बिहार है भारतीय सभ्यता का केन्द्र, यहाँ की 8 सबसे ऐतिहासिक जगहें

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Photo of बिहार है भारतीय सभ्यता का केन्द्र, यहाँ की 8 सबसे ऐतिहासिक जगहें by Rishabh Dev

बिहार में ही बहार है। भारत के हर राज्य को हम खूबसूरत कहते हैं लेकिन पता नहीं बिहार की गलत छवि क्यों बनी हुई है जबकि बौद्ध और महान राजाओं की ये धरा रही है।

जहाँ के राजाओं ने भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में अपना परचम लहराया। चन्द्र्रगुप्त मौर्य, अशोक और शेरशाह सूरी ने इसी प्रदेश से अपनी विजयगाथा लिखी।

बिहार सबसे एतहासिक प्रदेशों में से एक है। इसे भारतीय सभ्यता का केन्द्र माना जाता है। यहीं पर नालंदा और तक्षशिला विश्विद्यालय थे।

जहाँ पूरी दुनिया के लोग पढ़ाई करने आते थे। इसी भारतीय सभ्यता के केन्द्र को लोग भूलने लगे हैं। वे नहीं जानते कि बिहार को समझना है तो यहाँ जाना पड़ेगा।

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इंटरनेट नहीं बता सकता बिहार कितना खूबसूरत है? इंटरनेट को नहीं बता पाया है कि आज भी वो एतहासिक जगह हैं।

जिसे देखकर आप कह उठेंगे बिहार में तो सच में बिहार है। बिहार में बहुत सारी एतहासिक जगहें हैं।

जिनमें कुछ के बारे में लोगों को पता है तो कुछ के बारे में सुना भी नहीं है।

हमने बिहार की ऐसी ही कुछ एतहासिक जगहों की लिस्ट बनाई है जहाँ हर किसी को एक बार जरूर जानी चाहिए।

बिहार पहले कितना समृद्ध था, ये आपको इन जगहों पर ही आकर समझ आएगा।

1- नालंदा

नालंदा बिहार की सबसे ऐतहासिक जगहों में से एक है। कहते हैं कि ऐसा विश्वविद्यालय पूरी दुनिया में नहीं था। लोग दूर-दूर से यहाँ पढ़ने आते थे। नालंदा संस्कृत शब्द नालमदा से बना है। नालम का अर्थ कमल होता है। कमल ज्ञान का प्रतीक है और दा ज्ञान देने वाली। इस विश्वविद्यालय को कुमारगुप्त ने बनवाया था। बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय पर हमला करके इसमें आग लगा दी। जिस वजह से आज शिक्षा का ये गढ़ एक खंडहर के समान है। राजधानी पटना ने 95 किमी. दूर ये जगह हर भारतीय को देखनी चाहिए। ये खंडहर हमारे प्राचीन वैभव की दास्तां बयां करते हैं।

2- गोलघर

बिहार राजधानी पटना का गोलघर आज पर्यटकों का बड़ा केन्द्र है, पटना की एक पहचान गोलघर से भी की जाती है। आधुनिक पटना की पहचान बना गोलघर इतिहास के सुनहरे पन्नों में कैद है। बिहार में 1770 में भयंकर सूखा पड़ा था. भविष्य में ऐसा न हो इसको देखते हुए 1786 में इस गोलघर को तत्कालीन गर्वनर जनरल वाॅरेन हेस्टिंग ने बनवाया था। 125 मीटर लंबा और 29 मीटर ऊँचा इस गोलघर में 1 लाख 40 हजार टन अनाज रखा जा सकता है। गोलघर में हर जगह ईंटों का प्रयोग हुआ है लेकिन शिखर पत्थर का बना हुआ है। बाद में ये जगह खंडहर होने लगी थी लेकिन 1979 में ऑर्कोलोजी विभाग ने संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया। बिहार घूमने आएं तो गोलघर जरूर देखें।

3- रोहतासगढ़ किला

रोहतास बिहार की सबसे खूबसूरत जगहाें में से एक है। इस रोहतास में ऐतहासिक रोहतासगढ़ किला है। कहते हैं कि इस किले को राजा हरश्चिन्द्र के बेटे रोहिताश्रव ने बनवाया था। इसी किले के नाम पर इस जगह का नाम रोहतास पड़ गया. पहले यहाँ रोहतास सरकार हुआ करती थी बाद में अंग्रेजों का इस बपर कब्जा हो गया। अंग्रोजों ने इस किले को तहस-नहस कर दिया लेकिन आज ये जितना भी बचा है बेहद खूबसूरत है। रोहतास किला जितना पुराना है उसके आसपास उतनी ही खूबसूरती है। कैमूर की पहाड़ी पर स्थित रोहतासगढ़ किला रोहतास से 40 किमी. की दूरी पर है। इस प्राचीन किले को अपनी बिहार वाली बकेट लिस्ट में जोड़ लीजिए।

