बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा इन दिनों शिमला की खूबसूरत वादियों में रिलैक्स कर रही हैं और पहाड़ी कल्चर को इंजॉय कर रही हैं। उनके साथ उनके पति और बच्चे भी हिमाचल प्रदेश पहुंच चुके हैं। प्रीति जिंटा अपने पति जीन गुडइनफ के साथ हाटेश्वरी माता मंदिर में दर्शन करने पहुंची थीं। साथ ही, उन्होंने अपने पति की भी कुछ तस्वीरें पोस्ट की जिसमें वह पारंपरिक हिमाचली टोपी पहने नजर आ रहे हैं। प्रीतिं जिंटा शिमला जिले की रहने वाली हैं। शादी से लेकर अन्य सभी संस्कारों को हिमाचली रीति रिवाजों से करवाने को तरजीह पहले भी देती रही हैं। इसी तरह से इन्होंने अपने बेटे जिम व बेटी जिया के मुंडन संस्कार भी करवाए।
हाटेश्वरी माता मंदिर की मान्यता
हाटकोटी हिमाचल प्रदेश के पब्बर नदी के किनारे बसा एक प्राचीन गांव है। इस गांव में हाटेश्वरी माता का मंदिर है। ये मंदिर काफी फेमस है और इसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। मंदिर के गर्भगृह में हाटेश्वरी माता की मूर्ति है, जो महिषासुर का वध कर रही हैं। मूर्ति की ऊंचाई 1.2 मीटर है। ये मूर्ति 7वीं शताब्दी की बनी हुई है। मूर्ति के 8 हाथ हैं। माता के बाएं हाथ में महिषासुर का सिर है। बताया जाता है कि माता का दाहिना पैर भूमिगत है। माता के एक हाथ में चक्र और बाएं हाथों में से एक में रक्तबीज है। गर्भगृह की मूर्ति के दोनों तरफ 7वीं और 8वीं शताब्दी के अघोषित अभिलेख हैं।
हाटेश्वरी माता मंदिर का इतिहास
इस मंदिर की कहानी महाभारत काल के पांडवों से जुड़ी है। हाटेश्वरी माता मंदिर परिसर में 5 छोटे मंदिर हैं। इन छोटे मंदिरों में शिव की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि इन मंदिरों को पांडवों ने बनाया था।इसे पांडवों का खिलौना या 5 पांडव भाइयों के खिलौनों का घर कहते हैं। इन मंदिरों के बाहर गरुड़ पर विष्णु और लक्ष्णी, दुर्गा और गणेश की प्रतिमाएं बनी हुई हैं।
शिव मंदिर और हाटेश्वरी मंदिर के बीच भंडार है। इसमें फेस्टिवल के दौरान इस्तेमाल होने वाली चीजें हैं। इसके अलावा भक्तों के इकट्ठा होने के लिए एक सुंदर बैठक है।
हाटेश्वरी माता मंदिर की वास्तुकला
हाटकोटी मंदिर शिमला से करीब 130 किलोमीटर और रोहड़ू से 14 किलोमीटर दूर है। माना जाता है कि हाटेश्वरी मंदिर 9वीं-10वीं शताब्दी बनाया गया था। मंदिर पिरामिडनुमा बना है। इसमें संगमरमर की अमलका और एक सुनहरे रंग का कलश है। असली कलश मंदिर परिसर के इंट्री गेट पर रखा गया है। मंदिर के चारों तरफ लकड़ी और पत्थर की दीवार बनाई गई है।
मंदिर में रखे तांबे के बर्तन की पीछे का रहस्य
हाटेश्वरी माता के गर्भगृह के इंट्री गेट के पास एक विशाल तांबे का बर्तन है, जिसे जंजीर से बांधा गया है। इसको लेकर एक कहानी फेमस है। बताया जाता है कि एक पुजारी जब मंदिर परिसर में सो रहा था तो गड़गड़ाहट की आवाज से उनकी नींद खुल गई। बाहर मूसलाधार बारिश हो रही थी। जब वो बाहर निकला और देखा तो नदी में दो बड़े तांबे के बर्तन बह रहे थे। पुजारी ने बर्तनों को निकाला और उसे देवी को अर्पित कर दिया। बताया जाता है कि जब अगली बार बारिश हुई तो एक बर्तन नदी में बह गया। इसके बाद दूसरे बर्तन को जंजीर से बांध दिया गया। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि अगर फसल बोते समय वो खोए बर्तन की तलाश करते हैं तो फसल अच्छी होती है।
प्रीति जिंटा की तस्वीरों पर लोग बरसा रहे हैं प्यार
प्रीति जिंटा की इन तस्वीरों पर लोग जमकर प्यार बरसा रहे हैं। लोग उनकी सिंपलिसिटी की तारीफ कर रहे हैं। लोग इन तस्वीरों पर जमकर कमेंट्स कर रहे हैं। ट्विटर पर उसी के बारे में एक पोस्ट शेयर करते हुए प्रीति जिंटा ने लिखा था- जब मैं एक छोटी बच्ची थी तो मैं अक्सर हिमाचल प्रदेश के हाटेश्वरी माता मंदिर जाती थी। इस मंदिर ने मेरे बचपन में एक बड़ी भूमिका निभाई है और मैंने हमेशा इससे बहुत जुड़ाव महसूस किया है। अब जब मैं खुद एक मां बन गई हूं तो यह स्वाभाविक है कि मेरे बच्चों को भी मैं इस मंदिर में ले जाऊं।
प्रीति जिंटा ने आगे लिखा है- मेरे बच्चे पहली बार जिस मंदिर में गए वह अविश्वसनीय और प्राचीन मंदिर था। मैंने इसी झलक शेयर की है। मुझे यकीन है कि जय और जिया को ये सफर याद नहीं रहेगा इसलिए हमें फिर से वापस आना होगा क्योंकि मां मुझे फिर से बुलाएगी। जय मां दुर्गा-जय महिषासुरमर्दिनी। आप में से किसी को भी घूमने का मौका मिले तो प्लीज इसे मिस न करें। यह जादुई, रहस्यमय और आश्चर्य से भरा हुआ है। बाद में आप मुझे इसके लिए धन्यवाद देंगे।
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