दुनियाभर में ऐसी कई गुफाएँ है, जोकि अपने अद्भुत रहस्य और अनोखी खासियत के लिए मशहूर है। रोमांच के शौकीन लोगों को भी अलग-अलग गुफाएँ देखने का बहुत मजा आता है। ऐसे में आज हम आपको भारत की कुछ रहस्यमयी और रोमांचित गुफाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। प्राकृतिक खूबसूरती और कई रहस्यों से भरपूर इन गुफाओं को देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे। हर साल हजारों सैलानी यहाँ घूमने आते हैं, भारत की इन विशाल गुफाओं में कई तरह की कला और मूर्तिकला हैं जो लोगों को काफी आकर्षित करती हैं। तो चलिए जानते हैं भारत की रोमांचित गुफाओं और उसमें छुपे हुए कुछ दिलचस्प रहस्य के बारे में।
बादामी गुफाएँ:
बादामी गुफा कर्नाटक में स्थित और इस गुफा में मौजूद बादामी मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। इन गुफाओं को भी पहाड़ियों को कांटकर बनाया गया है। यहाँ की प्राचीन गाथाएं बेहद रोमांचक है, बादामी गुफाएँ कुल चार हैं, जिनमें से तीन ब्राह्मणवादी मंदिर और चौथी एक जैन मंदिर हैं। खास बात है कि ये गुफाएँ अति सुंदर मूर्तियों से सजी हैं और इनमें हिंदू देवताओं, महावीर और अन्य जैन तीर्थकारों के चित्र हैं। अगर आप इतिहास को जानने में रुचि रखती हैं तो इन गुफाओं को एक्सप्लोर करना आपके लिए बेस्ट रहेगा। तो जब भी आप कर्नाटक आएं तो इन बेहतरीन गुफाओं का आनंद जरूर लें।
उदयगिरी की गुफाएँ:
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के पास मौजूद उदयगिरी की गुफाएँ प्राचीन समय से बनी हुई है। 33 पहाडि़यों को काटकर बनाई गई इन गुफाओं को देख कर लगता है कि इन्हें किसी धार्मिक कारणों से बनाया गया है। कुछ लोगों का मानना यह भी है कि वनवास के समय पांडवों ने यही पर समय बिताया था। तो जब भी आप भुवनेश्वर जाएं तो यहाँ ज़रूर जाएं।
महाबलीपुरम वराह गुफाएँ:
वराह गुफा मंदिर कांचीपुरम जिले के अंतर्गत तमिलनाडु का अद्भुत रॉक-कट गुफा मंदिर है। यह एक पहाड़ी गांव का एक हिस्सा है जो महाबलीपुरम के मुख्य स्थल राठ और तटीय मंदिर से लगभग 4 किमी की दूरी पर स्थित है। इस गफा मंदिर का संबंध 7वीं शताब्दी से बताया जाता है जो उस समय की रॉक-कट स्थापत्य कला का एक जीता-जागता उदाहरण पेश करता है। इसके अलावा यह मंदिर प्राचीन विश्वकर्मा स्थापत्य को भी भली भांति चित्रित करता है। ऐसे कई गुफा मंदिरों को मंडप भी कहा जाता था। महाबलीपुरम की वराह गुफाएँ प्राचीन होने के साथ-साथ रोमांचक और खूबसूरत भी होती है। इन गुफाओं को देखने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं। चट्टानें काटकर बनाई गई इन गुफाओं की नक्काशी इसकी खूबसूरती को और भी बढ़ाती है। इस मंदिर के ऐतिहासिक परिदृश्य और खूबसूरती को देखते हुए इसे 1984 में यूनेस्कों द्वारा विश्व धरोहर भी घोषित किया जा चुका है। तो जब भी आप यहाँ आए इन गुफाओं के दर्शन जरूर करें।
मावसई गुफाएँ:
मावसई गुफाएँ पूर्वोत्तर भारत की सबसे खूबसूरत गुफाओं में से एक हैं। मेघालय में आने वाले पर्यटक अक्सर इन गुफाओं की यात्रा करने के लिए एक बिंदु बनाते हैं। गुफाओं में प्राकृतिक चूना पत्थर की संरचनाएँ हैं जो सालों पहले से बनी हुई हैं। यह जानना दिलचस्प है कि गुफाएँ पूरी तरह से रोशन हैं और इसमें कई प्रभावशाली मार्ग और कक्ष हैं। यहाँ स्टैलैक्टाइट और स्टैलैग्माइट फॉर्मेशन देखना काफी पसंद किया जाता है। तो जब भी मेघालय आयें इन बेहतरीन गुफाओं को देखने ज़रूर जाएं।
उंडवल्ली गुफाएँ:
