बर्फ से लकदक पहाड़। शीशे जैसी बर्फ की चादर पर चलना। सिर उठाकर देखो तो मानो आसमान इतना करीब, जितना कभी नहीं था। चादर ट्रैक की खूबसूरती को बयां करने के लिए शायद इससे बेहतर शब्द नहीं होंगे।
बेशक कश्मीर धरती का स्वर्ग है, लेकिन लद्दाख की खूबसूरती को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता। यहां की हसीन वादियों में कई ऐसी जगह हैं, जो दुनिया भर से हर साल लाखों लोगों को यहां खींच लाती हैं। लेकिन आज हम आप सभी को ऐसी ही बेहतरीन जगह से रुबरू कराएंगे किसकी सुंदरता आप सभी ने या तो सपनो या फिल्मों में ही देखी होगी। तो आइए जानते हैं :
जम्मू-कश्मीर के पूर्वी भाग में स्थित ज़ंस्कार एक दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र है। यह पूरा इलाका ज़ंस्कार नदी की दो धाराओं के साथ बसा है। सर्दियों के मौसम में देश-विदेश से हजारों ट्रैवलर्स, साहसिक एडवेंचर की खोज में यहां तक पहुंचते हैं। इस दौरान ज़ंस्कार घाटी में की गई दुर्गम यात्रा, 'चादर ट्रेक' के नाम से जानी जाती है।
इस लेख के माध्यम से आज हम आपको बताएंगे, भारत के चुनिंदा सबसे साहसिक ट्रेकिंग रूट्स में से एक 'चादर ट्रेक' के बारे में, जिसे सिर्फ अनुभवी ट्रैवलर्स ही पार कर पाते हैं।
चादर ट्रेक भारत का एक रोमांचक व साहसिक ट्रेकिंग रूट है, जिसे केवल सर्दियों में ही किया जाता है, क्योंकि इस दौरान यहां हर जगह बर्फ ही बर्फ बिछ जाती है। बता दें, कि चादर को स्थानीय भाषा में नदी पर जमी हुई 'बर्फ की परत' कहा जाता हैं। सर्दियों में यहां बहने वाली जांस्कर नदी पर बर्फ की परत जमा होना शुरु हो जाती है, जो इस ट्रेकिंग को और भी रोमांचक बनाने का काम करती है।
चादर ट्रेकिंग रूट पर इसलिए भी ट्रैवलर्स ज्यादा आना पसंद करते हैं, क्योंकि उन्हें सर्दियों में बर्फीली ट्रेकिंग और गर्मियों में रिवर राफ्टिंग का मौका मिल जाता है। इस दौरान ज़ंस्कार नदी अपने पूरे वेग में बहती है, जिसे देख रिवर एवेंचर के शौकीन काफी उत्साहित हो जाते हैं। अगर आप भी साहसिक एडवेंचर का शौक रखते हैं, तो गर्मियों के दौरान आप यहां भरपूर आनंद उठा सकते हैं।
एक परंपरागत मार्ग :
ज़ंस्कार नदी लेह और जांस्कर को जोड़ने का काम करती है, इसलिए सर्दियों के दौरान जब यह नदी जम जाती है, तो यहां एक आने-जाने का मार्ग उभर कर सामने आ जाता है। जिसका सहारा लेकर स्थानीय लोग लेह से जांस्कर तक का सफर तय करते हैं। अभी भी इस नदी का इस्तेमाल परंपरागत मार्ग के रूप में किया जाता है।
एक खूबसूरत पर्यटन स्थल:
सर्दियों और गर्मियों में बढ़ती चादर ट्रेक की लोकप्रियता ने इसे एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बना दिया है। यह पूरा पैदल टैकिंग रूट लगभग 105 किमी का है। जहां रोजाना 15 से लेकर 17 किमी की दूरी तय की जाती है। पहाड़ों के बीच यह पूरा बर्फीला सफर काफी रोमांचक एहसास दिलाता है। यहां एडवेंचर के साथ-साथ प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ भी उठाया जा सकता हैं।
आने का सही समय :
चादर ट्रेक आने का सबसे सही समय जनवरी और फरवरी है। क्योंकि इस दौरान तापमान काफी नीचे चला जाता है, जिससे यह पूरी नदी एक कांच की तरह दिखने लगती है, और बर्फ काफी सख्त हो जाती है। अगर आप चादर ट्रेक का पूरा आनंद लेना चाहते हैं, इस दौरान ही यहां आएं । और हां साथ में गर्म कपड़े और आवश्यक सामान लाना न भूलें।
कैसे पहुंचे चादर ट्रेक :
ज़ंस्कार पहुंचने का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा 'लेह' है, जो लगभग 105 किमी की दूरी पर स्थित है। लेह के लिए दिल्ली, जम्मू और श्रीनगर से सीधी फ्लाइट्स उपलब्ध हैं। लेह से ज़ंस्कार आप टैक्सी के जरिए पहुंच सकते हैं। आप चाहे तो ज़ंस्कार रेल मार्ग से भी पहुंच सकते हैं, यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन जम्मू-तवी है, जो भारत के मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
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