प्रकृति के बीचों बीच चारों ओर के प्राकृतिक नज़ारों के साथ सुकून से बैठकर खुद को प्रकृति के बेहद करीब महसूस करने जैसी बातें तो आपने बहुत सुनी होगी लेकिन क्या आप कभी ऐसी किसी जगह गएँ हैं जहाँ आप सच में बेहद तेज़ बहती जलधारा के बीचों बीच बिना किसी डर के बैठे हों? चारों ओर घनी हरियाली के बीच इस तेज़ बहते पानी को एकदम करीब से देखना वाकई एक शानदार अनुभव होगा, है ना?
अगर ये पढ़कर आपका मन ऐसी किसी जगह जाने का हो गया है तो हम आपको बिलकुल इंतज़ार नहीं करवाने वाले हैं। इस लेख में हम आपको आज महाराष्ट्र में पुणे से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर ऐसी ही एक बेहद शानदार और खूबसूरत जगह के बारे में बताने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं...
कुंडमाला मंदिर और वॉटरफॉल
पुणे से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर मावल तालुका में स्थित एक छोटे से गाँव कुंड माला में इन्द्रयानी नदी पर एक बांध बना हुआ है। यह जगह चारों ओर एक बेहद शांति भरे वातावरण में प्राकृतिक खूबसूरती के बीच बसी है। मानसून के दौरान जब यह बांध पूरा भर जाता है तो बांध पर पानी की चादर चलने लगती है और बांध के ऊपर बहता पानी तेज़ धारा के साथ नीचे की ओर बनी चट्टानों पर गिरता है और सालों से गिरते नदी के इस पानी ने चट्टानों को इतनी खूबसूरती से काटा है की अब ये देखने के लिहाज़ से बेहद खूबसूरत दिखाई देती हैं।
और जब बात हो मानसून कि तो यह तेज़ बहती जल धाराएं वहीं इन चट्टानों को चीरती हुई वहां मौजूद एक मंदिर के चारों ओर से बहते हुए आगे निकलती हैं। खास बात यह है कि जब पानी का बहाव इतना ज्यादा होता है तब भी इस मंदिर में आप आसानी से पहुँच सकते हैं और यहाँ मंदिर में बैठकर माता के दर्शनों के साथ आप बगल में बहती नदी की उछलती धाराओं का अद्भुत नज़ारा भी देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे?
पुणे से कुंडमाला झरने तक पहुंचना बेहद आसान है। इसके लिए आप पुणे से मुंबई-पुणे हाईवे पर चलते हुए घोड़ादेश्वर से बस कुछ दूर पहले बेगड़ेवाड़ी रेलवे स्टेशन की तरफ दाहिने हाथ मुड़ जाएँ। फिर बेगड़ेवाड़ी स्टेशन से सिर्फ 1-2 किलोमीटर दूरी चलकर आप कुंडमाला मंदिर पहुँच सकते हैं। इसके अलावा दूसरा मार्ग भी है जिसमें आप तालेगांव दाभाड़े – चाकन रोड द्वारा भी पहुँच सकते हैं। उस मार्ग से यह वॉटरफॉल इंदुरी किले से सिर्फ 4 किमी की दूरी पर है। हमारी राय में आप मुंबई पुणे राजमार्ग से ही जाएँ।
टिकट और प्रवेश समय ?
इस झरने और डैम को देखने का कोई टिकट वगैरह नहीं है आप बिना किसी परेशानी के यहाँ प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेने कभी भी जा सकते हैं। साथ ही कोई प्रवेश का समय भी निश्चित नहीं है लेकिन अगर आप सुबह जल्दी या फिर शाम के समय जायेंगे तो यहाँ का नज़ारा और भी खूबसूरत लगने वाला है।
मंदिर तक कैसे पहुंचे और कोई खास सावधानियां?
जब आप कुंडमाला झरने के पास पहुँच जायेंगे तो आपको कुंडमाला माता मंदिर पानी के बीचों बीच खुद ही नज़र आ जायेगा। मंदिर तक पहुँचने के लिए नदी के एक तरफ सीधा रास्ता बना है और एक तरफ से एक पुल बना हुआ है जिसमें आप पैदल और दोपहिया वाहनों से जा सकते हैं। हालाँकि पुल का निर्माण काफी वर्षों पहले हुआ था तो इस पर चलना थोड़ा डरावना लग सकता है लेकिन बिना कोई परेशानी के आप मंदिर तक आसानी से पहुँच जायेंगे।
साथ ही आपको बता दें कि वैसे तो आपको यहाँ जाने के लिए कोई खास सावधानियां नहीं बरतनी पड़ेगी लेकिन बांध के उस तरफ जहाँ नदी की गहराई 20 फ़ीट बताई जाती है वहीं इस ओर करीब 5 फ़ीट गहरा पानी रहता है जहाँ काफी पर्यटक स्विमिंग करते हैं। लेकिन अगर पानी का बहाव बहुत तेज़ हो तो पानी में जाने को आप टाल सकते हैं।
वैसे भी मंदिर की खिड़कियों से इस तेज़ बहते पानी का नज़ारा ही यहाँ आपको बेहद सुकून और एडवेंचर से भरा अनुभव देने के लिए काफी रहेगा।
इसके अलावा आपको बता दें की यहाँ कुंड माला माता की बहुत मान्यता है और यहाँ की कुलदेवी भी कुंड माला माता ही हैं जिनके दर्शनों के लिए लोग दूर दूर से आया करते हैं। तो जब भी आप यहाँ जाएँ माता का आशीर्वाद जरूर लें और मंदिर के एक ओर शिवलिंग भी स्थापित हैं जहाँ आप जल अवश्य चढ़ाएं।
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