चंद्रकांता उपन्यास आधारित चंद्रकांता पर्यटन सर्किट बनेगा यहां

Tripoto
29th Sep 2021
Photo of चंद्रकांता उपन्यास आधारित चंद्रकांता पर्यटन सर्किट बनेगा यहां by Roaming Mayank
Day 1

चंद्रकांता पर्यटन सर्किट Chandrakanta Tourism Circuit

बचपन या जीवन के किसी अन्य दौर में हम सभी ने चंद्रकांता नामक धारावाहिक बड़े ही चाव से हर संडे देखा ही होगा और आज भी यादों मे इसकी झलकियां कहीं ना कहीं छुपी हुई होंगी, है ना?

तो उन्हीं किरदारों और उनसे जुड़ी जगहों से आपको रूबरू कराने के लिए उत्तर प्रदेश में एक नया चंद्रकांता संतति पर्यटन सर्किट विकसित करने की घोषणा हुई है। ये प्रसिद्ध हिंदी उपन्यासकार देवकी नंदन खत्री द्वारा लिखित लोकप्रिय और फंतासी साहसिक उपन्यास चंद्रकांता पर आधारित होगा।

नीरजा गुलेरी का टीवी सीरियल चंद्रकांता

Photo of Lucknow by Roaming Mayank

1888 में प्रकाशित ये हिंदी फंतासी उपन्यास एक जादुई दुनिया , एक तिलिस्मी किले, उसमें होने वाली भीषण और गहरी धोखेबाजियों के ताने बाने में बुना गया है। विजयगढ़ की राजकुमारी चंद्रकांता और नौगढ़ के राजकुमार वीरेंद्र की प्रेम कहानी के इर्द-गिर्द बहने वाली इस किताब में लिखी गई कई घटनाएं चंदौली और सोनभद्र जिलों में घटित होती हैं। इसलिए इसे विंध्य क्षेत्र में विकसित करने की योजना बनायी रही है। इससे अच्छी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद लगायी जा रही है।

विजयगढ़ किले के खंडहर

Photo of Sonbhadra by Roaming Mayank

चंद्रकांता सर्किट में मिर्जापुर, चंदौली, सोनभद्र और रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र शामिल होंगे।

चुनार गढ़ Chunar Fort

शिवदत्त और क्रूर सिंह की दोस्ती और विषकन्या ये सब चुनार में ही तो थे..

चुनार का किला

Photo of Chunar Fort by Roaming Mayank

एंट्री

Photo of Chunar Fort by Roaming Mayank

क्रूर सिंह

Photo of Chunar Fort by Roaming Mayank

शिवदत्त और उसकी विषकन्या

Photo of Chunar Fort by Roaming Mayank

नौगढ़ Naugarh

चंद्रकांता उपन्यास में नौगढ़ में बने एक वन विश्राम गृह (फॉरेस्ट रेस्ट हाउस) का ज़िक्र है इसे भी आप इस सर्किट में देख पाएंगे। यह स्थान काशी नरेश (महादेव) के ग्रीष्मकालीन गृह के रूप में भी जाना जाता है।

कर्मनासा नदी Karmanasa River

चंदौली की कर्मनासा नदी पर बने सुंदर और्वातंड जलप्रपात को भी विकसित किया जाएगा। यह इस सर्किट के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक होगा। इसी नदी के तट पर 1539 ई में चौसा का प्रसिद्ध युद्ध हुआ था जिसमें शेरशाह सूरी ने मुगल बादशाह हुमायूं को हराया था। इसके अतिरिक्त अन्य आकर्षणों में सोनभद्र के मौकलां गांव में विजयगढ़ किला, नौगढ़ किला चुनार किला और रॉबर्ट्सगंज में सलखान जीवाश्म पार्क होंगे।

विजयगढ़ किला Vijaygarh Fort

विजयगढ़ किला इस पर्यटन सर्किट का केंद्र होगा। विजयगढ़ किला कई फीट ऊंचाई की पहाड़ी पर बना और चारों ओर विंध्याचल के अजूबे जंगलों से घिरा हुआ है। जो इसके परिवेश को बेहद विस्मयकारी और खूबसूरत बना देता है।

विजयगढ़ किला

Photo of Vijaygarh Fort by Roaming Mayank

पहाड़ी पर बना विजयगढ़ किला

Photo of Vijaygarh Fort by Roaming Mayank

दुर्ग की प्राचीर से दिखाई देता चारों ओर फैला अथाह जंगल

Photo of Vijaygarh Fort by Roaming Mayank

सलखान जीवाश्म पार्क Salkhan Fossil Park

सैकड़ों करोड़ सालों पुराने जीवाश्म इस पार्क में संरक्षित हैं, एक अमूल्य धरोहर हम सभी के लिए...

अरबों वर्ष पुराने जीवाश्म

Photo of Salkhan Fossils Park by Roaming Mayank

प्राचीनतम जीवाश्म

Photo of Salkhan Fossils Park by Roaming Mayank

जीवाश्म पार्क बोर्ड

Photo of Salkhan Fossils Park by Roaming Mayank

तिलिस्म और अय्यारी के रोमांचक और कौतूहल से भरे किस्सों से सजी सोनभद्र की चंद्रकांता वादियों तक पर्यटकों को लाने की मुहिम तेज़ी पकड़ रही है I यहां पर बुनियादी सुविधाओं जैसे साफ रहने की जगह, स्वच्छ शौचालय, सुरक्षित और आसान ट्रांसपोर्टेशन के साथ-साथ पारिस्थितिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नोडल एजेंसी जैसी आधुनिक आवश्यकताओं को भी लागू किया जाएगा। सेफ और रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को एकसाथ समावेश करते हुए इसे पर्यटकीय रंग रूप दिया जाएगा।

👌😲😃

तो तैयार हो जाइए सालों पहले मन में बस गई तिलिस्म और अय्यारी की दुनिया से असल ज़िंदगी में आमने सामने मुलाकात के लिए - "नौगढ़ विजयगढ़ में थी तकरार.... 'चंद्रकांता पर्यटन सर्किट' में 🤞

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