भारत में छोटी और बड़ी नदियों की संख्या लगभग दो सौ से भी अधिक हैं। भारत में मौजूद प्रत्येक नदी की एक अलग ही कहानी और एक अलग ही महत्व हैं। इन दो सौ नदियों में से कुछ ऐसी नदियाँ हैं, जो भारतीय लोगों के लिए बेहद ही पवित्र हैं। इन पवित्र नदियों में हर साल करोड़ों भक्त स्नान और पूजा-पाठ करते हैं। कुछ नदियाँ लोगों के जीवन यापन का मुख्य स्रोत भी हैं। भारत में नदियों को एक ख़ास दर्जा दिया जाता है, यहाँ नदियों को धर्म और आस्था से भी जोड़ कर देखा जाता है। दोस्तों, आज इस आर्टिकल में हम आपको भारत में मौजूद सबसे बड़ी और प्रमुख नदियों के बारे में करीब से बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
गंगा नदी
गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक है। हिमालय से निकलकर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार से होती हुई बंगाल की खाड़ी की में जाकर मिल जाती है। इस नदी के किनारे इलाहाबाद, वाराणसी और पटना जैसे प्रमुख शहर मौजूद है। अगर बात करें गंगा नदी की लम्बाई के बारे में तो भारत में इस नदी की कुल लम्बाई लगभग 25 सौ से भी अधिक किमी लंबी है। गंगा की कई सहायक नदियाँ हैं जैसे यमुना, चंबल, बेतवा और उनमें से एक प्रमुख घाघरा है, जो इसे पटना से पहले मिलती है। गंगा नदी में हरिद्वार और फरक्का बांध भी बंधें हुए है। भारत में सबसे लंबे सड़क पुल में से एक महात्मा गांधी सेतु पटना भी गंगा नदी पर बना हुआ है।
गोदावरी नदी
भारत की प्रमुख नदियों में से एक गोदावरी नदी भी है। यह नदी दक्षिण भारत की सबसे प्रमुख नदी है। दक्षिण भारत में इस नदी की पूजा-पाठ गंगा नदी के सामान होता है। गोदावरी नदी का उद्गम स्थल महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबक पहाड़ियां हैं। महाराष्ट्र से होते हुए यह नदी छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। इस नदी की लम्बाई लगभग 1464 किमी है। गोदावरी नदी की महिमा और पवित्रता कुछ ऐसी है की लोग कुम्भ मेले के अलावा अन्य अवसरों पर भी गोदावरी नदी में पवित्र स्नान के लिए इकट्ठा होते है।
यमुना नदी
पवित्र और सबसे बड़ी नदियों में तीसरे स्थान पर है यमुना नदी। हिमालय पर्वत में यमुनोत्री से निकलकर त्रिवेणी संगम, इलाहाबाद में मिल जाती है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदियों में से एक है। यह देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक है जिसके किनारे बसे गोकुल और मथुरा सबसे पवित्र शहर है। जबकि इसका उद्गम स्थल यमुनोत्री भी श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना हुआ है जहाँ देश के विभिन्न कोनो से श्रद्धालु यमुना देवी के दर्शन और पवित्र स्नान के लिए आते है। इस नदी के किनारे उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य भी है। यमुना नदी की लम्बाई लगभग 1376 किमी है।
नर्मदा नदी
नर्मदा नदी जो भारत में 'मां रेवा' के नाम से भी जानी जाती है। भारत की दस पवित्र नदियों में एक नर्मदा नदी भी है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक में मैकला पर्वतमाला से निकलती है और गुजरात और मध्य प्रदेश होती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। यह नदी गुजरात और मध्य प्रदेश के लिए लाइफ लाइफ भी मानी जाती है। इस नदी की लम्बाई 1312 किमी है। एक और खास बात नर्मदा नदी प्रायद्वीपीय भारत की केवल तीन प्रमुख नदियों में से एक है जो ताप्ती नदी और माही नदी के साथ पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है।
शिप्रा नदी
