हिम्मत है तो मेघालय में मौजूद रोंगटे खड़े कर देने वाली इस गुफा में जाने का बनाओ प्लान!

Tripoto
Photo of हिम्मत है तो मेघालय में मौजूद रोंगटे खड़े कर देने वाली इस गुफा में जाने का बनाओ प्लान! 1/7 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

कल्पना कीजिए आप पतली सी अंधेरी गुफा में आस पास की दीवारों को छूकर रास्ता ढूँढने की कोशिश कर रहे है | आपके रास्ते में कभी पानी आता है तो कभी चट्टान | अंधेरा इतना है कि हाथ को हाथ नहीं दिख रहा | मगर आप चले जा रहे हैं, बाहर की ओर, रोशनी की खोज में | अगर ये पढ़ कर आप उत्साहित हो गए हैं तो केविंग की रोमांचकारी गतिविधि सिर्फ़ आप जैसे शेरदिल लोगों के लिए ही बनी है | केविंग एक रोमांचकारी खेल है जिसकी दुनिया, धरती की परतों के नीचे अंधेरे और सन्नाटे में बसती है | पृथ्वी के गर्भ में स्थित इस अंधेरी दुनिया के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं और यहाँ आपको देखने को क्या मिल सकता है कौन ही जाने !

मगर एक बात तो तय है | इस रोमांचकारी गतिविधि में शामिल होने वाले भी दिल से मज़बूत और साहसी होते है | सौभाग्य से हमारे अपने देश भारत में कुछ ऐसी जगहें है जहाँ आप केविंग का मज़ा तो ले ही सकते हैं साथ ही गुफ़ाओं में स्थित प्रकृति की कई दिलचस्प संरचनाओं और जीवाश्मों का दीदार भी कर सकते हैं |

कहाँ है ?

सिजु गुफायें

भारत के उत्तर पूर्व में स्थित मेघालय में देश की सबसे अच्छी केविंग की जगहों में से कुछ मौजूद हैं | हरे भरे पर्वतों की विशाल शृंखलाओं और प्यारे झरनों से संपन्न मेघालय में रोमांचक खेलों के शौकीनों के लिए बहुत सी सौगाते हैं | भारत की तीसरी सबसे लंबी गुफा सिजु गुफ़ाओं के नाम से मेघालय के बाघमारा के पास स्थित है | सिमसंग नदी के किनारे और नाफक झील के पास बसे सीजू गाँव के पास ही स्थित हैं सीजू गुफाएँ जिन्हें मेघालय का गौरव भी कहा जाता है | बाघमारा से 30 कि.मी. की दूरी पर स्थित ये गुफाएँ भारत की पहली चूना पत्थर से बनी गुफाएँ हैं |

आख़िर क्या ख़ास बात है सीजू गुफ़ाओं की?

1. भूल भुलैया जैसी संकरी गुफ़ाओं से अपना रास्ता बनाने का रोमांच

Photo of हिम्मत है तो मेघालय में मौजूद रोंगटे खड़े कर देने वाली इस गुफा में जाने का बनाओ प्लान! 2/7 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

विशेषज्ञ इस 4772 मीटर लंबी गुफ़ाओं के एक बड़े हिस्से की आज भी खोजबीन नहीं कर पाए हैं| जैसे जैसे आप गुफा में आगे बढ़ते हैं, रोज़मर्रा की भीड़भाड़ और बाहरी दुनिया का शोर पीछे छूटता जाता है |

2. चूना पत्थर से बनी स्टेलेकटाइट और स्टेलेगमाइट की सुंदर संरचनायें देखने का उत्साह

Photo of हिम्मत है तो मेघालय में मौजूद रोंगटे खड़े कर देने वाली इस गुफा में जाने का बनाओ प्लान! 3/7 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

सिमसंग नदी की सहायक धारायें भी सीजू की गुफ़ाओं के ऊपर से हो कर गुज़रती हैं और इन छोटी छोटी धाराओं के तल के नीचे ही ये गुफाएँ स्थित हैं |

3. गुफा तक पहुँचने के लिए आपको दो पहाड़ियों के शिखर को जोड़ती रस्सी से बने पुल को पार करना पड़ेगा जो आपके अंदर छुपे साहसिक व्यक्ति के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है |

Photo of हिम्मत है तो मेघालय में मौजूद रोंगटे खड़े कर देने वाली इस गुफा में जाने का बनाओ प्लान! 4/7 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

ये रस्सियों से बना पुल किसी झूले की तरह दायें बायें डोलता रहता है जो पुल पार करने के रोमांच को दोगुना बना देता है |

4. गुफा में रहने वाले हज़ारों चमगादड़ के बीच घिरे होने का रोमांच जो शायद ही ज़िंदगी में कभी और नसीब हो |

Photo of हिम्मत है तो मेघालय में मौजूद रोंगटे खड़े कर देने वाली इस गुफा में जाने का बनाओ प्लान! 5/7 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

चमगादड़ों की बहुतायत होने की वजह से इस गुफा को चमगादड़ों की गुफा या दोबक्कोल भी कहते हैं | इतने अधिक संख्या में चमगादड़ होने के बावजूद इस गुफा की सैर करना सैलानियों के लिए एक सुरक्षित अनुभव ही रहेगा |

कैसे पहुँचें?

