफाओं की दीवारें अंदर से खोखली दीवारों पर प्रहार करने पर कुछ आवाज़ आती है।
6. तीरथगढ़ वाटरफाॅल
पूरा छत्तीसगढ़ जंगल, पहाड़ और झरनों भर हुआ है लेकिन एक ही झरने में कई झरनों को देखना हो तो उसके लिए तीरथगढ़ वॉटरफाॅल देखने आ जाना चाहिए। कांगेर घाटी में स्थित तीरथगढ़ झरना जगदलपुर से 35 कि.मी. की दूरी पर है। ये जगदलपुर की सबसे फेमस जगहों में से एक है। वीकेंड में सबसे ज्यादा पर्यटक यहीं मिलेंगे। इसकी खासियत ये है कि यहाँ पर गिरने वाला पानी कई झरनों में विभाजित हो जाता है, जो देखने वालों को आश्चर्य में डाल देता है।
7. दंतेश्वरी मंदिर
दंतेश्वरी मंदिर छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके का बहुत बड़ा आकर्षण केन्द्र है। इसी मंदिर के नाम पर इस शहर का नाम दंतेवाड़ा पड़ा। ये मंदिर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि इसी जगह पर देवी सती का दांत गिरा था। दंतेश्वरी मंदिर शंखिनी और डंकिनी नदियों के संगम पर स्थित है। दंतेश्वरी देवी को बस्तर की कुलदेवी का दर्जा प्राप्त है। इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए आपको लुंगी या धोती पहनकर ही जाना होगा।
8. पुरखौती मुक्तांगन
नए रायपुर की सड़क आपको एक ऐसी जगह पर ले जाती है जहाँ आप छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और विरासत को एक ही जगह पर देख सकते है। पुरखौती मुक्तांगन 200 एकड़ में फैला एक खुला संग्रहालय है जहाँ आदिवासियों के पूरे जीवन को दिखाने की कोशिश की गई है। उनके गाँव, उनके त्योहार, स्मारक और स्थानीय नृत्य। इस संग्रहालय को देखने के बाद आप भी कहेंगे ‘आमचे बस्तर’।
जलप्रपात के अलावा आप छत्तीसगढ़ में अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य की सैर भी कर सकते हैं। ये वन्यजीव क्षेत्र बिलासपुर से 60 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों के साथ अचानकमार राज्य के खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों में गिना जाता है। इस अभयारण्य को 1975 में स्थापित किया गया था। यहाँ आप विभिन्न वनस्पतियों के साथ अंसख्य जीव-जन्तुओं को देखे सकते हैं। यहाँ बाघ, बाइसन, तेंदुआ, भालू, सांभर, लकड़बग्गा आदि जीवों को देख सकते हैं।
अब आप जान चुकें है कि छत्तीसगढ़ भी आपकी यात्रा सूची में ज़रूर शामिल होना चाहिए।
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