पिथौरागढ़ का एक प्रसिद्द एवं रहस्यमयी गुफासमुह जहाँ निवास करते हैं 33 कोटि देवी देवता

Tripoto
Photo of पिथौरागढ़ का एक प्रसिद्द एवं रहस्यमयी गुफासमुह जहाँ निवास करते हैं 33 कोटि देवी देवता by Rishabh Bharawa

अगर आप देवभूमि उत्तराखंड में गए हुए हो तो यहाँ आकर एक बात तो आप जान गए होंगे कि यह भूमि ऐसी जगह हैं जहाँ आध्यात्म के साथ-साथ रोमांच का भी अनुभव मिलता हैं।कई लोग समझते हैं कि उत्तराखंड जाना मतलब पहाड़ों पर चढ़ना। लेकिन यहाँ एक ऐसी जगह भी मौजूद हैं जहाँ आपको पहाड़ों पर ना चढ़ कर ,पहाड़ के निचे बनी अँधेरी गुफा के अंदर उतरना होता हैं। आओ चलते हैं अल्मोड़ा से 100 किमी दूर स्थित पाताल भुवनेश्वर की यात्रा पर -

गुफा का प्रवेश द्वार हैं केवल चार फ़ीट चौड़ा :

Photo of पिथौरागढ़ का एक प्रसिद्द एवं रहस्यमयी गुफासमुह जहाँ निवास करते हैं 33 कोटि देवी देवता 1/5 by Rishabh Bharawa
Credit-navuttarakhand.com

पाताल भुवनेश्वर समुद्रतल से करीब 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कई भूमिगत गुफाओ का संग्रह हैं। गुफा के मुख्य द्वार तक पहुंचने के लिए आपको एक छोटे से, एक तरफ से पूरे घने वृक्षों से घिरे पैदल मार्ग का सहारा लेना पड़ता हैं। जिसमे एक तरफ कुछ धर्मशाला एवं रेस्टोरेंट भी बने मिलते हैं।लेकिन हाँ ,पाताल भुवनेश्वर गुफा दर्शन से पहले यहाँ के कुछ अन्य मंदिरों के भी दर्शन करने होते हैं यह बात पाताल भुवनेश्वर के पैदल मार्ग से पहले बने स्वागत मार्ग पर लिखी मिलती हैं। वृद्ध पाताल भुवनेश्वर मंदिर इनमे से एक हैं। यहाँ कुछ प्राचीन मूर्तियों के दर्शन किये जा सकते हैं। दर्शन करके आप पैदल रास्ते से गुफा के प्रवेश द्वार तक पहुंचते हैं ,जहाँ लॉकर में आपको आपके चप्पल ,जूते एवं मोबाइल कैमरा आदि बाहर ही रखने होते हैं।

Photo of पिथौरागढ़ का एक प्रसिद्द एवं रहस्यमयी गुफासमुह जहाँ निवास करते हैं 33 कोटि देवी देवता 2/5 by Rishabh Bharawa

मैं यहाँ अपनी कैलाश यात्रा के दौरान 55 लोगों के जत्थे के साथ गया था।इसका वर्णन मैंने 'चलो चले कैलाश ' के चैप्टर 12 में भी किया हुआ हैं। केवल हमारे दोनों लायजनिंग ऑफिसर्स को ही अंदर मोबाइल ले जाकर फोटोग्राफी की इजाजत मिली थी। करीब 4 फ़ीट चौड़े गुफा द्वार में झुक कर थोड़ा सा लेट कर प्रवेश होता हैं। आगे 90 फ़ीट निचे उतरने के लिए गुफा में लटकी हुई लोहे की जंजीरों को पकड़ कर अंदर उतरना होता हैं। निचे अँधेरे में उतरने के बाद कुछ सीढिया भी मिलती हैं। इस गुफा में यहाँ के गाइड टोर्च के माध्यम से आपको अनेक जगह के दर्शन करवाते हैं।

अंदर होते है कई भगवान और देवताओं के दर्शन लेकिन मिलती हैं ऑक्सीजन की कमी :

इसके अंदर उतरते ही कई लोगो को ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लग जाती हैं क्योकि हल्का सा सर दर्द महसूस होने लगता हैं। यहाँ का प्रसाशन हार्ट के मरीजों को अंदर कम समय ही रुकने की सलाह देता हैं। यह गुफा अपने आप में ही अंदर एक अलग दुनिया हैं। गुफा के अंदर ही अनेक छोटी छोटी गुफाये एवं रास्ते हैं जिसमे आप गाइड के साथ घूम कर यहाँ से जुडी कई प्रचलित कहानियों की जानकारी ले सकते हैं। बताया जाता हैं कि इसका जिक्र कई पुराणों में मिलता हैं। यहाँ एक शिवलिंग स्थापित हैं जो कि आदिशंकराचार्य जी द्वारा अपनी कैलाश यात्रा के दौरान स्थापित बताया जाता हैं।

