जमाना चाहे जितना भी आगे निकल जाए कुछ चीज़े कभी नहीं बदलती जैसे कि हमारा बचपन और बचपन के कुछ शौक।हर बच्चा कहीं घुमा हो या नहीं लेकिन वो zoo जरूर घूमना चाहता है।अलग अलग तरह के जानवर को देखने का जो मजा होता है वो बच्चो को एक अलग ही खुशी देता है।हम सब कभी न कभी zoo जरूर गए है कभी तो खुद के बचपन में या तो अपने बच्चो के बचपन में,कभी कभी तो हमारे स्कूल का पिकनिक भी zoo ही जाता है।हमारे देश के हर बड़े शहर में आपको zoo जरूर मिल जायेगा।लेकिन आज हम आपको अपने देश के कुछ सबसे बड़े zoo के बारे में बताएंगे जो भारत ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर है। जहां आप तरह तरह के जानवरो के साथ ही साथ तरह तरह के पेड़ और पौधे भी देख सकेंगे।आपको भी एक बार जरूर देखना चाहिए इन zoo को।
1. दिल्ली का चिड़ियाघर
दिल्ली का चिड़ियाघर एशिया के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक हैं।इसका निर्माण सन 1959 में किया गया था।इसके डिजाइन को श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था।यह चिड़ियाघर 214 एकड़ में फैला हुआ है।इस zoo मे जानवरों और पक्षियों की 22000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं। यहां पर ऑस्टेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया से लाए गए पशु-पक्षी भी देखे जा सकते हैं।साथ ही इस zoo में एक पुस्तकालय भी है जहां से पेड़, पौधों, पशु-पक्षियों के बारे में जानlकारी ली जा सकती है। दिल्ली का यह चिड़ियाघर पुराने किले के पास ही स्थित है।इस zoo के अंदर खाने पीने की चीजें लाना मना है|
समय :गर्मियां में यह सुबह 8-शाम 6 बजे तक खुला होता है और वहीं सर्दियों में सुबह 9-शाम 5 बजे तक ।शुक्रवार को यह zoo बंद रहता है
एंट्री फीस:व्यस्क पर्यटकों के लिए : 40 रूपये
बच्चो के लिए : 20 रूपये
विदेशी पर्यटकों के लिए : 200 रूपये
विदेशी बच्चो के लिए : 100 रूपये
2. असम का चिड़ियाघर
असम राज्य चिड़ियाघर सह बॉटनिकल गार्डन ,जिसे गुवाहाटी चिड़ियाघर के नाम से जाना जाता है,यह उत्तर पूर्व क्षेत्र में अपनी तरह का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है।यह zoo 432 एकड़ (175 हेक्टेयर) में फैला हुआ है ।आप यहां रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाटिक लायन, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई देशी और विदेशी पशु और पक्षियों को देख सकते हैं। इसके अलावा इस पार्क में विलुप्तप्राय सूअर पिग्मी हॉग (प्रोक्यूला सालवानिया) का संरक्षण भी किया जा रहा है। पिग्मी हॉग दुनिया में पाया जाने वाला सबसे छोटा जंगली सूअर है।इस चिड़ियाघर में लगभग 895 जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों का घर है, जो दुनिया भर के जानवरों और पक्षियों की लगभग 113 प्रजातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
समय:शुक्रवार को छोड़कर प्रतिदिन सुबह 7.00 बजे से शाम 4.30 तक खुला रहता है ।
एंट्री फीस:व्यस्क पर्यटकों के लिए : 30 रूपये प्रति व्यक्ति
बच्चो के लिए : 10
विदेशी पर्यटकों के लिए : 100
विदेशी बच्चो के लिए : 50 रूपये
कैमरा के लिए : 50 रूपये
3. दार्जीलिंग का चिड़ियाघर
दार्जीलिंग पश्चिम बंगाल का एक खूबसूरत शहर है जोकि अपनी खूबसूरत प्रकृति नजारों के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है दार्जीलिंग के चिड़ियाघर पद्मजा नायडू जैविक उद्यान को दुनियाभर के प्रतिष्ठित चिड़ियाघरों में शामिल किया गया है। 1878 ईस्वी में इस जू की स्थापना की गई थी। इसे अंतरराष्ट्रीय 'अवॉर्ड द अर्थ हीरोज' का अवॉर्ड भी मिल चुका है।दार्जीलिंग की दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे यूनेस्को की एक विश्व धरोहर है। यह उद्यान बर्फीले तेंदुए तथा लाल पांडे के प्रजनन कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध है। आप यहां साइबेरियन बाघ तथा तिब्बतियन भेड़िये को भी देख सकते हैं।
समय:गर्मियों में, चिड़ियाघर 8.30 बजे से शाम 4.30 बजे खुला रहता है और सर्दियों में, यह 4.00 बजे तक बंद हो जाता है। चिड़ियाघर गुरुवार को बंद रहता है।
एंट्री फीस:भारतीय नागरिकों को प्रवेश के लिए 20 रुपये और विदेशी नागरिकों को 50 रुपये है। कैमरे का इस्तेमाल करने के लिए आपको 10 रुपये अतिरिक्त देना होगा।