हवाई मार्ग से : तुरा से 200 कि.मी. की दूरी पर निकटतम हवाई अड्डा गुवाहाटी में स्थित है | गुवाहाटी से तुरा और आगे आने वाले अन्य देखने योग्य स्थलों के लिए टैक्सी आसानी से उपलब्ध है |

रेल मार्ग से: तुरा से लगभग 200 कि.मी. की ही दूरी पर निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी में स्थित है | यह रेलवे स्टेशन भारत के अधिकतम मुख्य रेलवे स्टेशनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग से: गुवाहाटी से तुरा तक चलने वाली बसें गुवाहाटी बस अड्डे से रात भर उपलब्ध हैं | यह सड़क के माध्यम से उत्तर पूर्व के शहरों से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

तुरा से गुफ़ाओं तक जाने वाले रास्ते का अंतिम हिस्सा काफ़ी ख़तरनाक है इसलिए आगे जाने के लिए कोई चौपहिया वाहन किराए पर करने की सलाह दी जाती है |

क्या खाएँ और कहाँ रहें ?

Photo of हिम्मत है तो मेघालय में मौजूद रोंगटे खड़े कर देने वाली इस गुफा में जाने का बनाओ प्लान! 6/7 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

अगर आप गुफ़ाओं में घूमने आए हैं तो ठहरने की सबसे अच्छी जगहें आपको गुफ़ाओं से लगभग 132 कि.मी. दूर तुरा में मिलेंगी | वन विभाग एवं स्थानीय सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्राम घर भी आपको तुरा में ही मिल जाएँगे जिन्हें आप ठहरने के लिए पहले ही बुक करवा सकते हैं |

भोजन के लिए आप स्थानीय लोगों से संपर्क कर सकते हैं जो यहाँ की ख़ास शैली में घर का पका स्वादिष्ट शाकाहारी या माँसाहारी खाना आपको उपलब्ध करवा देंगे | इन स्थानीय लोगों के हाथ से बना अलग ही तरह के खाने का स्वाद चखना भी अपने आप में एक ख़ास अनुभव है | यहाँ के कुछ मुख्य व्यंजन में बंबू शूट का खूब इस्तेमाल करते हैं और साग भाजी में पोटाश डाला जाता है | फिर भी अगर चाहें तो आप अपना खाना खुद भी ले कर चल सकते हैं |

यात्रा करने का सबसे अच्छा समय

हालांकि साल के अधिकतर महीने यहाँ जाने का अच्छा समय है, फिर भी दिसंबर से मार्च के महीने में जाना सबसे सही रहेगा | चूँकि गुफ़ाओं में पानी और फिसलन रहती है, इसलिए मॉनसून में यहाँ ना जाने में ही भलाई है |

ज़रूरी सावधानियाँ

- गुफा की भूल भुलैया में सुरक्षित रूप से सैर करने के लिए गुफा के मुहाने पर मौजूद स्थानीय लोगों की मदद और मार्गदर्शन लेने की सलाह दी जाती है |

- यात्रा का बेहतर तरीके से आनंद लेने के लिए मशाल, पानी, भोजन और अतिरिक्त बैटरी जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की चीज़ें साथ ले जायें |

- बढ़िया वाटरप्रूफ जूतों की एक जोड़ी पहने और अपने साथ एक जोड़ी कपड़े और ले लें क्योंकि गुफा में कई जगह पानी घुटनों तक या कभी कबार और ऊँचाई तक आ जाता है |

आसपास के आकर्षण

Photo of हिम्मत है तो मेघालय में मौजूद रोंगटे खड़े कर देने वाली इस गुफा में जाने का बनाओ प्लान! 7/7 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

- पास ही स्थित बाघमारा वन रिज़र्व में जा सके हैं और यहाँ के शांत और सहज माहौल में वन्यजीवों और पशु पक्षियों को अपने प्राकृतिक परिवेश में चहलकदमी करते देख सकते हैं | चाहें तो 872 मीटर ऊँची तुरा चोटी भी देख सकते हैं |

क्या आप किसी ऐसी किसी जगह गए हैं जो अन्य जगहों से ज़रा हट कर थी ? अपने अनुभव और कहानियाँ Tripoto पर लिखें और अपने जैसे साथी सैलानियों के साथ बाँटें|

ये आर्टिकल अनुवादित है, ओरिजिनल आर्टिकल के लिए यहाँ क्लिक करें

Further Reads