Photo of पिथौरागढ़ का एक प्रसिद्द एवं रहस्यमयी गुफासमुह जहाँ निवास करते हैं 33 कोटि देवी देवता 3/5 by Rishabh Bharawa
Credit-Amarujala

इस गुफा में आप खुद को कई सारे देवी-देवताओं की प्रतीकात्मक शिलाओं, प्रतिमाओं व बहते हुए पानी के मध्य पाते हैं। यहाँ नीचे एक दूसरे से जुड़ी कई गुफ़ायें है जिन पर पानी रिसने के कारण विभिन्न आकृतियाँ बन गयी है जिनकी तुलना वहाँ के पुजारी अनेकों देवी देवताओं से करते हैं। ये गुफ़ायें पानी ने चूना पत्थर को काटकर बनाईं हैं।पूरी गुफा मे जगह जगह पानी रिसता हुआ दिखाई देता हैं।कई जगह फिसलन का भी डर रहता हैं। टोर्च के सहारे अंदर आपको शेषनाग ,ब्रम्हा ,विष्णु ,महेश,गणेश ,कामधेनु आदि भगवान के प्रतीकात्मक दर्शन करवाए जाते हैं जिसमे करीब 2 घंटे का वक़्त लगता है।

Photo of पिथौरागढ़ का एक प्रसिद्द एवं रहस्यमयी गुफासमुह जहाँ निवास करते हैं 33 कोटि देवी देवता 4/5 by Rishabh Bharawa

यहाँ से जुडी प्रचलित हैं कई कथाये :

जब आप यहाँ के बारे में जानकरी की तलाश करेंगे तो पाएंगे कि पाताल भुवनेश्वर से अलग अलग लोगों की अलग अलग मान्यताये हैं। जैसे कुछ लोग यहाँ का संबंधन लंकापति रावण से जोड़ते हैं।कुछ के अनुसार ,श्रीगणेश जी का सिर जब महादेव ने अलग कर दिया था तो उस अलग हुए सिर को इसी गुफा में रखा गया था। अंदर एक जगह जमीन से उभरी एक शिला को उसी सिर के रूप में पूजा जाता हैं। कुछ लोगों के अनुसार देवभूमि उत्तराखंड की इस जगह 33 करोड़ देवी देवता वास करते हैं ,हर एक देवता किसी ना किसी शिला के रूप में विद्यमान हैं। माना जाता हैं कि यही चारों धाम भी मौजूद हैं। इसी गुफा के एक मैदान में हनुमान जी एवं अहिरावण का युद्ध हुआ था ,ऐसा भी सुनने को मिलता हैं। गुफा दर्शन के बाद आप अपनी थकान बाहर पैदल मार्ग पर बने एक रेस्टॉरेंट में मिटा सकते हैं जो कि चारो तरफ कांच से बना हैं। यहाँ खड़े होकर पाताल भुवनेश्वर क्षेत्र के चारो ओर फैले जंगल एंड पहाड़ों को देखा जा सकता हैं। (वीडियो में देखे ) इसी रेस्टोरेंट में एक संग्राहलय की तरह कई सारे एंटीक सामानो का भी संग्रह हैं, जिनको चाय पीते पीते आप देख सकते हैं।

Photo of पिथौरागढ़ का एक प्रसिद्द एवं रहस्यमयी गुफासमुह जहाँ निवास करते हैं 33 कोटि देवी देवता 5/5 by Rishabh Bharawa

अन्य नजदीकी स्थल :चौकौरी ,अल्मोड़ा ,कोकिला देवी मंदिर ,गंगोलीहाट काली मंदिर।

कैसे पहुंचे : अल्मोड़ा से यहाँ आराम से सड़क मार्ग द्वारा पंहुचा जा सकता हैं। टनकपुर रेलवे स्टेशन यहाँ का नजदीकी स्टेशन एवं पंतनगर हवाई अड्ड़ा सबसे नजदीकी एयरपोर्ट हैं।

-ऋषभ भरावा (लेखक -'चलो चले कैलाश ')

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

अपनी यात्राओं के अनुभव को Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।

बांग्ला और गुजराती के सफ़रनामे पढ़ने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।

रोज़ाना Telegram पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।

Further Reads