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से लगभग 8 किमी की दूरी पर कृष्णा नदी के तट पर स्थित है उंडवल्ली गुफाएँ। भारत की मशहूर गुफाओं में से एक हैं उंडवल्ली गुफाएँ, क्योंकि वे उत्कृष्ट रॉक-कट वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। इन गुफाओं को ठोस बलुआ पत्थर से तराश कर विष्णुकुंडिन राजाओं को समर्पित किया गया है। यहाँ की एक गुफा में भगवान विष्णु की एक विशाल मूर्ति है जो एक वैराग्य मुद्रा में है। इसकी एक जगह जो आपको काफी मंत्रमुग्ध कर देगी वो है त्रिमूर्ति यानी ब्रह्मा, विष्णु, और महेश को समर्पित मंदिर। अगर आप घूमना पसंद करती हैं और कुछ समय शांति से बिताना चाहती हैं ये जगह आपके लिए बेस्ट है।
बोर्रा गुफाएँ:
बोर्रा गुफाएँ आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम के उत्तर में लगभग 90 किमी की दूरी पर स्थित हैं। यह गुफाएँ एक प्राकृतिक आश्चर्य है जो लगभग हजारों साल पुराना है। इसकी खोज 1807 में ब्रिटिश भूविज्ञानी विलियम किंग ने की थी। बोर्रा गुफाओं में एक प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग है और इस कारण से, गुफाओं के आसपास के गांवों में निवास करने वाले आदिवासी लोगों द्वारा अत्यधिक श्रद्धेय हैं। वहीं यहाँ कई ऐसी चीजें हैं जो टूरिस्टों का ध्यान अपनी तरफ खींचतीं हैं। अगर आप प्राकृतिक चीजों से लगाव रखती हैं तो इस जगह को एक्सप्लोर कर सकती हैं।
एलीफेंटा की गुफाएँ:
एलीफेंटा गुफाएँ भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित हैं और यह मुंबई शहर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर घारपुरी द्वीप पर स्थित हैं। एलीफेंटा की गुफाओं को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में वर्ष 1987 में शामिल किया जा चुका हैं। एलीफेंटा केव्स को पहाड़ काटकर बनाया गया है। यहाँ लगभग 7 गुफाएँ हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है महेश मूर्ति गुफा। एलीफेंटा को घारापुरी के नाम से भी जाना जाता है। यह आकर्षित और दर्शनीय एलीफेंटा गुफाएँ मध्ययुगीन काल से रॉक-कट कला और वास्तुकला का एक शानदार नमूना है।
भीमबेटका गुफाएँ:
भीमबेटका गुफाएँ मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में रतापानी वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के अंदर बनी हुई हैं। गुफा की दीवारों पर उकेरी गई इंसान और जानवरों की पेटिंग पुरानी सभ्यता की निशानियों का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह गुफाएँ 30 हजार साल पुरानी है। अगर आप जानना चाहते हैं कि हमारे पूर्वज कैसे रहते थे तो आप इन चित्रों को देखकर जान सकते हैं।
अजंता-एलोरा की गुफाएँ:
यह स्थान महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। इसमें अजंता में 29 बौद्ध गुफाएँ और कई हिंदू मंदिर मौजूद हैं। ये गुफाएँ अपनी चित्रकारी और अद्भुत मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं। अजंता-एलोरा की गुफाओं की यात्रा एक शानदार अनुभव है। यदि आप कलाप्रेमी हैं और पुरातनकाल की ऐतिहासिक धरोहरों व कलाकृतियों के प्रशंसक हैं तो अजंता-एलोरा आप के लिए एक बहुत अच्छा पर्यटन स्थल है।
बराबर गुफाएँ:
ऐसा कहा जाता है कि बिहार की यह गुफाएँ बेहद प्राचीन है और इन्हें मौर्यकाल में बनाया गया था। ग्रेनाइट चट्टानों को काटकर बनी इस गुफा के अंदर बोलने की भी आवाज गूंजती है। बरसात या सर्दियों में इन गुफाओं में घूमने का मजा दोगुना हो जाता है। यदि आप पुरातनकाल की ऐतिहासिक धरोहरों व कलाकृतियों के प्रशंसक हैं तो बराबर गुफाएँ आप के लिए एक बहुत अच्छा पर्यटन स्थल है।
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