शिप्रा नदी मध्य प्रदेश में बहने वाली एक और प्रमुख नदी है जिसे हिंदू धर्म की सबसे पवित्र नदियों में से एक माना गया है। पवित्र नगरी उज्जैन इसके दाहिने किनारे पर स्थित है जो भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक के लिए प्रसिद्ध है जिसे महाकालेश्वर के नाम से जाना जाता है। हर 12 साल में उज्जैन में कुंभ मेला उत्सव होता है जिस दौरान लाखों लोग पवित्र नदी शिप्रा में पवित्र स्नान और स्नान करते हैं। यह पवित्र नदी इंदौर के उज्जैनी मुंडला गांव की ककड़ी बड़ली नामक स्थान से निकलती है और चंबल नदी में जाकर मिल जाती है। इस नदी की लम्बाई भारत में 195 किमी है।
कावेरी नदी
कावेरी नदी भारत की सात सबसे पवित्र नदियों में अंतिम नदी है जो हिन्दुओं के लिए काफी महत्वपूर्ण स्थान रखती है। कावेरी नदी को दक्षिण भारत की अत्यंत पवित्र नदी माना जाता है। यह पश्चिमी घाट में ब्रह्मगिरी पहाड़ी से निकलती है और कर्नाटक और तमिलनाडु के हृदय स्थल से होकर गुजरती है। यह प्रायद्वीप की प्रमुख नदियों में से एक है जो पूर्व में बहती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है। मेट्टूर बांध कावेरी नदी पर बना एक बड़ा बांध है। कावेरी नदी का सुंदर शिवसमुद्रम जलप्रपात भारत का दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात है। भारत में इसकी कुल लम्बाई 805 किमी है।
सरस्वती नदी
सरस्वती एक प्राचीन नदी है जो वेदों में भी वर्णित है, जो वैदिक युग के दौरान उत्तर भारत में बहती थी। हालांकि आज उस प्राचीन नदी का भौतिक अस्तित्व नहीं है, जो कही रेगिस्तान में खो गई। भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक सरस्वती नदी शिवालिक पर्वतमाला, हिमालय से निकलकर त्रिवेणी संगम में जाकर मिलती है। इलाहाबाद में त्रिवेणी संगम 3 नदियों का संगम है, इन तीनों में से एक सरस्वती नदी भी है जिससे इस नदी की पवित्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है। अक्सर भारत की सबसे पवित्र नदियों में गंगा, युमना और सरस्वती के नाम ही सबसे ऊपर लिए जाते है। इस नदी की लम्बाई लगभग 1600 किमी है। आपको बता दूं कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में बहती है यह नदी।
ब्रह्मपुत्र नदी
आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि ब्रह्मपुत्र को नदी नहीं बल्कि नाद माना जाता हैं। ब्रह्मपुत्र नाद को पुरुष के रूप में माना जाता हैं और यह भारत के सबसे बड़े और पवित्र नादों में से एक ब्रह्मपुत्र नाद ही है। मानसरोवर से निकलने के बाद यह नाद अरुणाचल प्रदेश, असम से होती हुई बगल की खाड़ी से जाकर मिल जाता हैं। आपको बता दूं कि चीन में सांग्पो नदी, बांग्लादेश में जमुना नदी और अरुणाचल प्रदेश में दिहांग नदी के नाम से ब्रह्मपुत्र नाद को जाना जाता है। इस नाद की लम्बाई लगभग 2900 किमी है।
कृष्णा नदी
कृष्णा नदी दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है। महाराष्ट्र राज्य में महाबलेश्वर से निकलकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बहती है। इस नदी के पानी से कई राज्यों के लोग खेती भी करते हैं। इस नदी की कुल लम्बाई लगभग 13 सौ किमी के आसपास है।
ताप्ती नदी
ताप्ती नदी की उत्पत्ति मध्य प्रदेश राज्य में बैतूल जिले में होती है। ताप्ती नदी मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में बहती है। अगर बात करूं, इस नदी की लम्बाई के बारे में तो यह 724 किमी लंबी है।
इस आर्टिकल में हमने भारत की पवित्र नदियाँ के बारे में बताया है आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
अपनी यात्राओं के अनुभव को Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती के सफ़रनामे पढ़ने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना Telegram पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।