कोरोना के कारण बंद पड़ी भूटान की सीमाएं ढाई साल बाद अब सैलानियों के लिए खुली हैं। भूटान यात्रा की प्लानिंग के दौरान ध्यान रखने वाले कुछ पॉइंट्स मैंने अपनी पिछली पोस्ट में बताये हैं। आज बात करते हैं कि वहाँ घूमने के लिए अच्छी जगहें कौनसी हैं और उन्हें किस आर्डर में घूमना ठीक रहता हैं। सबसे पहले भूटान घूमने के लिए आपको भूटान के फुटशोलिंग नामक कस्बे से परमिट बनवाना होता हैं। यह एकदम इंडिया की बॉउंड्री पर बसा हैं। पैदल पैदल घूमते हुए ही दिन में कई बार भारत से भूटान ,भूटान से भारत आया जा सकता हैं।केवल एक दरवाजे का फर्क हैं और दोनों देशों में कई फर्क आपको केवल कुछ कदम चलकर ही देखने को मिल जाएगा।तो चलिए देखते हैं कि भूटान में क्या क्या जगह दर्शनीय हैं-
1. फुटशोलिंग
वैसे इस जगह तो सबको जाना पड़ता ही हैं अगर जयगांव की तरफ से भूटान में प्रवेश करना हैं तो। यह भारत की सीमा पर भूटान का सबसे पहला गाँव हैं। यहाँ तो लोग पैदल ही पहुंच जाते हैं। अगर यहाँ की बात करे तो सबसे प्रसिद्द चीज जो यहाँ हैं वह है -भूटान दरवाजा। भारत- भूटान में आवागमन के लिए बना यह सुन्दर दरवाजा बहुत ही ज्यादा अट्रैक्टिव हैं। इसे देख कर आप बिना इसके साथ फोटो लिए आगे ना बढ़ेंगे। इसके अलावा यहाँ एक बौद्धिस्ट मंदिर भी हैं ,शॉपिंग के लिए बाजार और खाने के लिए कई शानदार रेस्टोरेंट्स मिलेंगे।यहाँ से परमिट लेकर आप थिम्फु की तरफ आगे बढ़ सकते हैं।
2. थिम्पू
फुटशोलिंग से थिम्पू की दूरी करीब 160 किमी हैं ,रोड शानदार हैं।पुरे रास्ते एकदम हरे भरे और साफ़ सुथरी रोड। कई जगहों पर,पहाड़ों पर ,पेड़ों पर रंग बिरंगे बुद्धिस्थ प्रार्थना ध्वज लगे दिखाई देते हैं,छोटे छोटे मठ ,स्तूप तो पुरे भूटान में मिलते हैं। थिम्पू वैसे तो भूटान की राजधानी हैं और बड़ा शहर होने के नाते आपको यहाँ हर एक सुख सुविधा मिलेगी जैसे लक्ज़री होटल्स ,रेस्टोरेंट्स ,क्लब्स आदि लेकिन घुमक्क्ड़ी की दृष्टि से यहाँ जो दो जगहें सबसे ज्यादा प्रसिद्द हैं वे है - 170 फ़ीट बुद्धा मूर्ति और Memorial chorten नाम का बुद्धिस्ट मंदिर।
170 फ़ीट का बुद्धा स्टेचू थिम्पू की लगभग हर प्रसिद्द जगह से नजर आता हैं ,यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय सुबह जल्दी या शाम का समय हैं। यहाँ से थिम्फू शहर का पूरा व्यू नजर आता हैं। पहाड़ी पर होने के कारण ,कई लोग यहाँ पैदल ट्रेक कर के भी पहुँचते हैं। Memorial chorten एक शानदार ,खूबसूरत सफ़ेद रंग का बुद्धिस्ट मंदिर हैं ,जहाँ फोटोग्राफी का आनंद तो आएगा ही ,साथ ही साथ बहुइमारती इस मंदिर में कई बौद्धिष्ट देवी देवताओं के चित्र देखने को मिलेंगे। यहाँ का हेरिटेज म्यूजियम भी उन लोगों को पसंद आएगा जिन्हे प्राचीन चीजों को जानने का शौक हैं। इस म्यूजियम में प्राचीन हथियार ,कृषि यन्त्र ,रसोई के सामान आदि कुछ देखने को मिलेंगे। इन सबके अलावा कुछ खूबसूरत मठ भी यहाँ देखने लायक हैं। थिम्फू को आराम से घूमने के लिए एक दिन काफी हैं।
