चाँदीपुर बीच, जहाँ गायब हो जाता है समुद्रतट!

Tripoto
Photo of चाँदीपुर बीच, जहाँ गायब हो जाता है समुद्रतट! 1/1 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni
श्रेय- बॉनी घोष

"उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से कुछ ही किलोमीचर दूर एकांत में एक समुड़त्त है जहाँ समंदर कुछ घंटों के लिए गायब हो जाता है फिर वापिस लौट आता है | इस कुदरत के करिश्मे और अनसुलझी गुत्थी को कोई नहीं सुलझा पाया है |"

ट्रेन में भुवनेश्वर की ओर जाते समय कुछ सहयात्रियों को मैंने ऐसा कहते सुना | पूछने पर उन्होंने बताया की वहाँ तक पहुँचने के लिए मुझे बालेश्वर या बालासोर स्टेशन पर उतरना होगा जहाँ से चांदीपुर 30 कि.मी. दूर है।

बालेश्वर स्टेशन आने पर मैं अंतर्मन की आवाज़ सुनकर वहीं उतर गया | रात के 9 बाज रहे थे और इस समय किसी अंजान जगह पर उतरने की सलाह नहीं दी जाती है | रात के लिए होटल ढूँढना मुश्किल होता है और अतीत में मुझे अपने बजट से कहीं ज़्यादा होटल में रात को रुकने के लिए देना पड़ा है |

बालासोर भारत का एक छोटा-सा शांत कस्बा है | स्टेशन से उतरते ही आपके सामने सड़क पर सभी सुख सुविधाओं से सुसज्जित चार सितारा होटल भी होंगे तो मूलभूत ज़रूरतों वाले ख़टमल और कोकरोच से भरे बजट होटल भी होंगे | ओटीडीसी द्वारा संचालित लक्ज़री होटल शृंखला पंतनिवास होटल्स भी इसी इलाक़े में है |

अगले दिन मैं जल्दी उठा और चाँदीपुर बीच की ओर निकल पड़ा | उड़ीसा अपने सस्ते खाने के लिए मशहूर है | नाश्ते मैं गरमागरम पूरी भाजी और पकौड़े खाने से खुद को नहीं रोक पाया | रेलवे स्टेशन से चाँदीपुर जाने के लिए आपको टैक्सियाँ मिल जाएँगी जो एक तरफ के ₹800 लेंगी | जो लोग स्थानीय जीवन को करीब से देखना चाहते हैं वो शेयर जीप में भी बैठ सकते हैं | शेयर जीप एक आदमी का ₹20 लेती है और चलने में एक घंटा लगा देती हैं | जीप को यात्रियों से भरते हुए देखना काफ़ी हास्यास्पद था जहाँ जीप का ड्राइवर जैसे तैसे सवारियों को ठूसने की मशक्कत कर रहा था और आख़िर में और सवारी बैठने के लिए उसने एक बग्घी भी पीछे बाँध ली |

चाँदीपुर

श्रेय- सौरव सान्याल

Photo of चांदीपुर, Odisha, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

बालासोर से चाँदीपुर पहुँचने में मुझे एक घंटा लग गया | समुद्रतट के पास लगे ऊँचे-ऊँचे ताड़ के पेड़ों ने मेरा स्वागत किया | किनारे पर खड़े हुए मुझे कुछ अजीब सा देखने को मिला | मेरे देखते ही देखते समंदर कुछ किलोमीटर पीछे खिसक गया | लोग समंदर की ओर भागने लगे, केकड़े के बच्चे ज़मीनी छेदों से बाहर आने लगे, मछुआरे अपना जाल सूखी ज़मीन पर इस विश्वास में बिछाने लगे कि अगली बार पानी के साथ मछलियाँ खुद ब खुद आ जाएँगी और मछली पकड़ने के लिए पानी में उतरकर घंटो मेहनत नहीं करनी पड़ेगी |

Photo of चाँदीपुर बीच, जहाँ गायब हो जाता है समुद्रतट! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

