चित्रकूटः बुंदेलखंड का ये शहर घुमक्कड़ों के लिए बढ़िया ऑप्शन है

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Photo of चित्रकूटः बुंदेलखंड का ये शहर घुमक्कड़ों के लिए बढ़िया ऑप्शन है by Rishabh Dev

घुमक्कड़ी क्या है? उन जगहों पर जाना जिसके बारे हमने सुना है या फिर वो जहाँ कम लोग जाते हैं। कई बार ऐसा होता है कि नई जगह आपको नया अनुभव देती है, जिसके बारे में आपने सोचा भी नहीं था। जब बुंदेलखंड में घुमक्कड़ी की बात आती है हम ग्वालियर, झाँसी, ओरछा और खजुराहे को ही जेहन में ला पाते हैं। मगर बुंदेलखंड न तो इतने कम में समेटा जा सकता है और न ही बताया जा सकता है। आज हम ऐसे सफर पर चलते हैं जो आपको बुंदेलखंड के एक खूबसूरत शहर से रूबरू कराएगा, चित्रकूट।

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चित्रकूट दो राज्यों के दो जिलों में आता है। चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश के चित्रकूट और मध्य प्रदेश के सतना जिले में आता है। आप जब इंटरनेट पर चित्रकूट डालेंगे तो उसमें लिखा तो इस जगह के बारे में होगा लेकिन फोटो एक खूबसूरत वाटरफाॅल की दिखेगी। जबकि यहाँ तो कोई वाटरफाॅल नहीं है। माजरा ऐसा कि इस शहर के अलावा छत्तीसगढ़ में एक और चित्रकूट है, जहाँ पर चित्रकूट वाटरफाॅल्स है। जिसे भारत का नियाग्रा फाॅल भी कहते हैं। जिनको इस बारे में नहीं पता वे सोचते हैं कि वाटरफाॅल यहीं पर है। तो अगर आपको भी ये बात नहीं पता तो आज से अपनी इस कन्फ्यूजन को दूर कर लीजिए।

चित्रकूट के बारे में

ये शहर देश के प्राचीन और लोगों के लिए आस्था का एक केन्द्र है। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम जब वनवास के लिए निकले तो इसी जगह पर लंबे समय तक ठहरे। यहीं पर राम-भरत का मिलाप भी हुआ था। मगर ऐसा भी नहीं है कि ये शहर सिर्फ श्रद्धालुओं का ही चार धाम है। यहां चारों तरफ पहाड़, जंगल, गुफाएं और मंदाकिनी नदी घुमकक्ड़ों का मन मोह लेंगी। तो चलिए आज चित्रकूट के सफर पर चलते हैं।

क्या-क्या देखें?

1- गुप्त गोदावरी

चित्रकूट से लगभग 18 किमी. दूर है गुप्त गोदावरी। एक बहुत लंबी और चौड़ी गुफा है जिसमें हमेशा पानी बहता रहता है। कहा जाता है कि ये पानी गोदावरी का है। गुफा के अंत में गोदावरी कहीं गायब हो जाती है इसलिए इसे गुप्त गोदावरी कहते हैं। गुफा में काफी अंधेरा रहता है हालांकि अब लाइट लगा दी गई है। गुफा के अंदर बहुत ठंडक और सुकून मिलता है। चित्रकूट जाएँ तो इस जगह पर जाना न भूलें।

2- मंदाकिनी

Photo of चित्रकूट, Madhya Pradesh, India by Rishabh Dev

मंदाकिनी नदी गंगा का ही तरह ही पवित्र मानी जाती है। ये मंदाकिनी यमुना की सहायक नदी है। श्रद्धालु इसमें स्नान करने आते-रहते हैं। आपको यहाँ सुबह-शाम मंदाकिनी की आरती देखने को मिलेगी। इसके अलावा आप यहाँ के कीर्तनों को सुन सकते हैं। यहाँ का माहौल वैसा ही है जैसा बनारस के घाटों का होता है। आप बोट से इस नदी की सैर कर सकते हैं। जहाँ से घाटों को देखना काफी अच्छा लगता है।

3- रामघाट

मंदाकिनी नदी के किनारे बने बहुत सारे घाटो में से एक है रामघाट। इस घाट के बारे में कहा जाता है कि भगवान राम यहीं पर स्नान किया करते थे। श्रद्धालुओं के लिए ये जगह काफी मायने रखती है। इसके अलावा यहीं पास में ही भरत घाट भी है। बोट से आप सारे घाटों को देख सकते हैं।

4- कामदगिरी

श्रेय: मोहन।

Photo of कामदगिरी मंदिर, Kamta Mohalla, Sitapur, Chitrakoot, Madhya Pradesh, India by Rishabh Dev

चित्रकूट में एक पर्वत है कामदगिरी। इस पहाड़ के तल पर एक मंदिर है कामतानाथ मंदिर। लोग 5 किमी. पैदल चलकर इस मंदिर में जाते हैं। जो एडवेंचर करने के शौकीन हैं उनके लिए ये पहाड़ किसी ट्रेकिंग से कम नहीं है। इस पहाड़ से मनोरम दृश्य दिखाई देता है। एक घुमक्कड़ के लिए इससे बड़ी बात क्या होगी कि शहर को सबसे ऊंची जगह से देखा। इस पर्वत पर एक झील भी है जो लोगों को लुभाती है। इस जगह के बारे में एक कहा जाता है कि इस सृष्टि की रचना के लिए भगवान ब्रह्मा ने इसी जगह पर यज्ञ किया था।

