हम सभी जानते हैं कि हमारे देश का पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश पर्यटकों की लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। इस दिव्य भूमि को प्रकृति ने भरपूर सुंदरता प्रदान की है जिसको अनुभव करने देश विदेश से लाखों पर्यटक हर वर्ष हिमाचल की यात्रा करते हैं। पर्यटन की दुनिया में बेहद लोकप्रिय इस प्रदेश को देव-भूमि के नाम से भी जाना जाता हैं जहाँ अनेकों धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थान भी हैं जिनसे लोगों की अटूट शृद्धा जुड़ी है। इस अद्भुत प्रदेश में स्थित अनेकों मंदिरों का इतिहास सैंकड़ों या हज़ारों वर्षों पुराना है और एक बात जो इन मंदिरों को बाकी प्रदेशों में स्थित मंदिरों से अलग बनाती है वो हैं इन मंदिरों का स्थान और वहां चारों और दिखने वाली प्राकृतिक खूबसूरती।
आज के इस लेख में हम आपको हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन मनाली के बेहद पास महादेव के बेहद प्राचीन मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जो कि पहाड़ी की एक चोटी पर प्राकृतिक रूप से बने घास के मैदान के बीचों-बीच स्थित है। यहाँ महादेव के दर्शनों का लाभ लेने के साथ ही चारों तरफ का बेहद शानदार नज़ारा भी आपकी इस यात्रा को हमेशा के लिए यादगार बना देगा। तो चलिए बताते हैं आपको इससे जुड़ी पूरी जानकारी...
बिजली महादेव, कुल्लू
जिस अद्भुत मंदिर की हम इस लेख में बात कर रहे हैं वो हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है। बिजली महादेव कुल्लू शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर कुल्लू घाटी के खूबसूरत गाँव काशवरी में स्थित है। बताया जाता है कि मंदिर समुद्रतल से करीब 7874 फ़ीट (2400 मीटर) की ऊंचाई पर एक पहाड़ी चोटी पर स्थित है और यहाँ आस-पास के सभी लोगों में एक बड़ी आस्था का केंद्र है। इस पहाड़ी की चोटी पर एक विशाल घास का मैदान है और उसके बीच में प्राचीन हिमाचली शैली में बने सुन्दर मंदिर में स्थापित हैं बिजली महादेव। मंदिर से नीचे चारों तरफ के खूबसूरत नज़ारों के साथ आप पार्वती और ब्यास नदी के संगम का अद्भुत नज़ारा भी देख सकते हैं और असीम शांति और भरपूर सकारात्मक ऊर्जा को अनुभव भी कर सकते हैं।
मंदिर से जुड़ा रहस्य
बिजली महादेव धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और पौराणिक स्थान है ये तो हमने आपको बता दिया लेकिन क्या आप जानते हैं की बिजली महादेव से जुड़ा एक अनूठा रहस्य भी है। बताया जाता है कि इस पौराणिक मंदिर में शिवलिंग पर हर 12 वर्षों में एक बार बिजली गिरती है। और इस प्राकृतिक घटना से शिवलिंग को भी नुक्सान पहुंचता है। फिर मंदिर के पुजारी शिवलिंग पर मक्खन का लेप लगाते हैं और यही मक्खन मरहम का काम करता है और मान्यतानुसार शिवलिंग चमत्कारिक रूप से पहले जैसा हो जाता है। बिजली महादेव से जुड़ी ये चमत्कारिक बात हर किसी को स्वयं महादेव के यहाँ निवास करने का विश्वास दिलाती है।
मंदिर के चारों तरफ है वॉलपेपर जैसा नज़ारा
जैसा कि हमने आपको बताया कि इस मंदिर के चारों तरफ प्राकृतिक रूप से बना घास का विशाल मैदान है। साथ ही इस घास के मैदान के बीच में एक बड़ा जलाशय भी है और हरियाली से भरी पहाड़ी के चारों तरफ बर्फ से ढकी ऊँची-ऊँची बर्फ की चोटियों और अन्य देवदार के पेड़ों से भरी पहाड़ियों के सुन्दर नज़ारे दिखाई देते हैं। सर्दियों के मौसम के अलावा मंदिर के चारों तरफ पहाड़ी पर दूर-दूर तक हरी-भरी घास फैली दिखती है और साथ में घास चरने आयीं सैंकड़ों भेड़-बकरियाँ और कुछ घोड़े वास्तव में इस नज़ारे को किसी वॉलपेपर में देखे दृश्य जैसा बना देते हैं। यही नहीं यहाँ से नीचे की तरफ आपको कुल्लू जिले में ब्यास नदी किनारे स्थित भुंतर एयरपोर्ट और साथ ही पार्वती व ब्यास नदी के संगम का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है जिसको देखते हुए मखमली घास पर बैठे-बैठे कब आप यहाँ घंटों बिता देंगे इसका आपको पता भी नहीं चलेगा।
इसके अलावा मंदिर के चारों तरफ पहाड़ी पर लहराते रंग-बिरंगे झंडे और बड़े-बड़े त्रिशूल भी इस स्थान पर बिताये आपके हर पल को खास बना देते हैं।
बिजली महादेव कैसे पहुंचे?