4- बोध गया

बिहार की सबसे फेमस और एतहासिक जगह है, बोध गया। इसी जगह पर गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। जिसके बाद वे महात्मा बुद्ध हो गए थे। बिहार जाएं तो इस एतहासिक जगह पर जरूर जाएं। बोध गया में भगवान बुद्ध का महाबोधि मंदिर है। ये शहर का सबसे ऊँचा मंदिर है जो शहर ही हर जगह से दिखाई देता है। महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध की शांत मूर्ति है। इसके अलावा बोध गया में बोधि वृक्ष, महाबोधि स्तूप, वज्रासन और 80 मीटर ऊँची बुद्ध की विशाल मूर्ति भी बोध गया में है। इस शहर में आपको सिर्फ बुद्ध की बुद्ध नजर आएंगे।

5- शेरशाह का मकबरा

शेरशाह सूरी का नाम हम सबने इतिहास की किताबों में पढ़ा है। जिसने मुगल शासक हुमायूं को हराया था, जिसने ग्रैंड ट्रंक रोड बनवाई थी। उसी राजा का मकबरा बिहार में ही है। शेरशाह सूरी का मकबरा बिहार के सासाराम में है। ये मजार भारत की दूसरी सबसे ऊँची मजार है। मुगल आर्किटेक्चर का शानदार नमूना है ये मकबरा। मकबरे के चारों तरफ पानी भरा हुआ है जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनाता है। यहाँ के मेहराब आपको हैरान कर देंगे और दीवारों पर कुछ-कुछ लिखा हुआ है। बिहार के सबसे ऐतहासिक शासक का मकबरा आपको जरूर देखना चाहिए।

6- राजनगर

बिहार में कई अनछुई ऐतहासिक जगहें हैं जिनके बारे में कम लोगों को पता है ऐसी ही एक जगह है, नगर। राजनगर का आर्किटेक्चर बिहार के सबसे शानदार आर्किटेक्चर में से एक माना जाता था लेकिन आज इसे सिटी ऑफ रूइंस कहते है, खंडहरों का शहर। इसे दरभंगा के राजा रामेश्वर सिंह ने बनवाया था। वे इस जगह को दरभंगा की राजधानी बनाना चाहते थे लेकिन किसी वजह से ऐसा हो नहीं पाया। यहाँ पर शानदार पैलेस, महल और अधूरी पड़ी इमारतें हैं। काली मंदिर के पास में दो बड़े-बड़े तालाब हैं जो राजा ने बनवाए थे। 1934 में आए भूकंप में यहाँ की कुछ जगहें खंडहर बन गई हैं। फिर भी इस जगह का इतिहास महत्व है इसलिए बिहार की कम देखी जगह पर आपको जरूर आना चाहिए।

7- मनियार मठ

राजगीर बिहार की सबसे पुराने और ऐतिहासिक शहरों में से एक है। इसी ऐतिहासिक शहर में मनियार मठ है। कहते हैं कि इसे राजा जरासंध बनवाया था। मनियार का शाब्दिक अर्थ है मणि धारण करने वाला नाग। ये मंदिर सांप के आकार का बना हुआ है। मंदिर की दीवार भगवान शिव, विष्णु, नाग देवताओं और गणेश जैसे तमाम देवी-देवताओं की मूर्तियों बनी हुई हैं। ये मंदिर मिट्टी के अंदर दबा हुआ था बाद में 1862 में यहाँ की खुदाई मंे ये मंदिर मिला था। जिसके अंदर मंसा देवी की मूर्ति और कुछ प्राचीन जगहें थे। इनको नालंदा संग्रहालय में रखा गया है। मठ के पास में ही तीन यज्ञ कुंड भी बने हुए हैं कहते हैं कि यहाँ राजा जरासंध यज्ञ किया करता था।

8- वैशाली

वैशाली बिहार की सबसे प्राचीन जगहों में से एक है। इस जगह को सबसे पुराने लोकतंत्र के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा यहाँ पर महावीर का जन्म हुआ था और महात्मा बुद्ध ने अपना आखिरी उपदेश वैशाली में दिया था। वैशाली में महान अशोक का स्तंभ है। जिसे उन्होंने कलिंग विजय के बाद बनवाया था। ऐसी ही कई ऐतिहासिक स्मारको वाली जगह है, वैशाली। यहाँ के गाँवों में भी आपको बिहार के महत्वपूर्ण जगह देखने को मिलेगी। बिहार क्या है? इन्हीं जगहों पर आकर आपको समझ आएगा।

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