5- हनुमान धारा

ये जगह चित्रकूट से लगभग 5 किमी. दूर एक जंगल में पहाड़ी पर स्थित है। इस जगह पर पहुंचने के लिए 360 सीढ़ियों को चढ़कर जाना होता है। इस जगह के बारे में कहा जाता है कि जब हनुमान लंका जलाकर वापस आए तो उनको गुस्सा कम नहीं हो रहा था। तब भगवान ने उनको इस जगह पर डुबकी लगाने का आदेश दिया। इसी वजह से इस जगह को हनुमान धारा कहा जाता है। यहाँ पर हनुमान जी की 100 मीटर ऊंची मूर्ति है। यहां से चित्रकूट और भी खूबसूरत दिखाई पड़ता है।

6- वाल्मीकि आश्रम

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चित्रकूट में वाल्मीकि आश्रम भी देखे जाने वाली जगह है। वाल्मीकि वही ऋषि हैं जिन्होंने रामायण लिखी है। जब सीता को भगवान राम ने त्याग दिया तो वे इसी आश्रम में रहीं थीं। ये जगह मंदाकिनी नदी के किनारे एक पहाड़ी पर है। चित्रकूट से इलाहाबाद की रोड की ओर 18 किमी. की दूरी पर ये जगह पड़ती है। यहाँ पर वाल्मीकि मंदिर भी है। इसके अलावा पहाड़ी के उपर इस जगह को देखना सुकून देता है। यहाँ शांति इतनी के आपको हवा भी सुनाई देती है। चित्रकूट आएँ तो इस सुकून भरी जगह पर जाना न भूलें।

7- चित्रकूट के अन्य स्थान

चित्रकूट के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है। इन जगहों के अलावा भी यहाँ देखने को बहुत कुछ है। आप यहाँ पर जानकी कुंड, भरत कूप, लक्ष्मण की चौकी, परम कुटी और स्फटिक शिला देखने लायक है। हर एक जगह के बारे में कुछ न कुछ कहानी जुड़ी हुई है। इसके अलावा शहर से बाहर आप यहाँ के जंगल देख सकते हैं। आपको शबरी फाॅल देखने जाना चाहिए। चित्रकूट से लगभग 280 किलोमीटर दूर ये फाॅल जमुनीहाई गाँव के पास मंदाकिनी नदी के उद्गम स्थान पर है। आप प्रकृति के बीच इस झरने को देखकर खुशी से खिल पड़ेंगे।

8- पन्ना नेशनल पार्क

ये मध्य प्रदेश का फेमस वाइल्डलाइफ पार्क है। आप यहाँ प्रकृति के खूबसूरत नजारों का अनुभव कर सकते हैं। आपको यहाँ कई प्रकार के जानवर देखने को मिल सकते हैं। इस पार्क में चीता, शेर, हिरण, हाथी बाघ सफारी में अक्सर दिखाई देते हैं। अगर आपको वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी करना पसंद है तो आपके लिए ये जगह परफेक्ट है। पन्ना नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के छतरपुर में है। ये जगह चित्रकूट की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है।

कहाँ ठहरें?

चित्रकूट बुंदेलखंड का एक बड़ा और प्रमुख शहर है। अगर आप यहाँ आते हैं तो ठहरने की जगह ढूढ़ने में कोई दिक्क्त नहीं आएगी। यहाँ पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने ठहरने के लिए बेहतरीन बंगले बनवाए हैं। इसके अलावा यहाँ पर जगह-जगह पर आश्रम और मठ मिल जाएंगे। जहाँ आप बिना पैसे या बहुत कम पैसे में ठहर सकते हैं। अगर आप बेहतरीन सुविधा वाली जगह पर ठहरना चाहते हैं तो यहाँ पर होटल और लाॅज भी मिल जाएंगे।

कैसे पहुँचे?

चित्रकूट आप सड़क, रेल और हवाई मार्ग से पहुँच सकते हैं। अगर आप फ्लाइट से जाने की सोच रहे हैं तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इलाहाबाद है। इलाहाबाद से चित्रकूट 125 किमी. की दूरी पर है। यहां से आप बस या टैक्सी से चित्रकूट पहुंच सकते है। अगर आप चित्रकूट ट्रेन से आने की सोच रहे हैं तो सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कर्वी है। जो चित्रकूट से केवल 8 किमी. की दूरी पर है। आप कर्वी से टैक्सी लेकर चित्रकूट पहुंच सकते हैं। उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों से चित्रकूट के लिए बसें चलती हैं। दिल्ली से भी चित्रकूट के लिए बस चलती है। अगर आप खुद की गाड़ी से चित्रकूट जा रहे हैं तब भी आपको चित्रकूट पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

क्या आप कभी चित्रकूट यात्रा पर गए हैं? अपने सफर का अनुभव यहाँ लिखें।

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