4. चेन्नई का चिड़ियाघर
चेन्नई में स्थित अरिनगर अन्ना जुलॉजिकल पार्क भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह देश का सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध चिड़ियाघर है और इसे देश का पहला पब्लिक जू भी कहा जाता है।चिड़ियाघर लगभग 1300 एकड़ में फैला हुआ है। यहां पर आप 1500 से ज्यादा पशु-पक्षियों की प्रजातियां
देख सकते है।इसके साथ ही इस चिड़ियाघर में पेड़-पौधों की 2553 प्रजातियाँ मौजूद हैं।आपको बता दें कि पहले इस zoo को मद्रास जू के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर तमिल नेता अरिनगर अन्ना के नाम पर कर दिया गया।
समय:प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक।मंगलवार को चिड़ियाघर बंद रहता है।
एंट्री फीस:पर्यटकों के लिए : 50 रूपये
बच्चो के लिए : 20 रूपये
5. हैदराबाद का चिड़ियाघर
हैदराबाद की बिरयानी और चारमीनार के बारे में तो सब जानते है ।पर क्या आप हैदराबाद के zoo के बारे में जानते है।इसे नेहरू जियोलॉजिकल पार्क कहा जाता है, जो विश्वस्तर का चिड़ियाघर है।इसकी स्थापना 1963 में हुई थी।यह चिड़ियाघर 380 एकड़ में फैला है।इस उद्यान में एक विशालकाय झील भी है। यहां पर आप दुर्लभ प्रजाति के शेर देख सकते हैं। इसके अलावा यहां कई दूसरे देशों से लाए गए पशु और पक्षियों की भी भरमार है।कई एकड़ में फैले इस उद्यान की खूबसूरती देखते ही बनती है।इस चिड़ियाघर की सबसे खास बात यह है कि यहां पर पर्यटक खुद के वाहन से भी घूम सकते हैं।यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए भी बहुत कुछ है।
समय:सोमवार को छोड़कर सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 8:00 बजे से शाम 5 बजे तक है।
एंट्री फीस:प्रति बच्चा (3-10 वर्ष) टिकट की कीमत ₹30।
एक वयस्क (10 वर्ष से अधिक आयु के सभी) के लिए ₹50 है।
प्रति वयस्क ₹60 है।
3 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए कोई टिकट नहीं है।
कैमरे का शुल्क ₹100 है।
6. केरल का चिड़ियाघर
दक्षिण भारत में स्थित केरल का त्रिवेंद्रम चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े और लोकप्रिय चिड़ियाघरों में से एक है।यह देश का दूसरा सबसे पुराना चिड़ियाघर है।इसका निर्माण 1857 ई में हुआ था।यह चिड़ियाघर तिरुवनंतपुरम के पीएमजी जंक्शन के पास स्थित है।इस चिड़ियाघर में अफ्रीकन मूल के शेर भी मौजूद हैं। इसके अलावा यहाँ मेंड्रिल बंदर व विदेशी पक्षी भी हैं। यहाँ भारतीय और विदेशी पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों का संग्रह है। इस चिड़ियाघर में नीलगिरि लंगूर, भारतीय गैंडा, एशियाई शेर और रॉयल बंगाल टाइगर देखने को मिलते हैं।यह चिड़ियाघर 55 एकड़ में फैला हुआ है।
समय:बुधवार को छोड़कर सभी दिनों में, तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर के खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक है।
एंट्री फीस:5 से 12 साल की उम्र के बच्चों के लिए शुल्क सिर्फ 5 रुपये है। वही चिड़ियाघर द्वारा दी जाने वाली समूह छूट बेहतर है। माता, पिता और 2 बच्चों के परिवार को केवल 25 रुपये का भुगतान करना पड़ता है, जबकि 35 छात्रों के समूह को केवल 100 रुपये का भुगतान करके प्रवेश की अनुमति है।
7. मैसूर का चिड़ियाघर
कर्नाटक के मैसूर में स्थित चिड़ियाघर दुनिया के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर का निर्माण 1892 में शाही घरानों के द्वारा हुआ था। इस चिड़ियाघर में करंजी झील भी है, जहां हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं।इस चिड़ियाघर में 40 से भी ज्यादा देशों से लाए गए जानवरों को देखा जा सकता है। यहां हाथी, सफेद मोर, दरियाई घोड़े, गैंडे और गोरिल्ला के अलावा देश-विदेश की कई प्रजातियां हैं। इसके अलावा यहाँ भारतीय और विदेशी पेड़ों की करीब 85 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं।
समय:सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक है।
एंट्री फीस:पर्यटकों के लिए 50 रूपये
बच्चो के लिए : 20 रूपये
तो इस वेकेशन आप अपने बच्चो के साथ इन चिड़ियाघरों का प्लान जरूर बनाएँ और एक बार फिर अपने बचपन से रूबरू हो जाएँ।
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