मैं कुछ किलोमीटर समंदर का पीछा करते करते आगे बढ़ ही चुका था की एक स्थानीय मछुआरे ने मुझे वापिस जाने को कहा | समंदर कुछ ही देर में आने वाला था और यहाँ रुकना सुरक्षित नहीं था |

चाँदीपुर समंदर के किनारे बसा एक छोटा सा गाँव है जहाँ आस पास के इलाक़े में बहुत से रेस्तराँ और छोटी मोटी झोपडियाँ बनी हैं | यहाँ उड़ीसा पर्यटन विभाग का एक रिज़ोर्ट भी है जहाँ आप पारंपरिक उडिया व्यंजनों जैसे फिश करी और केकड़ों का स्वाद चख सकते हैं |

समंदर आने लगता है

Photo of चाँदीपुर बीच, जहाँ गायब हो जाता है समुद्रतट! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

और देखते ही देखते तट को अपने अंदर समा लेता है

Photo of चाँदीपुर बीच, जहाँ गायब हो जाता है समुद्रतट! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

बाद में मैं बालासोर लौट आया ताकि यहाँ के स्थानीय मंदिरों में घूम सकूँ| उड़ीसा में ज़्यादातर कस्बे प्राचीन मंदिरों से भरे हैं जो वास्तुकला की अद्भुत मिसाल हैं | पत्थर में बारीक नक्काशी करके बनाए हुए ये मंदिर अलग अलग विश्वास के प्रतीक हैं और अलग ही कहानी भी कहते हैं | ऐसा ही एक मंदिर पंचलिंगेश्वर का भी है जो बालासोर से 45 कि.मी. दूर है और यहाँ दिन भर बसें आती जाती रहती हैं | नीलगिरि पर्वत शृंखला का बेहतरीन नज़ारे के चलते यहाँ ज़रूर जाया जा सकता है |

Day 3

पंचलिंगेश्वर मंदिर

Photo of चाँदीपुर बीच, जहाँ गायब हो जाता है समुद्रतट! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni
Photo of चाँदीपुर बीच, जहाँ गायब हो जाता है समुद्रतट! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

खिरचौरा गोपीनाथ मंदिर

वैष्णव सिद्धांतों पर बना हुआ और बालासोर से 9 कि.मी. दूर स्थित खिरचौरा गोपीनाथ मंदिर भी एक बेहद खूबसूरत मंदिर है | ये मंदिर यहाँ मिलने वाले ख़ास प्रसाद " खीर" की वजह से लोकप्रिय है | मंदिर के अंदर लगे कदंब से वृक्षों से पूरा मंदिर प्रांगण महकता रहता है |

उड़ीसा बैकपैकर्स के लिए बहुत अच्छी जगह है | ये राज्य सांस्कृतिक, भोजन और ऐतिहासिक रूप से बेहद संपन्न है इसलिए यहाँ घूमने में बड़े मज़े आते हैं | चाँदीपुर का करिश्मा देखकर मुझे एहसास हुआ कि इंडिया से पहले इन्क्रेदिबल क्यूँ लगाया जाता है |

कैसे पहुँचे :

बालासोर

भुवनेश्वर और बालासोर के बीच ट्रेनें अलग अलग अंतराल में चलती ही रहती हैं | पहुँचने में 2 से 3 घंटे लगते हैं और यात्री कोच की एक टिकट की कीमत ₹120 के आसपास है।

बालासोर से चाँदीपुर

बालासोर और चाँदीपुर के बीच शेयर जीप और प्राइवेट टैक्सी चलती ही रहती है | एक ओर के लिए टैक्सी ₹800 और जीप ₹20 लेती है |

बालासोर में घूमना

बालासोर यहाँ के प्राचीन मंदिरों के लिए मशहूर है और ओटीडीसी द्वारा संचालित बसें चलती हैं जो सुबह आपको मंदिर घुमाने ले जाएँगी | एक व्यक्ति का बस का किराया लगभग ₹200 है |

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