बिजली महादेव पहुँचने के लिए आप देश के किसी भी कोने से पहले कुल्लू शहर पहुँच सकते हैं। कुल्लू में एयरपोर्ट है कुल्लू शहर से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर भुंतर में स्थित है जो कि दिल्ली, चंडीगढ़ और शिमला से जुड़ा है। इसके अलावा कुल्लू से निकटतम रेलवे स्टेशन 100 किलोमीटर दूर जोगिन्दर नगर रेलवे स्टेशन है जो कि एक छोटा स्टेशन है तो अगर आपके शहर से यहाँ के लिए ट्रेन न मिले तो कुल्लू से करीब 160 किलोमीटर दूर किरतपुर या फिर 240 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन तक पहुँच सकते हैं। दोनों शहरों से कुल्लू के लिए आपक आसानी से बस या टैक्सी मिल जाएगी। इसके अलावा खुद के वाहन से आप आसानी से देश में कहीं से भी सड़क मार्ग से कुल्लू पहुँच सकते हैं।
फिर कुल्लू पहुंचकर आप भुंतर के पास मणिकर्ण मार्ग से होते हुए फिर भरैण मार्ग पर चलकर बिजली महादेव मंदिर ट्रेक के शुरूआती पॉइंट तक पहुँच सकते हैं। हालाँकि भरैण को जाती सड़क काफी संकरी है और यहाँ से ट्रेक भी थोड़ा मुश्किल है जिस वजह से हम सुझाव देंगे कि आप कुल्लू से कुछ आगे मनाली की तरफ जाने वाले रास्ते पर ब्यास नदी पर बने पुल के नीचे से जाते हुए बिजली महादेव मार्ग से मंदिर के ट्रेक के शुरूआती पॉइंट पॉइंट तक जाएँ। इस पुरे रास्ते में आपको कई गाँव मिलेंगे साथ ही इस सड़क की चौड़ाई भी भरैण सड़क से अधिक है जिससे अगर आप खुद के वाहन से यहाँ जाते हैं तो भी आपको परेशानी नहीं होने वाली।
बिजली महादेव मार्ग से आप जब आप ट्रेक के शुरूआती पॉइंट तक पहुँच जायेंगे वहां वाहन पार्क करके आप सीढ़ियों के सहायता से मंदिर की तरफ बढ़ सकते हैं। ट्रेक की कठिनाई औसत दर्जे की है जिसे पूरा करने में आपको एक से डेढ़ घंटे का समय लग सकता है।
ट्रेक के दौरान मिलने वाली सुविधाएँ
आपको बता दें कि बिजली महादेव मार्ग पर आपको गाँवों में अनेकों दुकाने मिल जाएगी जहाँ से आप खाने-पीने की चीजे खरीद सकते हैं। साथ ही ट्रेक के शुरूआती पॉइंट पर पहुँचने के बाद वाहन कुछ पेड पार्किंग आपको मिल जाएगी और वहीं पर कुछ रेस्टोरेंट और छोटे कैफ़े भी आपको मिल जायेंगे जहाँ ट्रेक से पहले आप कुछ नाश्ता वगैरह कर सकते हैं। फिर ट्रेक पर करीब मध्य बिंदु पर एक ढाबा मिलेगा और उसके अलावा कोई दुकान वगैरह या टॉयलेट की सुविधा नहीं मिलने वाली है तो उसके अनुसार ही आप ट्रेक की शुरुआत करें। फिर मंदिर तक पहुँचने पर आपको पीने का पानी, टॉयलेट की सुविधा मिल जाएगी। इसके अलावा कुछ ढाबे भी आपको दिखेंगे जहाँ आप पराठें, मैगी या फिर चाय वगैरह ले सकते हैं।
तो इस तरह आपको अगर मनाली या कुल्लू के पास महादेव के दर्शनों के साथ बेहद शांति और सुन्दर प्राकृतिक नज़ारों से घिरी जगह जाना चाहते हैं तो आपको बिजली महादेव मंदिर जरूर जाना चाहिए। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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