3. पुनाखा
थिम्पू से यह जगह 75 किमी की दूरी पर हैं। थिम्फू से पहले भूटान की राजधानी पुनाखा ही थी। यहाँ भी जाते हुए रास्ते उतने ही खूबसूरत मिलेंगे जितने कि जयगांव से थिम्फु पहुंचने के दौरान मिलते हैं। थिम्फु और पुनाखा के बीच पड़ता हैं भूटान का सबसे प्रसिद्ध पास - 'दोचुला'। एकदम मुख्य रोड पर ही आपको 108 स्तूप एक साथ नजर आएंगे और उनके साथ ही विशाल पार्किंग। यह जगह अपनी खूबसूरती की वजह से विश्वप्रसिद्ध हैं। 10000 फ़ीट की उँचाई होने के कारण यहाँ हमेशा ठंड मिलती हैं और सर्दियो में बर्फ गिरती हैं। इन 108 स्तूपों को आराम से घूमने के बाद आप यही पास बने कैफ़े में चाय, कॉफी या स्नेक्स ले सकते हैं।
पुनाखा से कुछ पहले ही भूटान का एक सबसे प्रसिद्द और चर्चित बुद्धिस्ट मठ 'चिमी लेखंग मठ ' का रास्ता भी जाता हैं। यह चर्चित इसीलिए हैं क्योकि यहाँ पुरुष लिंग की पूजा होती हैं। यहाँ के घरों की दीवारों पर इन्ही के फोटो बने मिलेंगे ,दुकानों पर इन्ही के चित्र और मूर्तियां यहाँ बिकते हुए आप पाएंगे। यहाँ संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती हैं। इस मठ से कुछ ही दूरी पर ही पुनाखा बसा हैं जो कि भूटान का एक और बड़ा शहर हैं।यहाँ गली गली में कई नाईट क्लब्स मिलेंगे। पुनाखा मे सबसे प्रसिद्द जगह हैं -पुनाखा जोंग /मठ। यह मठ पोचू और मोचू नाम की दो नदियों के संगम पर बना हैं। बाहर से देखकर ही इसकी सुंदरता के लोग कायल हो जाते हैं। इसमें प्रवेश के लिए तो टिकट भी लेना होता हैं। अंदर भगवान् बुद्ध की कई विशाल मूर्तियां मिलती हैं ,जिनके सामने बैठ कर आप मेडिटेशन कर सकते हैं।
4. पारो
पुनाखा से 130 किमी दूर आपको मिलेगा पारो शहर। लेकिन इसी बीच एक और खूबसूरत जगह जो आएगी वो हैं -चलेला दर्रा। जहाँ 12500 फ़ीट की ऊंचाई पर आपकी हड्डियां ठंड से काँप उठेगी। इस दर्रे के आसपास दो ट्रैकिंग रुट्स ,कई तरह फूल ,झरने और अन्य ग्लेशियर्स का शानदार व्यू मिलता हैं। इसके बाद आता हैं शहर पारो। भूटान में शॉपिंग करनी हो तो पारो से करिये। यहाँ कई शानदार मार्केट्स आपको मिलेंगे। कैफ़े में केरोके पर लाइव गाने गाते हुए पीये खाये। पारो शहर से 10 किमी की दूरी पर स्थित हैं -'विश्वप्रसिद्ध टाइगर्स नेस्ट'।
कहते हैं भूटान आये और टाइगर्स नेस्ट का ट्रेक नहीं किया तो फिर क्या किया। इसे घूमने के लिए देश विदेशों से सैलानी आते हैं। यह जगह भूटान की शान हैं। यहाँ करीब 20 किमी का पैदल जंगली ट्रेक चढ़ कर लोग पहुंचते हैं और एक पहाड़ी के बीच लटके से मठ को विजिट करते हैं। गूगल पर केवल 'भूटान ' लिखते ही इस जगह की ही छवियाँ आपको देखने को मिलेगी। इस ट्रेक पर आलरेडी मैंने एक आर्टिकल लिखा हुआ हैं।
अगर आप 5-6 दिन की प्लानिंग लेकर भूटान आये हैं तो यह सब जगहें इसी क्रम में एक साथ आसानी से कवर हो जायेगी।भूटान की मेरी बाइक ट्रिप यात्रा का पूरा वृतांत का लिंक आप मुझसे ले सकते हैं।
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